Tuesday, January 31, 2012

अखिलेश यादव की देवा की जनसभा में उमड़ा जन सैलाब -सुरेश यादव ने दिखायी ताकत

अरविन्द विद्रोही ........... बाराबंकी विधान सभा २६८ से सपा प्रत्याशी धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव ने अपनी रात दिन की मेहनत से बाराबंकी के स्वजातिये मतदाताओ को आखिरकार अपने पाले में कर ही लिया जिसकी बानगी आज अखिलेश यादव की देवा की जनसभा में उमड़े जन सैलाब से साफ दिखाई दी |अपने समाजवादी तेवरों में जन सभा को सम्बोधत करते हुये युवा समाजवादी नेता अखिलेश यादव ने सपा की जनता के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुये उमड़े जन समूह से सपा प्रत्याश धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव को साइकिल चुनाव चिन्ह के आगे बटन दबा कर विजयी बनाने की अपील की | आज की जनसभा में खास बात यह रही कि सपा प्रत्याशी के साथ यादव बिरादरी पूरी तरह से आ गयी, वही मुस्लिमो की कम संख्या ने भी हैरत में डाला | आज की जन सभा की तैय्यारियो में प्रत्याशी धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव का साथ विशेष रूप से धीरज गुलशिया ,तारिक किदवई,बसंत सिंह गौतम,नजमा बानों,कजमा बानों,धर्मेन्द्र यादव,राज रानी रावत-पूर्व विधायक ने भरपूर दिया | जन सभा का संचालन तारिक किदवई और अध्यक्षता हाजी कुद्दुब्बुदीन अंसारी ने किया | जदपुर की जनसभा में भी प्रत्याशी राम गोपाल रावत के पक्ष में मतदान की अपील करते हुये अखिलेश यादव ने सपा की सरकार बहुमत से बनने पर घोषणा पत्र के सभी वायदों पर अमल किये जाने की बात कही |

सपा सरकार में सरकारी मशीनरी को उत्पीडन रहित बनाया जायेगा-गोपाल अग्रवाल


अरविन्द विद्रोही ........... समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल ने विशेष मुलाकात में बताया कि समाजवादी व्यापार सभा उत्तर प्रदेश के विधान सभा में समाजवादी पार्टी कि विजय सुनिश्चित करने के लिए महतवपूर्ण भूमिका निभा रहा है | समाजवादी व्यापार सभा कि तीन टीमे पुरे प्रदेश में व्यापारियो को सपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित कर रही है | समाजवादी युवजन सभा से राजनीति की सुरूआत करने वाले गोपाल अग्रवाल ने बताया कि व्यापारी समेत सभी वर्गों का हित सिर्फ समाजवादी सोच और डॉ लोहिया के विचारो के अनुपालन से ही हो सकता है | डॉ लोहिया के विचारो पर बनी समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के प्रति अटूट अष्ठ रखने वाले गोपाल अग्रवाल ने जार्ज फर्नांडीस,सुरेन्द्र मोहन ,मजुमदार आदि दिग्गज समाजवादी नेताओ के साथ समाजवादी आन्दोलन में अपना योगदान दिया है | गोपाल अग्रवाल के अनुसार सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव अपने वचन और वायदों को निभाने वाले नेता है | समाजवादी पार्टी के शासन काल में व्यापारी हित के तमाम कार्यो को गिनाते हुये गोपाल अग्रवाल ने कहा इस बार सपा की सरकार बनने पर सरकारी मशीनरी को उत्पीडन रहित बनाया जायेगा | गुंडों-अपराधियो पर नकेल कसी जाएगी , किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा ,कानून का राज्य कायम करना समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता होगी | गोपाल अग्रवाल के साथ राकेश गुप्ता ,विनोद सिंघल ,राजा प्रियावार्त,अमित चौधरी,हाजी अन्नान ,धीरज गुलशिया,सज्ज़न लाल गुप्ता , लल्लू सिंह -पूर्व प्रमुख रामनगर , मृतुन्जय शर्मा , डॉ सोमेश प्रताप सिंह आदि सपा नेता प्रेस वार्ता के दौरान मौजूद रहे | प्रेस वार्ता के दौरान ही असहज स्थिति उत्पन्न हो गयी जब एक वरिष्ठ पत्रकार ने आकर कहा कि जिला महामंत्री धीरेन्द्र वर्मा का कहना है कि सपा के किसी नेता की कोई प्रेस वार्ता नहीं है | पत्रकार के द्वारा गोपाल अग्रवाल से धीरेन्द्र वर्मा की दूरभाष से वार्ता करायी गयी जिसमे गोपाल अग्रवाल ने अपना परिचय दिया | समाजवादी पार्टी के जिला महामंत्री के भ्रामक बयान से सपा के व्यापारी नेताओ में आक्रोश दिखा |

Monday, January 30, 2012

व्यापारियो के आने से सपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा -अखिलेश यादव


अरविन्द विद्रोही ...............अखिलेश यादव ,अध्यक्ष समाजवादी पार्टी ,उत्तर प्रदेश ने राजधानी लखनऊ में सपा कार्यालय में व्यापारियो के द्वारा सपा की सदयस्ता ग्रहण करने के मौके पर कहा कि हमारे नौजवान समाजवादी साथियो ने उत्तर प्रदेश की जुल्मी बसपा सरकार के खिलाफ लगातार संघर्ष किया ,धरना दिया ,घेराव किया ,लाठी खायी ,जेल गये | हम समाजवादियो ने आम जनता ,किसानों ,मजदूरों और युवाओ के सवाल पर समाजवादी संघर्ष खड़ा किया और समाजवादी आन्दोलन को आगे बढाया है | आज उत्तर प्रदेश के गाँवों में सपा के पक्ष में माहौल बन चुका है ,आम जनता बसपा सरकार को उखाड़ फैकने का मन बना चुकी है और समाजवादी पार्टी को वोट करने जा रही है | व्यापारी वर्ग के साथ आ जाने से सपा को मजबूती मिलेगी और समाजवादी आन्दोलन मजबूत होगा |व्यापारी साथियो, आप बाज़ार में चर्चा शुरु कर दीजिये और शहर में लोगो को सपा के पक्ष में जुटा दीजिये ,समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बना लेगी | व्यापार समृद्ध होने से किसानों का भी फायदा होगा और उत्तर प्रदेश में एक खुशहाली का वातावरण बनेगा | इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी भी मौजूद थे | संदीप बंसल की अगुआई में व्यापारियो ने सपा में विश्वास जताया |बाराबंकी जनपद के व्यवसायी व सपा नेता धीरज गुलशिया, सचिन अग्रवाल ,राजेश यादव बबलू ,दीपक वर्मा , हृदेश श्रीवास्तव ने व्यापारी नेताओ के सपा में शामिल होने पर ख़ुशी जताई |

