Friday, July 22, 2011

समाजवादी संकल्प-सोच - कल , आज और कल

अरविन्द विद्रोही डॉ राम मनोहर लोहिया वंचितों की आवाज के रूप में सदैव स्मरण किये जाते रहेंगे तथा उनके विचार व संघर्ष हमेशा लोगो को राह दिखाते रहेंगे | क्रान्तिकारियो के बौद्धिक नेता भगत सिंह को अपना नेता मानने वाले डॉ लोहिया ने अपना सम्पुर्न्य जीवन सत्ता के बेलगाम शोषक चरित्र के खिलाफ लड़ने व सत्ताधीशों की नींद हराम करने में बिताया | चाहे वो गुलामी की बेडिओं में भारत माता को जकड़े ब्रितानिया हुकूमत की गोरो की सरकार रही हो या १९४७ के बाद आजाद भारत की अंग्रेज व अंग्रेजी परस्त गुलाम मानसिकता में जकड़ी कांग्रेस की जवाहर लाल नेहरु की सरकार रही हो , डॉ लोहिया ने मन से , वचन से और कर्म से इनको कटघरे में खड़ा किया | भारत की राजनीति में समाजवाद की अवधारणा युवा वर्ग और क्रान्तिकारियो को निरंतर प्रभावित करती रही है | क्रान्तिकारियो के संगठन हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र संघ की तरफ से १९२९ में लाहौर कांग्रेस में घोषणा पत्र का वितरण किया गया | यह घोषणा पत्र भगत सिंह , सुखदेव व अन्य साथियो से विचार- विमर्श के बाद भगवती चरण वोहरा ने बनाया था , इसका वितरण दुर्गा भाभी के नेतृत्व में क्रान्तिकारियो ने किया था | इस घोषणा पत्र में लिखा गया ---- भारत साम्राज्यवाद के जुवे के नीचे पिस रहा है | इसमें करोडो लोग आज अज्ञानता और गरीबी के शिकार हो रहे है | भारत की बहुत बड़ी जनसँख्या जो मजदूरों और किसानों की है , उनको विदेशी दबाव एवं आर्थिक लूट ने पस्त कर दिया है | भारत के मेहनत कश वर्ग की हालत आज बहुत गंभीर है | उसके सामने दोहरा खतरा है , विदेशी पूंजीवाद का एक तरफ से और भारतीय पूंजीवाद के धोखे भरे हमले का दूसरी तरफ से | भारतीय पूंजीवाद विदेशी पूंजी के साथ हर रोज बहुत से गठजोड़ कर रहा है | कुछ राजनीति नेताओ का डोमिनियन यानि की प्रभुता सम्पन्य का दर्ज़ा स्वीकार करना भी हवा के इसी रुख को स्पष्ट करता है | ........भारतीय पूंजीपति भारतीय लोगो को धोखा देकर विदेशी पूंजीपतियो से विश्वाश घात की कीमत के रूप में सरकार से कुछ हिस्सा प्राप्त करना चाहता है | इसी कारण से मेहनत कश की तमाम आशाएं अब सिर्फ समाजवाद पर टिकी है और सिर्फ यही पूर्ण स्वराज्य और सब भेद-भाव ख़त्म करने में सहायक साबित हो सकता है | देश का भविष्य नौजवानों के सहारे है | वही धरती के बेटे है | उनकी दुःख सहने की तत्परता , उनकी बेख़ौफ़ बहादुरी और लहराती क़ुरबानी दर्शाती है कि भारत का भविष्य उनके हाथ में सुरक्षित है | एक अनुभूति-मय घडी में देश बंधु दास ने कहा था , --नौजवान भारत माता कि शान एवँ आशाएं है | आन्दोलन के पीछे इनकी प्रेरणा है , उनकी कुरबानिया है और उनकी जीत है | आजादी की राह पर मशाले लेकर चलने वाले ये ही है , मुक्ति की राह पर ये तीर्थ यात्री है | आज इस घोषणा पत्र के जारी होने के लगभग ८२ वर्षो के अन्तराल और ब्रितानिया हुकूमत से आजादी के ६३ वर्षों बाद भी