Saturday, March 3, 2012
राजनीति में सिद्धांतहीन गठबंधन
उत्तर प्रदेश में चुनावी नतीजों पर चर्चा-परिचर्चा जोरो से जारी है | ६ मार्च को परिणाम आने पे किसी एक दल को बहुमत ना मिलने कि स्थिति में राजनीति में सिद्धांतहीन गठबंधन के बलबूते देखते है कौन सरकार बनाता है ? सत्ता के सुख के लिए सिद्धांतो का त्याग कौन करेगा ? किस आधार पे समर्थन दिया और लिए जायेगा ? चुनाव के दौरान एक दुसरे की जम कर आलोचना करने वाले दलों के नेता कैसे बगलगीर होंगे , ये भी शायद देखने को मिल ही जाये | बसपा और कांग्रेस की सरकारों के खिलाफ समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में जिन मतदाताओ ने अपना समर्थन और मत दिया है,उनकी निगाहें चुनाव परिणामो के बाद सत्ता के लिए बनने वाले गठ बंधन पे भी रहेंगी| जिनके विरोध में मतदाताओ ने मत दिया है , उनके साथ गठ बंधन करके सत्ता हासिल होते देख के क्या बीतेगी ? उत्तर प्रदेश में किसी को भी स्पष्ट बहुमत ना मिलने की सूरत में अगर बसपा या कांग्रेस किसी के समर्थन से या किसी को समर्थन देकर सरकार बनाती है तो एक बार दुबारा से मतदाता ठगा जायेगा |
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