Sunday, January 29, 2012

३१ जनवरी को देवा शरीफ में होगी अखिलेश यादव की जन सभा -अरविन्द विद्रोही

बाराबंकी विधान सभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव ने अब अपनी पूरी ताकत लगा दी है व्यक्तिगत जन संपर्क में | देवा में ३१ जनवरी को आयोजित होने वाली जन सभा को संबोधित करने समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव-सांसद के आने की खबर से बाराबंकी विधान सभा में युवा वर्ग में जगा एक नया जोश व उत्साह | बाराबंकी विधान सभा २६८ के प्रत्याशी धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव ग्रामीण अंचलो में घूम घूम कर जनता से कर रहे है अखिलेश यादव की जन सभा में पहुचने की अपील ,कह रहे है कि युवा समाजवादी नेता अखिलेश यादव के विचारो को सुनने के लिए जरुर निकले वक़्त ,विधान सभा चुनाव में मांग रहे है आशीर्वाद रूपी मत व समर्थन | वही दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के नेता धीरज गुलाशिया अपने साथियो सचिन अग्रवाल ,अरशद -सभासद,पाउवा यादव -सभासद ,अफजाल अंसारी आदि के साथ नवाबगंज नगर पालिका ,बडेल ,ओबरी और बंकी में जारी रखे है जन संपर्क अभियान ,बाराबंकी विधान सभा के प्रत्याशी धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव के लिए कर रहे है साइकिल निशान पर बटन दबाने की लोगो से अपील | ३१ को देवा की जन सभा के प्रचार के साथ साथ उम्मीदों की साइकिल को विधान सभा पहुचाने की कर रहे है जुगत |प्रचार के साथ साथ जोड़ तोड़ में भी जुटे सपाई ,भीतर घातियो पर है पैनी नज़र |

बाराबंकी २६८ में चुनावी सरगर्मी चरम पर- जाति बल पर धन बल के हावी होने की सम्भावना ,अनिश्चिंतता बरक़रार

अरविन्द विद्रोही ............ बाराबंकी विधान सभा २६८ में मतदाताओ की ख़ामोशी ने सभी प्रत्याशियो को बेक़रार कर रखा है , जाति को आधार बना कर राजनीति का तकाजा ही है कि अपने अपने जाति को अपने पक्ष में पक्का मान रहे प्रत्याशी आत्म मुग्धता में पड़े हुये है | समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव को अपने स्वजातिए मतदाताओ पर मुलायम सिंह यादव के नाम पर पूरा भरोसा है,मुस्लिम मतों,कुर्मी मतों और अपने पिता स्व रामचंद्र बख्श सिंह के नाम के भरोसे पीस पार्टी के प्रत्याशी अजय वर्मा उर्फ़ बबलू अपनी जीत पक्की मान रहे है|वर्तमान विधायक संग्राम सिंह वर्मा बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर सवार होकर अपने व अपने परिजनों के कार्यकाल में कराये गये विकास कार्यो ,बसपा के आधार मतदाताओ और अपने व्यक्तिगत जनाधार के आधार और व्यवहार पर एक बार पुनः विधान सभा में बाराबंकी २६८ का प्रतिनिधितित्व करने को तैयार है |समाजवादी पार्टी के पुराने नेता रहे छोटे लाल यादव इस चुनाव में बेनी प्रसाद वर्मा-केंद्रीय इस्पात मंत्री के साथ उनके दिलाये पंजा निशान के साथ चुनावी समर में अपनी दावेदारी साबित करने में मुस्तैदी से जुटे है | अपने स्वजतिये यादव बिरादरी के मतदाताओ के साथ साथ मुस्लिम और बेनी प्रसाद वर्मा के प्रभाव के बलबूते विधान सभा पहुचने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी धुर समाजवादी छोटेलाल यादव समाजवादी पार्टी के तमाम पुराने साथियो से संपर्क बनाये हुये है जो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुरेश यादव के लिए घातक हो सकता है | यादव मतों में विभाजन सपा प्रत्याशी को चुनावी जंग में पीछे धकेल देगा इसमें कोई शक नहीं है यही कारण है कि सपा प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत व उर्जा यादव मतदाताओ को अपने पाले में करे रहने में लगा रहे है | इन सभी प्रत्याशी से अलग अंदाज़ में निर्दालिये प्रत्याशी मुकेश सिंह वर्मा अपने किसान यूनियन के साथियो के द्वारा किये गये समाज सेवा के बदले मेवा रूपी मत मांग रहे है |भारतीय जनता पार्टी के युवा प्रत्याशी संतोष सिंह अपने समर्थको के साथ घर घर जन संपर्क को अपना मूल आधार बनाकर विचार धार पर आम जनता से मत मांग रहे है | सौम्य व ईमानदार छवि के संतोष सिंह बाराबंकी २६८ की जाति व धन बल युक्त चुनावी राजनीति के दलदल में भाजपा का कमल खिला पाते है की नहीं यह आने वाला वक़्त ही बताएगा लेकिन प्रत्यशियो के राजनीतिक सामाजिक आकलन में संतोष सिंह बाराबंकी विधान सभा के सभी घोषित प्रत्याशियो से बेहतर ही है यह सभी मानते व जानते है | बाराबंकी की जनता ने अगर जाति और धन बल को तवज्जो नहीं दिया तो बाराबंकी में चुनाव सिर्फ संतोष सिंह और मुकेश सिंह वर्मा के बीच होना निश्चित है ,यही दो प्रत्याशी है जो आम जनता के लिए सदैव कार्यरत रहते है |बाकी प्रत्याशी अपने अपने राजनीतिक दल,अपने जाति बल व धन बल के भरोसे जनता को लुभाने में लगे है ,जनता के लिए संघर्ष का कोई इतिहास इन दोनों के अलावा किसी का नहीं रहा है |

Saturday, January 28, 2012

दरियाबाद विधान सभा में साइकिल की तेज़ रफ़्तार बरक़रार - बेनी की बैचैनी बरक़रार

अरविन्द विद्रोही .................................. जनपद बाराबंकी सर्वाधिक चर्चित विधान सभा दरियाबाद में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजीव प्रताप सिंह -विधायक अपने सरल स्वभाव व सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के आशीर्वाद के बल बूते विधान सभा २०१२ के होने वाले आम चुनाव में भी अपने साइकिल की रफ़्तार को दिन प्रति दिन तेज़ करते जा रहे है | दरिया बाद में साइकिल की तेज़ रफ़्तार ने बाराबंकी के विकास पुरुष कहे जाने वाले बेनी प्रसाद वर्मा - केंद्रीय इस्पात मंत्री को गहन परेशानी में डाल दिया है | दरियाबाद से ही बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा -पूर्व कारगर मंत्री उत्तर प्रदेश कांग्रेस के टिकेट पर अपना भाग्य आजमा रहे है | कांग्रेस प्रत्याशी राकेश वर्मा का चुनाव जीतना बेनी प्रसाद वर्मा की कांग्रेस में प्रतिष्ठा बरक़रार रहने के लिए आवश्यक माना जा रहा है | बसपा की हाथी पर विवेकानंद पांडे दुबारा सवार होकर विधान सभा जाने की कोशिश में लगे है वही सुन्दर लाल दीछित- पूर्व विधायक भाजपा की सूखी-बंजर जमीन पे कमल खिलाने में लगे है | दरियाबाद में कांग्रेस प्रत्याशी राकेश वर्मा की जीत सुनिश्चित करने के लिए बेनी प्रसाद वर्मा -केंद्रीय इस्पात मंत्री ने अब शुरु किया ब्राह्मणों को अपने पाले में करने का शतरंजी दांव , फैका है धन और प्रतिष्ठा का सियासी जाल | दरियाबाद के ही एक दमदार विधान सभा प्रत्याशी से ही दिल्ली में करी है बेनी प्रसाद वर्मा ने मुलाकात ,अपने बेटे राकेश वर्मा को दरियाबाद से जिताने की एवज़ में माँगा प्रत्याशी से ही अंदरूनी सहयोग ,मचा सियासी हडकंप | सपा प्रत्याशी राजीव प्रताप सिंह -विधायक भी मिले मुलायम सिंह यादव से ,करी एकांत में वार्ता |