सरकारों का चरित्र लेश मात्र भी नहीं बदला है | आजाद भारत में डॉ लोहिया ने एक सत्याग्रही के रूप में मारेंगे नहीं पर मानेंगे नहीं का उदघोष किया | यह नारा, यह सिधान्त भारत की ब्रितानिया दासता से मुक्ति के बाद पुरे देश में जन अधिकारों के लिए संघर्ष का सत्ता के अत्याचार-शोषण-अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने का , सत्ता के कानो में जनता की आवाज पहुचने का एक निर्भीक दर्शन बन गया है | अन्याय करना और अन्याय सहना दोनों काम को डॉ लोहिया अनैतिक मानते थे | दफा १४४ को भारत के संविधान में प्रदत्त अधिकारों के खिलाफ मानने वाले डॉ लोहिया ने दफा १४४ का विरोध करते हुए तकरीबन साठ बार जेल यात्रा की | डॉ लोहिया की नज़र में महात्मा गाँधी की सबसे बड़ी देन यह है कि उन्होंने सत्याग्रह और सिविल नाफ़रमानी के सिधांतो को प्रतिपादित करके जनता को निरंकुश-गैर जिम्मेदार-भ्रष्ट शासन सत्ता से संघर्ष का एक अमोघ अस्त्र दिया | डॉ लोहिया सिविल नाफ़रमानी को लोकतंत्र का कवच मानते थे | डॉ लोहिया के द्वारा आजाद भारत में सरकार कि गलत नीतिओ के खिलाफ सिविल नाफ़रमानी और सत्याग्रह चलाये जाने पर जवाहर लाल नेहरु ने संसद में कहा था कि हमारे मित्र डॉ राम मनोहर लोहिया आजाद हिंदुस्तान में भी सत्याग्रह करना चाहते है जिसका कि कोई अर्थ और औचित्य नहीं है| आज भी कांग्रेस की सरकार लोकपाल मामले और काला धन वापसी मामले पर आन्दोलन कर रहे लोगो और संगठनो पर इसी प्रकार की टिप्पणिया करके अपना शोषक , जन विरोधी चरित्र प्रदर्शित कर रही है | डॉ लोहिया समाजवादी आन्दोलन के माध्यम से एक ईसर सत्याग्रहियो का संगठन तैयार करना चाहते थे जो सत्ता का मोह त्याग कर पुरे देश में निरंतर अन्याय के खिलाफ सत्याग्रह करता रहे, आज डॉ लोहिया का यह सपना विभिन्न संगठनो के रूप में साकार हो चुका है | डॉ राम मनोहर् लोहिया ने भगत सिंह सरीखी क्रांतिवादिता, गाँधी की तरह का सत्याग्रही चरित्र व स्व अर्जित मानसिक दृढ़ता के बलबूते समाजवाद व भारत की राजनीति को एक नई दिशा दी | आज डॉ लोहिया के लोगो में मुलायम सिंह यादव व उनकी समाजवादी पार्टी राजनीतिक फलक पर डॉ लोहिया के विचारो और समाजवाद का प्रतिनिधत्व कर रही है | जार्ज फर्नान्डीज़ और ठाकुर रामेश्वर सिंह बीमार हालत में अपने जीवन के अंतिम पलों को जी रहे है | रघु ठाकुर जैसे धुर समाजवादी अपना अलग दल लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी संचालित कर रहे है | समाजवाद का नाम लेकर स्वार्थी राजनीति करने वाले कुछ लोग भ्रष्ट कांग्रेस की गोद में बैठ कर सत्ता सुख की मलाई काट कर कांग्रेस की दया- कृपा पर राजनीतिक जीवन यात्रा का आनंद ले रहे है | जिस कांग्रेस को और जिसकी नीतिओ को डॉ लोहिया देश- समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते थे , उसका महिमा गान करने वाला डॉ लोहिया का अनुयायी किस प्रकार से हो सकता है ? आज उत्तर प्रदेश समेत समूचा भारत उन्ही तमाम समस्याओ व दुश्वारियो से त्रस्त