Sunday, January 29, 2012

बाराबंकी २६८ में चुनावी सरगर्मी चरम पर- जाति बल पर धन बल के हावी होने की सम्भावना ,अनिश्चिंतता बरक़रार

अरविन्द विद्रोही ............ बाराबंकी विधान सभा २६८ में मतदाताओ की ख़ामोशी ने सभी प्रत्याशियो को बेक़रार कर रखा है , जाति को आधार बना कर राजनीति का तकाजा ही है कि अपने अपने जाति को अपने पक्ष में पक्का मान रहे प्रत्याशी आत्म मुग्धता में पड़े हुये है | समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव को अपने स्वजातिए मतदाताओ पर मुलायम सिंह यादव के नाम पर पूरा भरोसा है,मुस्लिम मतों,कुर्मी मतों और अपने पिता स्व रामचंद्र बख्श सिंह के नाम के भरोसे पीस पार्टी के प्रत्याशी अजय वर्मा उर्फ़ बबलू अपनी जीत पक्की मान रहे है|वर्तमान विधायक संग्राम सिंह वर्मा बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर सवार होकर अपने व अपने परिजनों के कार्यकाल में कराये गये विकास कार्यो ,बसपा के आधार मतदाताओ और अपने व्यक्तिगत जनाधार के आधार और व्यवहार पर एक बार पुनः विधान सभा में बाराबंकी २६८ का प्रतिनिधितित्व करने को तैयार है |समाजवादी पार्टी के पुराने नेता रहे छोटे लाल यादव इस चुनाव में बेनी प्रसाद वर्मा-केंद्रीय इस्पात मंत्री के साथ उनके दिलाये पंजा निशान के साथ चुनावी समर में अपनी दावेदारी साबित करने में मुस्तैदी से जुटे है | अपने स्वजतिये यादव बिरादरी के मतदाताओ के साथ साथ मुस्लिम और बेनी प्रसाद वर्मा के प्रभाव के बलबूते विधान सभा पहुचने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी धुर समाजवादी छोटेलाल यादव समाजवादी पार्टी के तमाम पुराने साथियो से संपर्क बनाये हुये है जो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुरेश यादव के लिए घातक हो सकता है | यादव मतों में विभाजन सपा प्रत्याशी को चुनावी जंग में पीछे धकेल देगा इसमें कोई शक नहीं है यही कारण है कि सपा प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत व उर्जा यादव मतदाताओ को अपने पाले में करे रहने में लगा रहे है | इन सभी प्रत्याशी से अलग अंदाज़ में निर्दालिये प्रत्याशी मुकेश सिंह वर्मा अपने किसान यूनियन के साथियो के द्वारा किये गये समाज सेवा के बदले मेवा रूपी मत मांग रहे है |भारतीय जनता पार्टी के युवा प्रत्याशी संतोष सिंह अपने समर्थको के साथ घर घर जन संपर्क को अपना मूल आधार बनाकर विचार धार पर आम जनता से मत मांग रहे है | सौम्य व ईमानदार छवि के संतोष सिंह बाराबंकी २६८ की जाति व धन बल युक्त चुनावी राजनीति के दलदल में भाजपा का कमल खिला पाते है की नहीं यह आने वाला वक़्त ही बताएगा लेकिन प्रत्यशियो के राजनीतिक सामाजिक आकलन में संतोष सिंह बाराबंकी विधान सभा के सभी घोषित प्रत्याशियो से बेहतर ही है यह सभी मानते व जानते है | बाराबंकी की जनता ने अगर जाति और धन बल को तवज्जो नहीं दिया तो बाराबंकी में चुनाव सिर्फ संतोष सिंह और मुकेश सिंह वर्मा के बीच होना निश्चित है ,यही दो प्रत्याशी है जो आम जनता के लिए सदैव कार्यरत रहते है |बाकी प्रत्याशी अपने अपने राजनीतिक दल,अपने जाति बल व धन बल के भरोसे जनता को लुभाने में लगे है ,जनता के लिए संघर्ष का कोई इतिहास इन दोनों के अलावा किसी का नहीं रहा है |

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