Thursday, January 26, 2012

बाराबंकी विधान सभा २६८ में मतदाता खामोश ,प्रत्याशी व समर्थक हलकान

बाराबंकी विधान सभा २६८ में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी वर्तमान विधायक संग्राम सिंह वर्मा - राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश शासन के पक्ष में बनता माहौल , समाजवादी पार्टी के धर्म राज यादव उर्फ़ सुरेश यादव , कांग्रेस के छोटे लाल यादव , पीस पार्टी के अजय वर्मा , भाजपा के संतोष सिंह,निर्दलिए मुकेश सिंह मुख्य मुकाबले में आने के लिए रात दिन किये है एक | मतदाताओ की ख़ामोशी से प्रत्याशी - समर्थक हलकान , दलित हुये बसपा के पक्ष में मुखरित,किसान संगठन का साथ मिल रहा है मुकेश को , बसपा के अलावा सभी दलों में कई प्रभावी नेता-कार्यकर्ता टिकेट वितरण से असंतुष्ट | समाजवादी पार्टी की उम्मीदों की साइकिल को पंचर करने में जुटे है टिकेट ना मिलने से नाराज़ एक दावेदार , अखिलेश यादव को पहनाते है भारी-भरकम माला व करते है स्वागत लेकिन बाराबंकी के प्रत्याशी सुरेश यादव का नहीं दे रहे साथ और ना ही मांग रहे है बाराबंकी २६८ में साइकिल के लिए वोट ,दे रहे है बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी संग्राम सिंह वर्मा का साथ- कर रहे समाजवादी पार्टी से भीतर घात ,पिछले विधान सभा चुनाव में भी ये नहीं थे सपा के साथ -चले गये थे बेनी प्रसाद वर्मा के साथ,लड़े थे विधान सभा का चुनाव ,हुई थी जमानत जब्त |

Monday, January 23, 2012

चुनाव आयोग अपने निर्णय की समीक्षा करे , सूंड उठाये हाथी को ढकना गैर जरुरी कृत्य

अरविन्द विद्रोही ......... सूंड उठाये हाथी को परदे के पीछे ढकने का चुनाव आयोग का फैसला पक्षपात पूर्ण ही है |बहुजन समाज पार्टी का चुनाव निशान तो सूंड नीचे किये हुये हाथी है |सरकारी धन से बने और खरीद कर वितरित किये गये सभी चुनाव चिन्हों पर एक साथ एक तरह का निर्णय होना चाहिए था ,मसलन साइकिल को भी सरकारी धन से खरीद कर पुरे प्रदेश में वितरित किया गया ,सभी सरकारी भवनों में पंखा लगा है ,बाल्टी खरीदी गयी है ,हैण्ड पम्प लगा है जिसको आम जनता उपयोग भी कर रही है और देख भी रही है |सिर्फ और सिर्फ सनातन धर्म में समृधि के सूचक सूंड उठाये हुये हाथी जो कि बहुजन समाज पार्टी का चुनाव निशान भी नहीं है को परदे में ढकने का आदेश देना चुनाव आयोग के एकतरफा -मनमाने और गैर व्यावहारिक फैसले की बानगी मात्र है | उत्तर प्रदेश में चुनावी जंग में बहुजन समाज पार्टी जब नेपथ्य में जाने लगी थी तभी चुनाव आयोग ने एकदम से अपना यह फैसला दे दिया और चारो तरफ चुनाव आयोग के इसी निर्णय के कारण बसपा सरकार की सभी की गयी गलतियो की चर्चा होनी बंद हो गयी तथा सिर्फ हाथी और उस पर पर्दा यह चर्चा आम हो गयी | हाथी को चुनाव आयोग ने स्वतः संज्ञान में लिया और उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति को अपने एक ही फैसले से बदल दिया |बहुजन समाज पार्टी का अपना काडर वोट ,कट्टर समर्थक तक मायूस था ,चुनाव आयोग के इस निर्णय ने उनको एकदम से संजीविनी दे दी है |दलित बस्तिओ में एक जगह चुप-चाप एक साथ बैठ कर प्रति दिन हाथी पे पर्दा डाल कर क्यूँ ढका गया इस पर मंथन किया जाना जारी है |सूंड उठाये हाथी को बहुजन समाज पार्टी का चुनाव निशान बता कर उस पर पर्दा डालने को अपने स्वाभिमान से सीधा जोड़ रहा है दलित समाज |बसपा के वे लोग भी जो किसी कारण वश स्थानीय बसपा विधायक से नाराज़ थे, इस प्रकरण के बाद जी जान से पार्टी के प्रचार में जुट गये है |चुनावी राजनीति में समाजवादी पार्टी से पिछड़ रही बहुजन समाज पार्टी को चुनाव आयोग ने जाने -अनजाने पुनः मजबूती देने का अद्भुत काम किया है |भारत-भूमि के सनातन समाज के दलित वर्ग को चुनाव आयोग का यह निर्णय अपनी भावनाओ पे कुठाराघात सरीखा प्रतीत हो रहा है ,बाकी दलों के चुनाव चिन्हों की तरफ चुनाव आयोग की ख़ामोशी उनके घावो को बरक़रार रखे है | चुनाव आयोग का यह फैसला गलत है , जिस हाथी को ढका गया वो बसपा का चुनाव चिन्ह नहीं है ,और सूंड उठाये हुये हाथी सनातन धर्म में समृधि का सूचक है उसको ढकना भावनाओ पे कुठाराघात है ,यह बात तेजी से आम जन मानस में घर करती जा रही है |मतदान की तारीख तक अगर हाथी पर पर्दा प्रकरण इसी प्रकार हावी रहा तो इसमें कोई संदेह नहीं कि बहुजन समाज पार्टी को विधान सभा २०१२ के आम चुनावो में बढ़त मिल जाये और वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे | उत्तर प्रदेश जी राजधानी में जब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ था और मायावती ने प्राथमिकता के आधार पर राजधानी लखनऊ में विभिन्न पार्को व पार्को में जगह जगह हाथी की प्रतिमा की स्थापना का काम शुरु करवाया तब भी बहुत कोहराम मचा था | राजनीतिक बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप के साथ साथ माननीये न्यायलय में भी मायावती सरकार द्वारा करवाए जा रहे पार्को के निर्माण कार्य व हाथी की प्रतिमा की स्थापना पर रोक की याचिका दायर हुई | माननीये न्यायलय के ही फैसले के बाद ही पार्क का निर्माण कार्य - सौंदर्यी करण हुआ और हाथी की प्रतिमा भी लगी रही | माननीये न्यायलय ने इस बात को माना कि पार्को में लगाया जा रहा सूंड उठाये हाथी की ये प्रतिमाएं बहुजन समाज पार्टी का चुनाव निशान नहीं है ,और सूंड उठाये हुये हाथी की प्रतिमा को लगाने में कोई दिक्कत नहीं है | और अब चुनावी बेला में अचानक चुनाव आयोग ने लखनऊ में लगी इन्ही सूंड उठाये हाथी की प्रतिमाओ को परदे में ढ़कने का निर्णय दे दिया कि इससे बहुजन समाज पार्टी के चुनाव निशान हाथी का प्रचार -प्रसार हो रहा है |इन हाथियो को बनाने और लगाने से लेकर ढकने तक में आम जनता का ही धन लगा है |आम जनता के धन से बनी चीजो को देखने से ,उपयोग करने से रोकना किस लिहाज़ से उचित है ? क्या माननीये न्यायलय का पार्को में सूंड उठाये हाथी की प्रतिमा लगने देने का निर्णय गलत था ? समाजवादी विचारक -नेता डॉ राम मनोहर लोहिया तात्कालिक अन्याय का विरोध करने में यकीन रखते थे और समाजवादियो से ,अपने अनुयायिओ से तात्कालिक अन्याय का विरोध करने को कहते थे | शरद यादव -अध्यक्ष जनता दल यू ने इस मामले में चुनाव आयोग के निर्णय को गलत करार देकर सही ही किया और एक सच्चे समाजवादी नेता के चरित्र को निभाया | भारत की सभी संवैधानिक संस्थानों को निष्पक्ष भाव से काम करना चाहिए लेकिन चुनाव आयोग के इस निर्णय पर सवालिया निशान लगने और बसपा सुप्रीमो व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा चुनाव आयोग को दलित विरोधी करार देने से चुनाव आयोग के जिम्मेदारो को मंथन करके अपने निर्णय पर गंभीरता पूर्वक पुनर्विचार करना चाहिए | स्वागत के लिए लगाए जाने वाले समृद्धि सूचक सूंड उठाये हाथी को परदे से ढकना न्याय संगत नहीं है यह बात दलित समाज ही नहीं सभी निष्पक्ष जनों को समझ में आ चुकी है |

उत्तर प्रदेश में चुनावी दंगल ,राहुल -अखिलेश का युवा नेतृत्व ,चुनौतियाँ और संभावनाएं

अरविन्द विद्रोही ................. उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति का पारा दिन प्रति दिन तेज़ी से बढ़ता ही जा रहा है | विधान सभा के आम चुनावो में हर हाल में चुनाव जीतने की ललक में राजनीतिक दलों ने तमाम स्वार्थी ,दल बदलुओं ,सिधान्त हीन व आपराधिक प्रवृति के लोगो को बगलगीर करने में ,गले लगाने में तनिक भी परहेज़ नहीं किया है | निश्चित रूप से प्रत्येक चुनाव प्रत्याशी व राजनीतिक दलों के लिए जीत हासिल करने के दृष्टिकोण से महत्व पूर्ण होता है | उत्तर प्रदेश का यह विधान सभा २०१२ का आम चुनाव तो राजनीतिक दलों के नेतृत्व की छमता के आकलन व युवा नेतृत्व की स्वीकारिता ,आम जन मानस में उनकी छवि के आकलन व असर के मद्देनज़र भी राजनीतिक विचारको-समीक्षकों के लिए रुचिकर व महत्व-पूर्ण हो गया है | उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन भारत - भूमि की स्याह -संकीर्ण हो चुकी राजनीति में आम जनमानस भी तमाम मोह्पाशों में जकड़ा किंकर्तव्य विमूढ़ अवस्था में पहुँच चुका है | सामाजिक-राजनीतिक-विकास परक स्थानीय मुद्दों पर राजनीतिक दलों के उदासीन व मनमाने रवैये के कारण ही जाति-धर्म आधारित राजनीति ने अपनी हनक जनता के बीच जन प्रतिनिधि निर्वाचन में इस बार भी बदस्तूर जारी रखी है | भ्रष्ट व स्याह हो चुकी अवसरवादी-सिद्धांत हीन राजनीति के गलियारे में एक उम्मीद की करण राजनतिक दलों में युवा नेतृत्व ने जगा रखी है | लेकिन कश्मीर से कन्या-कुमारी तक राजनितिक दलों के आकाओं के पुत्र-पुत्री के युवा नेतृत्व के रूप में उभार को क्या सही मायनो में लोकतंत्र में युवा नेतृत्व माना जाना चाहिए ,यह एक यक्ष प्रश्न है | इस प्रश्न का जवाब इन्ही युवा नेताओ को अपने कर्मो व कार्य छमता से स्वयं को साबित करने के लिए स्वयं ही देना होगा | उत्तर प्रदेश की विधान सभा २०१२ की चुनावी रणभूमि में समूचे उत्तर प्रदेश में दो युवा चेहरे क्रमशः अखिलेश यादव -प्रदेश अध्यक्ष ,समाजवादी पार्टी और राहुल गाँधी - राष्ट्रीय महासचिव ,कांग्रेस अपने अपने राजनीतिक दलों की चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाये हुये है | दोनों युवा नेताओ की सभाओ में जनता जम कर जमा हो रही है | अपने तेवरों व बयानों के कारण दोनों लगातार चर्चा में बने रहते है | जनता की भीड़ चर्चित चेहरों को देखने - सुनने में बहुत दिलचस्पी रखती है फिर चुनावो के समय प्रत्याशी जनता को आने जाने का सुविधा साधन भी उपलब्ध करते ही है ,सो जनता खूब जुटती है | जन सभाओ में जुटाए जाने वाले मजमे से मतदाताओ का रुझान व राजनीतिक लोकप्रियता का आकलन अक्सर गलत ही साबित होता है | कांग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी के द्वारा बिहार प्रदेश के संपन्न हुये विधान सभा में की गयी मेहनत व उनकी जन सभाओ में उमड़ती भीड़ के बाद आये चुनाव नतीजो तथा सपा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव की लोकसभा चुनाव में शिकस्त को कौन भुला सकता है ? राजनीति के व्यवसायी-करण की ही देन है कि आज राहुल गाँधी और अखिलेश यादव के व्यक्तित्व को विभिन्न प्रचार माध्यम से निखारने , तराशने व उभरने का काम एक सुनियोजित -चरण बद्ध योजना के तहत कांग्रेस-समाजवादी पार्टी कर रही है | अब इसे चाहे कोई सत्ता की वंशानुगत राजनीति कहे या संघर्ष की वंशानुगत राजनीति ,है तो ये वंशानुगत राजनीति ही ,इसे कोई नहीं नकार सकता है | राजनीतिक दलों के आकाओं ने अपने पुत्र,पुत्रिओं ,परिजनों को कमान सौंप कर अपने संगठन में मुख्य केंद्रीय निर्णायक भूमिका देकर संगठन में उनके दबदबे व महत्व को स्थापित करने का काम किया है | कांग्रेस व सपा दोनों के नेता ,चाहे वो वरिष्ठ नेता ही या युवा ,सभी अपने अपने दल के राजनीतिक आका के पुत्र-परिजन का यश -गुणगान करते ही है | कांग्रेस की पूरी मशीनिरी व प्रत्याशी राहुल गाँधी के कार्यक्रमों - दौरों को सफल बनाने में जुटी हुई है और समाजवादी पार्टी के सभी प्रत्याशी-नेतागण अखिलेश यादव को ,अखिलेश यादन के क्रांति रथ को अपने विधान सभा में पा कर स्वागत कर के अपने को धन्य मानते है | राहुल गाँधी और अखिलेश यादव दोनों के ही इर्द गिर्द राजनीति का ताना-बना बुनने की कोशिश कांग्रेस-सपा का शीर्ष नेतृत्व चाह रहा है | राहुल गाँधी के सम्मुख कांग्रेस के भीतर कोई भी चुनौती नहीं है ,बहन प्रियंका भी साथ देने वक़्त आने पर मुस्तैदी से आ ही जाती है वही दूसरी तरफ सपा के अन्दर समाजवादियो के आशाओं के केंद्र बिंदु बनकर उभरे अखिलेश यादव के सम्मुख पारिवारिक चुनौती भी मौजूद है | चाचा शिवपाल यादव -नेता प्रतिपक्ष के अलावा अब प्रतीक यादव की राजनीतिक हसरते हिलोरे मारती दिख रही है | राहुल गाँधी को जहा सिर्फ दुसरे दलों पर प्रहार करके कांग्रेस की रहे बनाते हुये अपनी उपयोगिता साबित करनी है वही अखिलेश यादव सपा के भीतर भी वर्चस्व की लडाई लड़ने को विवश है | स्वयं निर्भीक निर्णय लेने की छमता में अखिलेश यादव ने राहुल गाँधी को शिकस्त देकर अपनी वैचारिक दृठता व संगठन पर पकड़ मजबूत होने का आभास करा दिया है | अंत में सत्य यह है आम जनता दोनों को सिर्फ देखने सुनने के लिए ही जुट रही है | इनके विचारो-बयानों का भरपूर रसास्वादन व समीक्षा आम जनता कर रही है | प्रत्याशी व स्थानीय -जातीय आधार को प्रमुखता से ध्यान में रखकर इस बार मतदाता मतदान करेगा ,यह आसार साफ़ तौर पर प्रतीत हो रहा है | परंपरागत मतदाताओ को अपने पक्ष में करने में अखिलेश यादव कामयाब दिख रहे है वही राहुल गाँधी को कई जगह विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है | उत्तर प्रदेश के विधान सभा के २०१२ के आम चुनाव इन दोनों युवा नेताओ के व्यक्तिगत राजनीतिक आभा-मण्डल को प्रभावित करेंगे | उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के सम्मुख जहाँ चुनौती अधिक है वही उनसे उम्मीद भी बहुत है
| अपनी युवा बिग्रेड के सहारे अखिलेश यादव पार्टी के अन्दर बाहर की हर जंग लड़ने व जीतने के लिए कमर कसे दीखते हैं , वही राहुल गाँधी को सिर्फ पार्टी के लिए ,प्रत्याशियो के लिए सिर्फ प्रचार करना और भाषण करना है |

Sunday, January 22, 2012

सत्ता के लिए समाजवादी सिद्धांतो का त्याग सर्वथा अनुचित है --- अरविन्द विद्रोही

दुर्भाग्य ही है कि आज कांग्रेस सरकार की मदद अपने को डॉ लोहिया के लोग मानने वाले समाजवादी लोग ही कर रहे है डॉ लोहिया की गैरकांग्रेस वाद की अवधारणा को दरकिनार कर कांग्रेस की सरकार को समर्थन जारी है | राहुल गाँधी को काले झंडे दिखाने वाले युवा को समाजवादी पार्टी से निकालना क्या साबित करता है? कांग्रेस के साथ रिश्ते ख़त्म होने चाहिए चाहे सरकार बने या ना बने |सत्ता के लिए सिद्धांतो का त्याग सर्वथा अनुचित है ,अनुचित कार्यो का साथ हम समाजवादी नहीं दे सकते है |उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की मिली जुली सरकार की संभावनाओ से ही समाजवादी पार्टी को बसपा -कांग्रेस की सरकारों से नाराज़ मतदाताओ का उपहार स्वरुप मिलने वाला मत अब नहीं मिलता दिख रहा है |चुनाव में मतदान की तारीख निकट आते आते ये समाजवादी पार्टी के नेता गण जाने क्यूँ आम जनता की बात त्याग कर मुस्लिम और बाबरी मस्जिद की चर्चा करने लगे है |उत्तर प्रदेश में आम जनमानस में समाजवादी पार्टी बिना किसी बाबरी मस्जिद के सवाल को उठाये अपने कार्यकर्ताओ के संघर्ष की बदौलत बसपा के मुकाबिल अपना स्थान बना चुकी थी लेकिन जब से बाबरी मस्जिद की चर्चा सपा नेतृत्व ने शुरु की है परिस्थिति बदल गयी है | अगर हिन्दू और मुस्लिम की बात होगी ,अगर बाबरी मस्जिद की चर्चा होगी तो अपने आप हिन्दू एक साथ उस जगह जायेगा जहा हिंदुत्व की ही बात होगी ,हिन्दू को भी अपने प्रभु श्री राम के जन्मभूमि पर जबरन काबिज़ होकर बनाये गये ढांचे और मुग़ल आक्रंताओ के द्वारा ढहाए गये जुल्म की याद दिलाने वाले नेताओ की बात समझ में आने लगेगी | राजनीति में प्रत्येक समुदाय की भावना का सम्मान समान रूप से करने की सोच होनी चाहिए ,समाजवादियो को धार्मिक राजनीति में ना पड़कर समाज के सभी लोगो के लिए एक समान भाव रखना चाहिए |सिर्फ मुस्लिम मतों को अपने पाले में करने के फेर में भारी संख्या में हिन्दू मतदाता समाजवादी पार्टी से दूर जा सकता है इसका अंदाज़ा शायद समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नहीं है | अगर बात मुस्लिम मतदाताओ की ही की जाये तो इस बार के उत्तर प्रदेश के आम चुनावो में मुस्लिम मतदाता डॉ अय्यूब के नेतृत्व में पीस पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा है और वहा पे कोई भी अलगाव की बात ना होकर एकता और देश की तरक्की में हिन्दू-मुस्लिम साथ चलने की बात हो रही है ,जिसको हिन्दू मतदाता भी पसंद कर रहा है |समाजवादी पार्टी के नेतृत्व को अभी भी यह समझ लेना चाहिए कि बसपा के खिलाफ जो संघर्ष बोते वर्षो में उसके समर्पित कार्यकर्ताओ ने किया है उसकी ही बदौलत उसका जनाधार बढ़ा है और जनता ने उसको पसंद करना ,उसके नेताओ के भाषण को सुनने आना शुरु किया था ,अनर्गल बयानबाज़ी और सिर्फ एक समुदाय के प्रति अतिरेक लगाव से दुसरे समुदाय के लोग भी नाराज़ हो कर अपना फैसला बदल सकते है | जाती-धर्म आधारित राजनीति को त्याग कर समाज-जमात की राजनीति की समाजवादी सोच को आगे बढ़ाना ज्यादा बेहतर है |

Saturday, January 14, 2012

बाराबंकी विधान सभा २६८ में जातीयता उफान पर -मतदाता खामोश ,प्रत्याशी व समर्थक हलकान

अरविन्द विद्रोही ......................समाजवादी विचारधारा के जनपद माने जाने वाले बाराबंकी की सदर विधान सभा बाराबंकी २६८ में हर बार की ही तरह इस बार भी चुनाव रोचक बन चुका है | बसपा के प्रत्याशी संग्राम सिंह वर्मा -राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश के मुकाबिल पुराने प्रतिद्वंदी धुर समाजवादी छोटे लाल यादव इस बार बाराबंकी के विकास पुरुष बेनी प्रसाद वर्मा के साथ और कांग्रेस के पंजा निशान के दम पर चुनाव में ताल ठोंक रहे है | समाजवादी पार्टी के टिकेट पर अपना भाग्य आजमा रहे टेंट व्यवसायी सुरेश यादव उर्फ़ धर्म राज यादव की साइकिल की रफ़्तार में बाधक बना है पंजा और हाथी की छाया से उबर ही नहीं पा रहे है सपा प्रत्याशी सुरेश यादव | भरपूर मेहनत करके साइकिल की रफ़्तार बढ़ाने में जुटे सुरेश यादव को तनहा छोड़ भाग रहे है स्थानीय सपाई राम नगर |सिर्फ धीरज गुलाशिया ,ज्ञान सिंह यादव ,कामता यादव ,अजित झा ,सुरेन्द्र यादव ,नसीम कीर्ति , तारिक किदवई ,शमीम फन्ने ,कुतुब्बद्दीन अंसारी,स्वामी दयाल -बडेल जैसे समर्पित समाजवादी नेता जुटे है बाराबंकी में सुरेश यादव की साइकिल को विजय माला पहनने के लिए जी जान से |निर्दलिए नामांकन कर चुके किसान नेता मुकेश सिंह लगा रहे अपनी ताकत -मुकेश सिंह से संग्राम सिंह वर्मा है परेशान |अचानक चुनाव मैदान में उतरे पीस पार्टी के प्रत्याशी अजय वर्मा पुत्र स्व कामरेड रामचन्द्र बख्श सिंह -विधायक के साथ दिखने लगा है मतदाताओ का रुझान ,संग्राम की राह में मुकेश-अजय बाधक वही दूसरी तरफ छोटे लाल व सुरेश आपस में उलझे |मुस्लिम मजलिस के सूफी उबैदुररहमान मुस्लिमो की लामबंदी में लगा रहे है जी जान |मुन्नू वर्मा दुबारा लाये कमल निशान -किसी का नहीं उनकी तरफ ध्यान | मुद्दों की जगह बाराबंकी में फ़ैल चुका है जातीय मकडजाल ,सवर्ण मतदाता निर्णायक होगा लगता है यही आसार |

Friday, January 13, 2012

कुर्सी विधान सभा -बाराबंकी में तेज़ हुई कुर्सी की जंग

कुर्सी विधान सभा -बाराबंकी में तेज़ हुई कुर्सी की जंग |दल बदलुओ-बाहरी प्रत्याशियो के चलते समर्पित कार्यकर्ता भी हो गये है पस्त ,मतदाता खामोश | कुर्सी में पार्टी नहीं मीता गौतम -विधायक,बसपा प्रत्याशी हराओ और बाहरी प्रत्याशी भगाओ का नारा रहा गूंज | सपा प्रत्याशी फरीद के साथ हो रहा भीतर घात ,फैला रहे है सपा में नए आये नेता ही अफवाह |विकास पुरुष बेनी प्रसाद वर्मा -केंद्रीय इस्पात मंत्री के आशीर्वाद के बूते मिला है निजाम को पंजा निशान ,समाजवादी पृष्ट भूमि का मिल रहा है भर पुर लाभ ,भाजपा का अभी नहीं कोई प्रत्याशी - जनता को अभी भी दम दार प्रत्याशी का है इंतज़ार |

Thursday, January 12, 2012

कांग्रेस ने मुस्लिमो के साथ हमेशा फरेब किया है- ताहिर अशरफ़ी


अरविन्द विद्रोही ..................... समाजवादी पार्टी के नेता और अल्प संख्यक आयोग -उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष ताहिर अशरफ़ी ने आज रामनगर विधान सभा जनपद बाराबंकी के अपने चुनावी प्रचार अभियान के दौरान अल्पसंख्यको के मसलो पर बेबाकी से अपनी राय व्यक्त की | ताहिर अशरफ़ी के अनुसार समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव -सांसद के निर्देशानुसार वे आज राम नगर विधान सभा के सैदनपुर , रामपुर ,बदोसराय , किन्तूर में जनता से रूबरू होने के लिए निकले है | समाजवादी पार्टी के नेता और अल्प संख्यक आयोग -उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष ताहिर अशरफ़ी ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिमो के साथ हमेशा फरेब किया है |ताहिर अशरफ़ी ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने १९८६ में डिप्लोमा ऑफ़ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया था जिसे उन्होंने उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक अध्यक्ष के अपने कार्यकाल में दुबारा शुरु करवाया था | इस दौरान डिप्लोमा कर चुके और कर रहे दोनों प्रकार के छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया था और इसकी जिम्मेदार तत्कालीन कांग्रेस सरकार ही थी | ग्राम्य स्तर पर शिक्षा और रोजगार दोनों की बेहतरी की वकालत करते हुये ताहिर अशरफ़ी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर मेरी पूरी कोशिश ग्राम्य स्तर पर शिक्षा और रोजगार को बेहतर से बेहतर बनाने में होगी | राजनीतिक चर्चा में सपा की सरकार पूर्ण बहुमत से बनने का दावा करते हुये समाजवादी पार्टी के नेता और अल्प संख्यक आयोग -उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष ताहिर अशरफ़ी ने कहा की पीस पार्टी राजनीतिक तौर पर हाशिये पर है ,मुस्लिम समाज पूरी तरह से समाजवादी पार्टी के साथ है | ताहिर अशरफ़ी के व्यक्तित्व का एक पहलू यह भी है कि अल्पसंख्यको में शिक्षा की कमी को उनके विकास में सबसे बड़ा बाधक मानने वाले ताहिर अशरफ़ी एक गैर सरकारी संगठन सेवा के माध्यम से गरीबो के बच्चो की शिक्षा के लिए और उन गरीबो को शिक्षा का महत्व समझाने के लिए एक कार्य योजना के तहत भी काम कर रहे है | बाराबंकी के निकटवर्ती जनपद बहराइच के कुनारी बंग्ला-कैसर गंज में सेवा यह काम कर रही है | राजनीति को समाज की सेवा का जरिया मानने वाले लोगो में से एक ताहिर अशरफ़ी राजनीतिक गिरावट को पूरे समाज -देश के लिए खतरनाक मानते है |

रामनगर विधान सभा में फैली जन चर्चा

रामनगर-बाराबंकी में धुर समाजवादी नेता कुंवर रामवीर सिंह -कांग्रेस प्रत्याशी ने रोकी अमरेश शुक्ल -विधायक ,बसपा प्रत्याशी की रफ़्तार |रामनगर में हाथी पर पंजे ने लगायी लगाम ,अरविन्द सिंह गोप-विधयक ,सपा प्रत्याशी की साइकिल का सिर्फ हवाई ताम झाम ,राम संजीवन वर्मा -प्रत्याशी भाजपा के कमल का कोई नहीं पुरसा हाल ,बाकी का जनता में नहीं है नामों-निशान और चर्चा ही है बेकार | स्वच्छ -ईमानदार छवि के कुंवर रामवीर सिंह के साथ रहेगा इस बार बाराबंकी के विकास पुरुष बेनी प्रसाद वर्मा -केंद्रीय इस्पात मंत्री का साथ व आशीर्वाद रूपी पंजा निशान |वसीम राईन ने भी लगा दी है कुंवर रामवीर सिंह के लिए पूरी ताकत | कुंवर रामवीर सिंह को मिल रहा है धुर समाजवादियो का साथ -पूंजीपतियो को शिकस्त देने के लिए लगता है रामनगर की जनता है इस बार तैयार | हाथी और पंजे में होगी चुनावी मार ,यही खबर है रामनगर विधान सभा में फैली जन चर्चा के अनुसार |

Tuesday, January 10, 2012

पुराने कार्यकर्ताओ को सरकार बनने पर मिलेगा महत्व व सम्मान - शिवपाल यादव ,नेता प्रति पक्ष


कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी की रीढ़ है ,समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओ के संघर्ष के बलबूते बसपा सरकार को उखाड़ फैकने जा रही है ,सरकार बनने पर प्रत्येक कार्यकर्ता की सुनी जाएगी,उसका काम होगा और उसको महत्व व सम्मान दिया जायेगा |समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता शिवपाल यादव -नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार से आजिज़ हो चुके आम लोग एक जनहित की सरकार बनाने के लिए समाजवादी पार्टी से उम्मीद कर रहे है |जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना हमारा दायित्व होगा ,सपा सरकार में किसी गुंडे -अपराधी को बख्शा नहीं जायेगा |जिन अधिकारिओ ने बसपा के इशारे पर जनता को तकलीफे दी है और हमारे समाजवादी कार्यकर्ताओ को लाठियाया है ,जेल में डाला है , उनको समाजवादी सरकार बनने पर दण्डित किया जायेगा |

Monday, January 9, 2012

मुलायम सिंह यादव के पुत्र प्रतीक यादव ने दी राजनीतिक दस्तक


समाजवादी पार्टी कार्यालय में आज दोपहर सपा सुप्रीमो नेता जी मुलायम सिंह यादव के पुत्र प्रतीक यादव के आने के बाद प्रदेश के कोने -कोने से आये समाजवादी पार्टी के नेताओ-कार्यकर्ताओ ने उनसे मुलाकात की |प्रतीक यादव सभी से मिले और सबकी कुशल छेम पूछे |समाजवादी पार्टी के नेताओ-कार्यकर्ताओ ने अपनी बात उनके सम्मुख रखी,खास कर नेता जी से मुलाकात ना हो पाने का दुखड़ा रोया | प्रतीक यादव ने तत्काल सबकी मुलाकात कराने के लिए कार्यालय के जिम्मेदारो को कहा |प्रतीक यादव के इस कदम से सभी कार्यकर्ताओ में उत्साह जगा और उनके द्वारा जिंदाबाद के नारे लगाये गये ,जिसे प्रतीक यादव ने मना किया | प्रतीक यादव अपने व्यक्तित्व से सबका मन मोह गये |

Saturday, January 7, 2012

खालिद मसूद करेंगे कल ८ जनवरी को सपा की सदयस्ता ग्रहण


आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य खालिद मसूद - पूर्व अध्यक्ष अलीगढ मुस्लिम विश्व विद्यालय से मशकूर भाई , नज़मुद्दीन अहमद निवासी- अहमद पुर ,दरियाबाद विधान सभा ,बाराबंकी और हृदयेश श्रीवास्तव निवासी- पचघरा,कुर्सी विधान सभा ,बाराबंकी ने आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुलाकात की |खालिद मसूद कल ८ जनवरी को समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ,आज़म खान व अखिलेश यादव की उपस्थिति में करेंगे ११ बजे पार्टी मुख्यालय में सपा की सदयस्ता ग्रहण,साथ में रहेंगे सैकड़ो समर्थक भी |

Friday, January 6, 2012

बाराबंकी में मुलायम -आज़म की रैली की तैय्यारी में जुटे सपाई




अरविन्द विद्रोही............. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपनी तमाम जिंदगी आम जनों के लिए संघर्ष करने में बितायी है | आगामी ८ जनवरी को मौरंग मंडी-बडेल में आयोजित होने वाली समाजवादी पार्टी की जन सभा में नेता जी मुलायम सिंह यादव और वरिष्ठ नेता आज़म खान संबोधित करेंगे | बाराबंकी के सभी समाजवादी साथियो से अपील है की बाराबंकी विधान सभा २६८ के प्रत्येक गाँव में ८ की प्रस्तावित जनसभा के बारे में जाकर ग्रामीणों को बताये और उनको जन सभा में आ कर समाजवादी नेताओ के विचारो को सुनने के लिए आमंत्रित करे | यह उदगार बाराबंकी विधान सभा २६८ से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुरेश यादव उर्फ़ धर्म राज यादव ने पल्हरी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में व्यक्त किये | सुरेश यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस - बसपा के जंगल राज और जन विरोधी नीतिओ से निजात पाने के लिए आम जनों के लिए संघर्ष करने वाली समाजवादी पार्टी को विधान सभा २०१२ के चुनावो में अपना समर्थन और अमूल्य मत दीजिये | पल्हरी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन कि अध्यक्षता लाल जी मिश्र और संचालन राम सिंह यादव- अध्यक्ष बाराबंकी विधान सभा २६८ ने किया |सम्मेलन को संबोधित करने वालो में मौलाना मेराज ,ज्ञान सिंह यादव , राम नाथ मौर्या ,तारिक किदवई,राम तेज़ यादव ,मनोरथ यादव ,गोकरण यादव ,राम सुमित यादव,सहज राम यादव ,विद्या राम यादव , रमेश रावत ,अमरेश रावत आदि प्रमुख नेता रहे |सम्मेलन की शुरुआत में तारिक किदवई,राम नाथ मौर्या ,जगजीवन यादव ,अशर्फी यादव,पवन गुप्ता ,राम लखन ,उमेश यादव , राज कुमार ने माला पहना कर बाराबंकी के प्रत्याशी सुरेश यादव का स्वागत किया | सम्मेलन में सभी वक्ताओ ने अपने अपने संबोधन में ८ जनवरी की जनसभा को सफल बनाने तथा चुनावो में तन मन धन से जुट जाने की बात दोहराई और समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का संकल्प लिया |

Sunday, January 1, 2012

नव वर्ष के अवसर पर पूंजी वाद का उल्लास,बेबस आम जन -अरविन्द विद्रोही-

वर्ष २०११ के विदाई और वर्ष २०१२ के आगमन की बेला में सप्ताह भर चले रात के उत्सवो ने जहा लाखो नागरिको को आनंदित कर के ऐश्वर्य के रसा स्वादन का अवसर दिया वही दूसरी तरफ करोडो-करोड़ आम जन ,मेहनत कश तबका पूंजी वाद के , ऐश्वर्य व भोग विलास के इस अदभुत नज़ारे को देख कर ,सुनकर हतप्रभ से है | नव वर्ष २०१२ के बधाई संदेशो से शुरु हुआ नव वर्ष २०१२ के आगमन का उत्सव २०११ के अंतिम दिन तो सुरा-सुंदरी व ऐश्वर्य का संगम बन गया |यह रात वह रात थी जिसमे खुशियां सिर्फ धनवानों की तिजोरी से निकली रकमों से बटोरी गयी ,रात की कालिमा में रूप की बोली लगी ,प्यार के नाम पर वासना का नग्न नृत्य हुआ तथा कार्यक्रमों के नाम पर देह का खुल्लम- खुल्ला प्रदर्शन जम कर हुआ | बेशर्मी की सारी हदों को तोड़ते हुये आयोजित कार्यक्रमों को घर घर टेलीविजन के माध्यम से देखा और दिखाया गया | लगभग १०दिन पूर्व से ही नव वर्ष की मुबारकबाद नव वर्ष मंगल मय हो आदि आदि लोगो ने अपने अपने परिचितों से कहना शुरु कर दिया | आखिर यह आने वाला नव वर्ष सिर्फ कहने मात्र से मंगल मय कैसे होगा यह मेरी समझ से परे है | सिर्फ औपचारिकता निभाने हेतु बधाई संदेशो का आदान प्रदान जारी रहा | यह औपचारिकता भरे तमाम अवसरों पे दिये जाने वाले बधाई सन्देश तो हम सभी अपने जीवन में देते व लेते ही आ रहे है,क्या इन संदेशो से कोई भी खुशिया मिली ,यह सोचने की बात है | अमुक ने बधाई सन्देश दिया यह ख़ुशी जरुर मिलती रही है,लेकिन अगर किसी अवसर पे उसी ने नहीं दिया तो मन भी क्लांत हो जता है | कोई सार्थक परिवर्तन मेरे अपने जीवन में ,मानव जीवन में, आम जन के जीवन में कैसे हो ,क्या हो कि अगले वर्ष २०१३ के आगमन पर ह्रदय से बधाई सन्देश सभी के मुखारविंद से निकले कि आने वाला नूतन वर्ष आप सभी को भी मंगल मय हो तो बात बने | बीते वर्ष २०११ के शुरुआत में भी तमाम इसी तरह कि बधाई संदेशो का आदान प्रदान हुआ था |क्या वर्ष २०११ में आम जन को कोई भी ख़ुशी नसीब हुई है? वर्ष २०११ में तो अपने हक़ की आवाज़ उठाने वालो को आजाद भारत की सरकारों की पुलिसिया तंत्र ने अपने बूटों तले रौंद डाला ,ब्रितानिया हुकूमत की दरिंदगी को मात देते हुये हुक्मरानों ने जन भावनाओ की तनिक भी परवाह ना की | क्या २०१२ में आम जन का हक़ उनको मिलेगा ? क्या सच मुच खुशियां नसीब होंगी ?

फरीद के जनाधार और गोप के राजनीतिक चातुर्य के आगे आखिर-कार सरवर ने घुटने टेके

अरविन्द विद्रोही ............. आख़िरकार महंगाई,भ्रष्टाचार,जातिवाद,फिरका परस्ती ,राजनीतिक गिरावट के खिलाफ लडाई लड़ने का दम भरते भरते सरवर अली-पूर्व विधायक एक बार पुनः समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए सपा में शामिल हो गये | समाजवादी पार्टी ,कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी सभी दलों में रहे और अब पुनः सपा में आये सरवर अली-पूर्व विधायक महीनो से समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए गोटिया बिछा रहे थे |प्रत्येक दांव बेअसर जाने के बाद उनके द्वारा विगत १३ दिसंबर को देवा से महादेव तक की संकल्प यात्रा निकाली गयी,इस यात्रा में तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओ ने अपनी भागीदारी दी ,जिसमे सरवर अली -पूर्व विधायक ने जमकर राजनीतिक गिरावट पे प्रहार किया |सपा में शामिल ना कराये जाने से , सपा से टिकेट ना होने से नाराज़ सरवर अली -पूर्व विधायक को किसी भी अन्य राजनीतिक दल ने तवज्जो नहीं दी | समाजवादी पार्टी के नेता अरविन्द सिंह गोप ने अपने राजनीति समझ दारी का परिचय देते हुये सरवर अली से संपर्क बनाये रखा वही दूसरी तरफ कुर्सी से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी फरीद महफूज़ किदवई निः वर्तमान विधायक ने कुर्सी विधान सभा में अपने जन संपर्क को तेज़ कर दिया | बाराबंकी जनपद में मुस्लिमो के सबसे बड़े नेता कि अपनी छवि के बलबूते फरीद ने सरवर अली के होश उड़ा दिये | मुस्लियो के बीच फरीद महफूज़ किदवई की मजबूत पकड़ देख कर कोई और राजनीतिक रास्ता ना बनते देख कर सरवर अली ने राजनीतिक मज़बूरी के तहत और गोप के द्वारा बिछाई गयी राजनीतिक बिसात में आकर बीते कई महीनो से सड़क पर,सभाओ में की जा रही बातो को बिसरा कर शायद बंद कमरे में हुये किसी समझौते ,राजनीतिक सौदेबाजी के तहत समाजवादी पार्टी की सदयस्ता ली है | गौरतलब है कि सरवर अली के साथ हालिया निकाली गयी संकल्प यात्रा में शामिल किसी भी अन्य प्रभावी नेता या सामाजिक कार्यकर्ता ने समाजवादी पार्टी की सदयस्ता नहीं ली है | समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव का साथ बीते लोकसभा में छोड कर चले जाने वाले सरवर अली कितने दिनों तक समाजवादी पार्टी में रहेंगे यह चर्चा उनके द्वारा समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने की खबर के साथ ही शुरु हो चुकी है |बहर हाल सरवर अली किन कारणों से समाजवादी पार्टी में शामिल हुये इसको लेकर राजनीतिक हलको में चर्चा अपने शबाब पर है | जो भी हो एक बार पुनः समाजवादी पार्टी की राजनीति में अरविन्द सिंह गोप ने अपनी राजनीति चातुर्य को बखूबी अंजाम देते हुये महीनो से अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे सरवर अली को समाजवादी आशियाने में जगह देकर आगामी विधान सभा २०१२ में सरवर अली के भरपूर उपयोग करने की आधार-शिला रख ही दी है| एक बार पुनः अरविन्द सिंह गोप ने समाजवादी पार्टी के विस्तार के क्रम में अपना महती योगदान देकर अपनी उपयोगिता बढ़ाई ही है |