है जिन पर क्रान्तिकारियो ने अपनी चिंता प्रकट की थी , जिसके खिलाफ वो लड़े थे तथा भारत के आम जन के हितार्थ आजादी के लिए मौत तक का वरन स्वतः किया | आज क्रान्तिकारियो के वंशज भी जनता की पैदा को समझ कर सार्वजनिक - राजनीतिक जीवन में सक्रिय हो चुके है | एक बार पुनः देश में नूतन जंग ए आजादी का माहौल बनता दिख रहा है | आज भी वही लूट व अत्याचार भीषण रूप से जारी है जिसके खिलाफ डॉ लोहिया लड़ते हुए म़र गये तथा कह गये कि लोग मेरी बात सुनेंगे जरुर लेकिन मेरे मरने के बाद | आज विभिन्न संगठन भ्रस्टाचार व शोषण-अत्याचार के खिलाफ , जन अधिकारों कि बहाली के लिए सत्याग्रह का मार्ग अपना रहे है | जन आन्दोलनों ने सरकारों को चेतावनी दे दी है | आज लोक नायक जय प्रकाश नारायण के हुँकार सिघासन खाली करो कि जनता आती है, जनता कि हुँकार बन चुकी है | जनता भ्रष्ट व नाकारा सरकारों से त्रस्त है | समाजवादी सोच , संघर्ष के विस्तार हेतु लोक कल्याण के लिए एक बार पुनः कांग्रेस के खिलाफ डॉ लोहिया - जय प्रकाश के मानने वालो , समाजवादी चिंतको , संगठनो को एक साथ जुटना होगा | डॉ लोहिया और लोक नायक जय प्रकाश समेत तमाम समाजवादी नेताओ की आत्मा समाजवादी राज्य व मूल्यों की स्थापना के लिए आज भी निहार रही है, यह मुझे प्रतीत होता है.....

Friday, July 8, 2011

उत्तर प्रदेश में संघर्ष की विरासत निभाते अखिलेश यादव


उत्तर प्रदेश में संघर्ष की विरासत निभाते अखिलेश यादव अरविन्द विद्रोही लोकतान्त्रिक मूल्यों की खुले आम अवहेलना करने पर आमादा उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार और केंद्र की कांग्रेस सरकार ने पूंजीवादी शोषक तंत्र के हितार्थ आम जनों को अनवरत धमकियाने और लतियाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है | उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री मायावती के नेतृत्व में बेलगाम नौकरशाही ने राजनीतिक कार्यकर्ताओ और अपनी मांगो पर आन्दोलन कर रहे तमाम संगठनो और लोगो पर पुलिस बालो का बेजा इस्तेमाल कर के मान मर्दन करना जारी रखा है | वही दूसरी तरफ सोनिया गाँधी की कठपुतली केंद्र की मनमोहन सरकार ने राम लीला मैदान में एकत्र सत्याग्रहियो पर रात्रि में बर्बर अत्याचार कर के अपना जन विरोधी पूंजीवादी शोषक चरित्र एक बार पुनः उजागर कर दिया | पुरे देश में विदेश से काला धन वापस लाने के लिए , कृषि भूमि के अधिग्रहण के विरोध में , लोकपाल विधेयक के गठन पर आम जन मानस चर्चा कर रहा है और उद्वेलित भी है | उत्तर प्रदेश में बसपा के शासन काल में लगातार हुई बलात्कार की घटनाओ की , हत्या की घटनाओ का सार्थक प्रतिकार करके दोषीओ को दण्डित करवाने की जगह कांग्रेस- भाजपा के द्वारा जबानी जमा खर्ज करके बसपा और मुख्यमंत्री मायावती को घेरने की खाना-पूरी की गयी है | किसानों की दुखती नस भूमि अधिग्रहण के मनमाने मामलो पर कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी नित नए प्रायोजित नौटंकी समारोहों का आयोजन करके स्वतः स्फूर्ति का अनुभव कर रहे है | आजादी के पश्चात् सर्वाधिक वर्षो तक निर्बाध शासन करने वाली कांग्रेस किसान हित विरोधी ब्रितानिया हुकूमत के द्वारा थोपे गये भूमि अधिग्रहण अधिनियम को ख़त्म नहीं कर सकी और आज केंद्र सरकारों के नाकारेपन का ही दुष्परिणाम है कि आज किसानों को अपनी माँ सरीखी कृषि भूमि के व परिवार के हितार्थ हथियार उठा कर जान लेनी व देनी पड़ रही है | काले धन के सवाल पर सर्वोच्च न्यायलय के द्वारा केंद्र सरकार को फटकार लगाना व निर्देश देने का क्या परिणाम निकलेगा यह भविष्य के गर्त में है | राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने भी शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के विषय में और उसके दुष्परिनामो पर तत्कालीन कांग्रेसी प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु को आगाह किया था | महात्मा गाँधी की सलाह व निर्देश की परवाह ना तो तब जवाहर लाल नेहरु ने की थी और ना अब कांग्रेस की सरकार करती है | समाजवादी विचारक डॉ राम मनोहर लोहिया भ्रस्टाचार निवारण के लिए स्थायी आयोग के गठन की वकालत करते थे | कृषि भूमि के अधिग्रहण के सख्त विरोधी डॉ लोहिया सरकारों के इस कृत्य को भारत की ग्राम्य व्यवस्था पर चोट मानते थे | विकास के अनियंत्रित और अनियोजित दौड़ में अन्न दाता और श्रमिक वर्ग को रौंदने का काम आजाद भारत की सरकारों ने बखूबी किया है | सरकारों के जनविरोधी कृत्यों का पुरजोर प्रतिकार समाजवादियो ने निरंतर किया है | गुलाम भारत में ब्रितानिया हुकूमत के जुल्मो से लड़ने वाले डॉ राम मनोहर लोहिया और लोक नायक जय प्रकाश सरीखे समाजवादियो ने आजाद भारत की जनविरोधी कांग्रेस सरकार को सड़क से लेकर संसद तक कटखरे में खड़ा किया | डॉ लोहिया और मधु लिमये द्वारा संसद में उठाये गये सवालों का समुचित जवाब देने में मंत्री ही नहीं प्रधान मंत्री भी नाकामयाब होते रहे है | इंदिरा गाँधी के तानाशाही - जनविरोधी रवैये के खिलाफ जब जय प्रकाश ने आन्दोलन की बागडोर संभाली तब भारत की तरुनाई ने आम जन के साथ मिल के कांग्रेस की भ्रष्ट व निक्कमी सरकारों को उखाड़ फैंका | निरंकुश व भ्रष्ट सरकारों के खिलाफ संघर्ष ही समाजवादियो की पूंजी है | समाजवादी संघर्ष की इस विरासत को डॉ लोहिया और जय प्रकाश के देहावसान के पश्चात् सजोने व विस्तार देने का काम मुलायम सिंह यादव ने बखूबी अंजाम दिया | समाजवादी कार्यकर्ताओ ,ग्रामीण जनता , छात्रों - युवाओ पर अपनी मज़बूत पकड़ की बदौलत मुलायम सिंह यादव धरती पुत्र के संबोधन से भी नवाजे गये है | गाँधी - लोहिया - जय प्रकाश के सिधांतो के अनुपालन में तनिक भी विचलित ना होने के कारण , तात्कालिक अन्याय का विरोध करने के कारण , सरकारों के भ्रष्ट रवैये के खिलाफ हल्ला बोलने के कारण मुलायम को जिद्दी भी माना गया | समाजवादी आन्दोलन में भटकाव व कमिया भी आई परन्तु जन संघर्ष की विरासत जो मुलायम सिंह ने अर्जित की उस पर वो निः संदेह खरे ही उतरे है | आज छोटे लोहिया कहे जाने वाले जनेश्वर मिश्र हमारे बीच सशरीर नहीं है | डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारो के आजीवन प्रचारक व समाजवादी आन्दोलन के प्रखर चिन्तक छोटे लोहिया - जनेश्वर मिश्र ने ही सर्व प्रथम अखिलेश यादव से कहा था कि तुमको राजनीति ही करनी है | जब अखिलेश यादव बोर्डिंग में रह कर पढाई कर रहे थे , तब अवकाश में एक बार लखनऊ आने पर मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश कि मुलाकात जनेश्वर मिश्र से करवाई | अखिलेश यादव के द्वारा जनेश्वर मिश्र का चरण स्पर्श करने पर जनेश्वर मिश्र ने आशीर्वाद स्वरुप जोर से पीठ पर हाथ मार कर कहा था कि युवाओ को सार्थक व सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए और पढाई के बाद तुमको भी करनी पड़ेगी | पढाई पूरी करने के बाद अखिलेश यादव जब राजनीति में आये तो तमाम समाजवादी विचारको के सान्निध्य के कारण समाजवादी आन्दोलन के कारण और प्राथमिकतायें क्या हो यह समझने का भरपूर अवसर मिला | कन्नौज की लोकसभा सीट से १९९९ में प्रत्याशी के रूप में अखिलेश यादव का नामांकन करने पहुचे छोटे लोहिया ने पत्रकारों के परिवारवाद के सन्दर्भ मर प्रश्न का जवाब देते हुए कहा था - यह संघर्ष का परिवारवाद है सत्ता का नहीं | छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र के इस प्रत्युतर का मान रखते हुए युवा अखिलेश यादव ने लोख्सभा चुनाव जीतने के पश्चात् क्रांति रथ निकल कर प्रदेश का भ्रमण कर संघर्ष की शुरुआत की | वर्त्तमान युवा पीढ़ी में विरलों को ही धुर - खांटी समाजवादियो का सान्निध्य व मार्गदर्शन रुपी आशीर्वाद मिला है | जनेश्वर मिश्र के शिष्य के रूप में डॉ लोहिया की आर्धिक नीतिओ , किसानों - मजदूरों , युवाओ , महिलाओ , आम जन से जुड़े मुद्दों को सड़क व संसद दोनों जगह उठाने में अखिलेश यादव किसी भी समकालीन युवा संसद से पीछे नहीं है | समाजवादी पार्टी के साधारण कार्यकर्ता , फिर युवा प्रकोष्ठों के प्रभारी तथा वर्त्तमान में उत्तर प्रदेश के संगठन के मुखिया की जिम्मेदारी निभा रहे अखिलेश यादव में समाजवादी आन्दोलन व जन संघर्ष को आगे बढ़ाने का मदद भी है और सोच भी है | अपने सरल स्वभाव के कारण वे आम युवाओ व समाजवादी कार्यकर्ताओ के ह्रदय में जगह बनाने में कामयाब हो रहे है | राजनीति एक दिन की नौटंकी नहीं होती है यह मानने वाले और जिनके लिए राजनीति सामाजिक दायित्वों की पूर्ति का माध्यम हैं , वे आज उत्तर प्रदेश की बसपा और केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अखिलेश यादव के नेतृत्व में जन संघर्ष के लिए गाँव - देहात में अलख जगाने को तत्पर है | पुराने समाजवादियो को एकत्र करना तथा पार्टी के प्रचार अभियान में युवा चेहरों को उतारना यह दो बड़ी संगठानिक चुनौती अखिलेश यादव के सम्मुख है |व्यक्ति आधारित राजनीति की जगह मुद्दों की राजनीति को धार देने में अखिलेश यादव की सफलता समाजवादी आन्दोलन की एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी |