Saturday, February 26, 2011

चन्द्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर

साहस-शौर्य-संकल्प के प्रतीक हैं -आजाद
अरविन्द विद्रोही
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे,
आजाद ही रहें हैं,आजाद ही रहेंगे ।

चन्द्रशेखर आजाद नाम नहीं,प्रतीक बन गया है-साहस,शौर्य,संकल्प,देशभक्ति,मिलन सारिता एवं सूझ-बूझ का।ऩि़र्धनता में पले-बढ़े चन्द्रशेखर तिवारी के पिता पं0सीताराम तिवारी मूलतः ग्राम बदरका,जनपद उन्नाव,उ0प्र0 के रहने वाले थे।
संवत्1956 के देशव्यापी अकाल के समय जीविकोपार्जन के लिए पं0सीताराम तिवारी बदरका छोड़ कर भावश,तत्कालीन अली राजपुर जिला-वर्तमान में झाबुआ जिला में सरकारी बाग की रखवाली का काम करने लगे थे।आजाद के पिता अत्यन्त निर्धन,सदाचारी,ईमानदार किन्तु क्रोधी स्वभाव के थे।माता जगरानी देवी जी निरक्षर थी।परिवार कट्टर सनातनी ब्राह्मण।बालक चन्द्रशेखर तेजस्वी,कर्मशील और नटखट।अपने नटखटपने के कारण वे अपने पिता के कोप-भाजन का शिकार बनते रहते थे।चन्द्रशेखर के
चार भाई मौत के शिकार हो चुके थे,माता अपने इकलौते पुत्र पर स्नेह-ममत्व लुटाती रहती।सनातनी ब्राह्मण का तेजस्वी बालक संस्कृत पढ़ने काशी आ पहुॅंचा।सन्1921,चन्द्रशेखर तिवारी की उम्र चौदह वर्ष मात्र।सर्वत्र असहयोग आन्दोलन का वातावरण।भारत-भर में विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और होली मनाई जा रही थी।परिवार की स्थितिजन्य परिस्थितियों ने बालक चन्द्रशेखर को कष्ट सहने वाला,कठोर परिश्रमी,विकट परिस्थितियों में संघर्ष करने वाला बना दिया था।इसी दौरान ब्रिटेन के युवराज डयूक ऑफ विण्डसर का भारत आगमन हो गया।भारत को एक क्रान्तिपुत्र मिलने की,उस क्रान्ति के हीरे की जौहरियों के नजर में आने की घड़ी आ गई।
कंाग्रेस ने ब्रिटेन के युवराज की भारत यात्रा का विरोध किया।सर्वत्र हड़ताल रखी गई।तनाव पैदा हो गया।दंगे भी हुए।सरकार ने सख्ती बरती।महात्मा गॉंधी को छः महीने का कारावास मिला।चन्द्रशेखर ने बनारस के सरकारी विद्यालय पर धरना दिया।पकड़े गये।इसी अपराध में मुकदमा चला।बालक चन्द्रशेखर ने मुकदमें के दौरान जो उत्तर दिये,वो आज तक ह्दय को झकझोरने के लिए पर्याप्त है।प्रत्येक उत्तर में देश भक्ति व निर्भीकता।
नाम-आजाद
पिता-स्वतन्त्र
निवास-जेलखाना

यैसे उत्तरों को सुनकर न्यायाधीश खारेघाट क्रोधित हो उठा,पन्द्रह कोड़ों की सजा सुनाई।प्रत्येक कोड़े के लगने पर वन्देमातरम् व महात्मा गॉ।धी की जय बोलते-बोलते वीर बालक मुर्छित होकर धरती मॉं की गोद में विश्राम करने लगा।
सारे बनारस में मानों हवा के माध्यम से यह घटना फैल गई।शहर कांग्रेस समिति ने उनके अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया।श्री मन्मथनथ गुप्त ने लिखा है कि काशी के इतिहास में सभा एक अविस्मरणीय घटना है।सभा में चन्द्रशेखर का अभिनन्दन उनकी वीरता के अनुरूप ही हुआ। आततायी ब्रितानिया हुकुमत से टक्कर लेने वाले किशोर के दर्शन करने व आर्शीवाद देने मानों समूचा काशी आ उमड़ा।छोटे से बालक को देखने पहुॅंची अपार भीड़।मंच पर मेज लगाकर साहसी बालक को खड़ा किया गया।महात्मा गॉंधी की जय से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा।चन्द्रशेखर ने अपना वक्तव्य दिया।सारा शरीर फूलों से लाद दिया गया।ऑंखे सिंह की भॉंति चमक रही थी।सिंह की गर्जना अंग्रेजों के कानों तक पहुॅंच ही चुकी थी।बस वो घड़ी,चन्द्रशेखर तिवारी को श्री प्रकाश जी ने आजाद नाम से अलंकृत किया।
बनारस के सुप्रसिद्ध देशभक्त शिव प्रसाद गुप्त ने आजाद को अपने संरक्षण में लिया।काशी विद्यापीठ में दाखिला कराया।पहले ही दिन उनके दर्शन के लिए विद्याार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी।आजाद का लक्ष्य शिक्षा तो था नहीं,लिहाजा थोड़े ही दिनों में उन्होंने शिव प्रसाद गुप्त का घर छोड़ दिया।आजाद ने आजादी प्राप्त करने की दिशा में स्वयं को समर्पित कर लिया था।
चौरी चौरा काण्ड के कारण असहयोग आन्दोलन स्थगित हो गया और महात्मा गॉंधी के अहिंसक मार्ग से क्रान्तिकारियों का विश्वास हिलने लगा था।प्रख्यात क्रान्तिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल संयुक्त प्रान्त में संगठन कर रहे थे।श्री सान्याल अण्डमान जेल से छूटकर आये थे।श्री सान्याल की पुस्तक ‘‘बन्दीरक्षक‘‘ अपनी प्रसिद्धी की ओर अग्रसर थी।पुस्तक युवाओं को क्रान्ति के मार्ग पर चलाने के लिए एक बड़ी प्रेरणा श्रोत बन गई।श्री सान्याल ने राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी के नेतृत्व में ‘‘हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन‘‘ नामक दल को तैयार किया।प्रणवेश चटर्जी इस दल के सदस्य थे।श्री चटर्जी ने मन्मथनाथ गुप्त को आजाद का मन टटोलने की जिम्मेदारी सौंपी।आजाद तो पैदा ही भारत की आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए हुए थे।शीघ्र ही आजाद अंतरंग समिति के सदस्य बन गये।दल का उद्देश्य स्वतंत्रता प्राप्त करने के साथ-साथ शोषण रहित प्रजातन्त्र की स्थापना करना था।अमर शहीद पं0 रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में आजाद ने काकोरी रेल काण्ड में हिस्सा लिया और 1925 में काकोरी षड़यंत्र केस में फरार होकर झा।सी पहुॅंचे।झॉंसी और ओरछे के बीच सातार नदी के किनारे पर एक कुटिया में हरिशंकर ब्रह्मचारी बन कर रहे।आजाद ने कुशल संगठनकर्ता होने का परिचय देते हुए छिन्न-भिन्न हो चुके सूत्रों को फिर से जोड़ लिया।क्रान्तिकारियों के साथ मिलकर आजाद ने प्रमुख कार्य किये उनमें- लाहौर में लाला लाजपत राय पर लाठी चार्ज करने वाले ए0एस0पी0 साण्डर्स का वध,देहली की धारा सभा में बम विस्फोट तथा वायसराय की गाड़ी के नीचे बम विस्फोट कराना शामिल है।27 फरवरी,1931 को अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद में पुलिस से युद्ध करते हुए,बलिदान देते समय तक चन्द्रषेखर आजाद ने अपने एक-एक शब्द को जीया।उन्होंने साथियों से जो कहा वही किया।जिस वृक्ष के नीचे आजाद ने अपने प्राण त्यागे थे,दूसरे दिन वह फूलों से लदा था।जनता ने वृक्ष पर आजाद का नाम लिखा,पेड़ के नीचे की माटी विद्यार्थी माथे पर लगाकर साथ ले गये।जनता का आदर और उत्साह देखकर ब्रितानिया हुकुमत ने शहीद स्थल के उस वृक्ष को काट डाला।स्वतन्त्रता के पश्चात् बाबा राघव दास ने उसी जगह पुनः वृक्षारोपण किया।वर्तमान में पार्क में चन्द्रशेखर आजाद का जो स्मारक बना है,वह श्रद्धेय पं0 बनारसी दास चतुर्वेदी पूर्व राज्य सभा सदस्य के अथक प्रयासों का परिणाम है।
यह स्मारक अशिक्षित,कुसंस्कार ग्रस्त,गरीबी में पड़ी हुई जनता का क्रान्ति के मार्ग पर उत्तरोतर बढ़ते जाने का स्मारक है,अदम्य साहस,व्यवहारिक सूझ-बूझ और साथियों के लिए हार्दिक स्नेह,त्याग और बलिदान के लिए सतत् तत्परता के द्वारा प्राप्त नेतृत्व का स्मारक है,और है साम्राज्यवाद के विरूद्ध आमरण दृढ़ निश्चयी युद्ध और समाजवाद की स्थापना के लिए निर्भयता से बढ़ते जाने का स्मारक।

Tuesday, February 15, 2011

मौसम

बाराबंकी मौसम के बदले रूख ने लोगो को गर्म कपडे फिर से पहने के लिए मजबूर कर दिया। फरवरी माह के लगते ही आसमान में चमकते हुए सूरज ने लोगो को गर्मी का अहसास कराया था। लेकिन आकाश में छायी बदली चलने वाली हवाओ ने मौसम में भारी परिवर्तन कर दिया। कुछ किसानो के चेहरो पर रौनक तो कुछ किसानो के चेहरो पर बदली को लेकर मायूसी देखी गई। किसानो का कहना है कि यदि बरसात होती है तो गेहूॅ,आलू जैसी फसलो को फायदा हो सकता है। वही दलहन व तिलहन को नुकसान हो सकता है। साथ ही साथ इस परिवर्तन शील मौसम में जो लोग लाहपरवाही करेगे। वो निश्चित रूप से बीमार हो सकते है। योभी अभी माध पूर्णिमा का स्नान शेष है। जब तक सारे महत्वपूर्ण स्नान नही हो जाते तब तक ठण्ड मे कमी के आसार नही है।

तहसील दिवस

बाराबंकी:- तहसील नवाबगंज में जिलाधिकारी विकास गोठलवाल की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में कुल 128 प्रार्थनापत्र आये। मौके पर मात्र 3 प्रार्थनापत्रों का ही निस्तारण किया जा सका।

प्राप्त प्रार्थनापत्रों में सर्वाधिक राजस्व विभाग के 53, पुलिस विभाग के 25 आपूर्ति विभाग के 6 विकास विभाग के साथ विद्युत विभाग के 4 समस्त कल्याण विभाग के 9 चकंबन्दी विभाग के 2 विजली विभाग के 4 व अन्य 17 शामिल है। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अभय कुमार अपर पुलिस अधीक्षक श्री पर्णा गागुली, उप जिलाधिकारी अनिल सिह, तहसीलदार अरूण मिश्रा, उपस्थित थे।

Sunday, February 13, 2011

’एनुवल एजुकेशनल, एविसीवेशन कम कल्चरल एक्टीविटीज

बाराबंकी:- पायनियर माण्टेसरी इण्टर कालेज, में दो दिवेसीय ’’एनुवल एजुकेशनल, एविसीवेशन कम कल्चरल एक्टीविटीज’’ का शुभारम्भ अपर जिला सत्र न्यायधीश राजेन्द्र चन्द ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

इस मौके पर उपस्थित वीरबल साहनी संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 सी0 एम0 नौटियाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को समय-समय पर दोहराते रहना चाहिए क्योकि इससे छात्रो को करके सीखने का मौका मिलता है।

प्रदर्शनी में मैजिक बाक्स, इको-फ्रिज, हाइड्रेपानिक्स, कैथेड्रल चर्च, लंका दहन, श्रृष्ट, प्रलय, (कामायनी) भौमिक समय सारणी, रोबोट, आदि का प्रदर्शन किया गया। उधर सांस्कृतिक कायक्रमो में गुजराती गरबा नृत्य (धीमडो-धीमडों) आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बना रहा। इन कार्यक्रमों के साथ-साथ फैंसी डेªस कम्पटीशन का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रेप-गुप में अमन-प्रथम, शिवांगी द्वितीय तथा निष्ठा पटेल तृतीय स्थान पर रही। द्वितीय गुप में (कक्षा1,2) में प्रियंाशी बाजपेयी प्रियांशी तिवारी को प्रथम आस्था द्विवेदी को द्वितीय व शहरीस फातिमा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। मुख्य अतिंिथ द्वारा इन छात्र-छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के (पूर्व होनहार) छात्र सत्येन्द्र कुमार को नव नियुक्त नायब तहसील दार सत्येन्द्र कुमार को सम्बोन्धित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला विद्यालय निरीक्षक अरूण कुमार दुबें, विद्यालय प्रबन्धक पूरन सिंह, प्रधानाचार्य श्रीमती रेखा मिश्रा ने भी सभा को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में डा0 बी0 के0 तिवारी, श्रीमती सोमप्रभा मिश्रा, जितेन्द्र कुमार गिरी (नगर कोतवाल) श्रीमती मंजू श्रीवास्तव उपस्थित थी कार्यक्रम का संचालन बी0एन0मिश्रा ने किया।

Friday, February 11, 2011

जिलाधिकारी कार्यलय की दीवाल

बाराबंकी:- मुख्यमंत्री के जनपद दौरे को देखते हुए जिलाधिकारी कार्यलय में कराया जा रहा रग रोगन के कार्य में एक मजदूर की जान जाते-जाते बची।

विदित है कि जहॉगीरा बाद निवासी 45 वर्षीय सहज राम जिलाधिकारी कार्यलय की दीवाल पर काफी ऊचाई पर पोतायी का कार्य कर रहा था कि अचानक बंास चरमरा कर नीचे की ओर आने लगा। तब तक वहॅा पर मौजूद लोगो ने गिर रहे बास को थाम लिया नही तो कुछ भी हो सकता था। जिससे चारो तरफ अफरा-तफरी मच गयी। उसी समय प्रदेश के असरदार मंत्री नसीमुद्दीन सिददीकी चन्द कदमो की दूरी पर स्थित गन्ना मैदान में मुख्यमंत्री आगमन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे जिससे सारा जिला प्रशासन वही पर मौजूद था। उस गरीब मजदूर का धन्टो तक किसी ने हाल-चाल नही लिया।

बाराबंकी भारतीय पोस्ट विभाग

बाराबंकी:- भारतीय पोस्ट विभाग की धिसी-पिटी कार्यशैली के चलते एक युवा का भविष्य अन्धकार की गर्त मे चला गया।

विदित है कि अभिषेक श्रीवास्तव पुत्र नन्द कुमार श्रीवास्तव निवासी ग्राम व पोस्ट भैसूरिया रामनगर जनपद बाराबंकी ने भारतीय वायु सेना में लिपिक पद हेतु आवेदन किया था। जिसकी परीक्षा बीती 28 जनवरी को 2011 को वायु सेना स्टेशन चकेरी कानपुर में सम्पन्न हो गयी। विडम्बना यह है कि वायु सेना द्वारा क्रमसख्या 8550 दिनांक 13 जनवरी 2011 को साधारण डाक से भेजा गया था लेकिन वाह रे डाक विभाग लिफाफे पर चकेरी डाकद्यर की 30 जनवरी 11 की लगी मुहर इस बात को दर्शाती है कि भेजा गया बुलावा पत्र 17 दिनों तक डाकद्यर की ही धूल फाकता रहा और अंत मे वही हुआ जो किस्मत को मजूर था। अभ्यर्थी को परीक्षा हो जाने के बाद मिला। जिससे वह परीक्षा में शामिल नही हो सका।

Thursday, February 10, 2011

सुश्री मायावती -- 12 फरवरी को बाराबंकी आगमन

आसुतोष कुमार श्रीवास्तव... प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के आगामी 12 फरवरी को जनपद आगमन को देखते हुए सारा प्रशासनिक अमला दिन रात एक किये हुए है।

गौरतलब है कि आखिर मुख्यमंत्री दौरे की तारीख आते ही प्रशासनिक अमला क्यो सक्रिय होता है। क्या जो विकास कार्य अब कराये जा रहे है इनको पहले नही कराया जा सकता था। हर विकास कार्य के लिए धन का आवटन तो किया जाता है। साथ ही साथ कराये गये विकास कार्यो की निरीक्षण रिपोर्ट भी यही अधिकारी ही तो देते है। इस समय समस्याग्रस्त पीड़ित दरिद्रनारायण की सुनने वाला कोई नही है। क्योकि सारे अधिकारी सुबह होते ही विभिन्न स्थानों को कूच कर जाते है। तथा देर रात वापस आ रहे है। चारो ओर सफाई का कार्य जा रहा है। चाहे सरकारी दफतर हो अथवा नगर के मुख्यमार्ग या फिर मलिन बस्ती ही क्यो न हो। जो कार्य इस समय कराये जा रहे है। ये सारे कार्य तो रूटीन में ही कराये जाने चाहिए। एक दिन के लिए इतनी सारी तैयारी की जाये फिर आराम तलबी में मशगूल हो जाने से तो आमजन को राहत नही मिलने वाली है। जन सामान्य से जुडे साधारण से मामलों में भी प्रशासनिक तंत्र की संवेदनहीनता ही दिखती है। चाहे काशीराम आवास योजना हो या फिर महामाया योजना हो सारी योजनाएॅ जिस वर्ग के लिए बनायी गयी है। उस वर्ग को इनका लाभ मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री के पास इतना समय कहा कि हर व्यक्ति के पास पहॅुचकर दुःख-दर्द जान सके। फिर भी वर्तमान प्रदेश की मुखिया जिला-जिला जा कर प्रदेश वासियों की समस्याओ को जानने की जो कोशिश कर रही है। निश्चित रूप से चन्द्र गुप्त मौर्य व अकबर द ग्रेट के द्वारा की गयी जनसेवा की पुनरावृत्ति कर आम आदमी को बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय को कार्य रूप दे रही है। वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग, पेन्शन सहित विवाह अनुदान समय पर लाभार्थी को यदि मिलता रहे, अस्पतालो में रोगियों की सुचारू रूप से इलाज होता रहे, पुलिस कानून व्यवस्था बनाये रखने को सक्रिय रहे, समाज में अपराध व अपराधियों का बोलबाला न हो, विद्यालयों में बच्चो को समय पर शिक्षा व भोजन मिलता रहे, ब्लाको में मात्र राजनीति ही न हो विकास पर भी चर्चा हो, तहसीलो में भाई-भतीजा से ऊपर उठकर जनसामान्य का काम होता रहे, परिवहन विभाग द्वारा यात्रियों की सुख-सुविधा का ध्यान रखा जाये, वन विभाग द्वारा उपलब्ध भूभाग का 33 प्रतिशत पर हरियाली बनायी रखी जाये, वन जन्तुओ का अवैध रूप से शिकार न किया जाये लकडी माफियाओ से संाठ गंाठ कर हरे फल दार पेडों की कटान न कराई जाये, खाद्य रसद विभाग द्वारा सरकार द्वारा सरकारी राशन का वितरण भली प्रकार किया जाता रहे, मुनाफा खोरो, जमाखोरो, मिलावटी व नकली सामान बेचने वाले लोगो के खिलाफ कार्यवाही होती रहे, शिक्षण संस्थाओं में अध्यापक प्रबन्धतन्त्र व प्रधानाचार्य के बीच राजनीति तक ही सीमित न रहे बल्कि शैक्षणिक कलैन्डर के अनुरूप विद्यार्थियों को पढाते रहे, सरकारी विभागो में भ्रष्टाचार व्याप्त न हा,े जिले की औद्योगिक इकाईयां भरपूर उत्पादन करती रहे तो प्रदेश मुखिया को इस प्रकार दौरे क्यो करने पडें। बात बिल्कुल साफ है कि सरकारी पदों पर बैठे जिम्मेदार लोग जहॉ अपने कर्तव्यों के प्रति संवेदनहीन होते है वही सत्तारूढ दल के जनता द्वारा चुने गये नुमाइन्दे भी इन व्यवस्थाओ के प्रति अपनी जवाब देही नही समझते। क्योकि व्यवस्था तो तभी दुरूस्त रहेगी जब देख रेख अपनी ऑखो की जाये। लेकिन विडम्बना है कि एक ओर जहॉ सरकारी अधिकारी शाम होते ही लखनऊ स्थित अपने द्यरो की ओर कूच कर जाते है। वहीं निर्वाचित प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में निवास करने की जगह राजधानी में ही निवास करने को वरीयता देते है। क्योकि क्षेत्र की समस्याओ को झेलने के लिए तो जनता है ही।

बाबू बेनी प्रसाद- बाराबंकी जनपद का विकास

Asutosh kumar Srivastava बाराबंकी:- देश के स्वतन्त्रता संग्राम से लेकर आजतक जनपद को गौरव दिलाने वालो में जहा रफी अहमद किदवाई का नाम लिया जाता है वही जनपद को विकास की राह पर ले जाने वालो में मात्र एक ही धुृवतारा है जिसे हम सब बाबू बेनी प्रसाद के नाम से जानते है।

गौरतलब है कि जनपद की परिधि में अनेक नेता आये और अपनी राजनैतिक रोटी सेक कर चलते बने। लेकिन बाबू बेनी प्रसाद का सारा अस्तित्व जनपद के चहुॅमुखी विकास में ही परिलक्षित होता है। मुंह से खरे व दिल के भले इस नेता ने अबतक आधा दर्जन से भी अधिक बार विधान सभा व पांच बार लगातार लोकसभा का चुनाव जीत कर अपने शानदार राजनैतिक कौशल का परिचय दिया है। वर्ष 2007 के विधान सभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी को छोड़कर तुरन्त समाजवादी क्रन्तिदल के गठन के पश्चात हुए चुनाव में बेनी बाबू के हाथ निराशा तो जरूर लगी लेकिन उनके समाजवादी पार्टी छोड़ देने के कारण चुनाव में इसका सीधा लाभ बसपा को मिला तथा बाबू जी के समय आठो विधान सभा सीटो पर परचम लहराने वाली सपा को मात्र दो सीटो से ही सब्र करना पडा। खराब स्वास्थ्य के चलते एक बार विरोधियों को यह कहने का मौका जरूर मिला कि बाबू जी की राजनैतिक पारी अब समाप्त होने को है। लेकिन वर्ष 2009 में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में काग्रेस पार्टी के टिकेट पर गोण्डा संसदीय क्षेत्र से शानदार विजय हासिल कर बाबू जीने अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया। इस लोकसभा चुनाव में बाराबंकी लोकसभा सीट से 25 साल बाद बाबू जी ने काग्रेस प्रत्याशी पी0एल0पुनिया को रिकार्ड मतो से विजय बनाकर लोकसभा भेजा यह बात किसी से छिपी नही है। लेकिन राजनीति के क्षेत्र में एक कहावत प्रचलित है कि जिसको अगुली पकड कर चलना सिखाओ वही तुमको पीछे करने की कोशिश करता है। बाबू जी के जन्मदिन के दो साल पूर्व पर नजर डाले तो एक माला के अन्दर बाबू जी व पुनिया एक साथ नजर आते है। लेकिन आज स्थितयां ठीक विपरीत है। एक ही राजनैतिक दल मे होने के बावजूद दोनो लोग एक दूसरे को फूटी ऑख नही सुहाते। वर्तमान समय मे दोनो ही सांसदो को मनमोहन सरकार मे महत्वपूर्ण पद मिले हुए है। लेकिन दोनो लोगो में पार्टी के लिए कौन लाभदायक सिद्ध होगा यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। लेकिन एक बात साफ तौर से कही जा सकती है कि चाहे कोई जितना भी क्यो न बन ले नेता तो बेनी बाबू ही हैं। जब-जब बाबू जी पावर मे होते है तबतब उसका सीधा लाभ जनपद को मिला है चाहे वो वर्ष 1989 से 1991 व 1993 से 1995 में लोक निर्माण मंत्रिपद हो अथवा वर्ष 1996 में देवगौडा सरकार मेे केन्द्रीय दूर सचार मंत्री का पद हो। दोनो पदो पर रहते हुए बाबू जीने जनपद में विकास की गंगा बहाने में कोई कसर नही छोडी। जब वह प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे तो जनपद के हर गांव के गली -कूंचो तक सड़को का जाल बिछाने का कार्य किया। और जब वह केन्द्रीय संचार मंत्री बने तो जनपद स्तर से लेकर गांजरी क्षेत्र हेतमापुर तक संचार भवन बनवाकर टेलीफोन लाइन बिछवाने का कार्य किया। इतना ही नही संचार मंत्री रहते हुए ही द्वापरयुगीन पारिजात वृक्ष पर तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भण्डारी द्वारा डाकटिकट जारी करवा कर जनपद को सारे देश में पहचान दिलाने का काम किया। वर्तमान पारी में इस्पात मंत्री बनते ही जगदीश पुर की स्टील फैक्ट्री को पुनः चालू करने व बाराबंकी तथा गोण्डा में इकाईया स्थापित करने की घोषणा से ही लोगो के मन में एक नयी आशा की किरन जगी है। इनके राजनैतिक कौशल का लाभ मिशन 2012 को कामयाब करने में काग्रेस पार्टी को मिलना अवश्यंभावी है।

Wednesday, February 9, 2011

बाराबंकी:- प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती 12 फरवरी को जनपद आगमन

बाराबंकी:- प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के आगामी 12 फरवरी को जनपद आगमन को देखते हुए सारा प्रशासनिक अमला दिन रात एक किये हुए है।

गौरतलब है कि आखिर मुख्यमंत्री दौरे की तारीख आते ही प्रशासनिक अमला क्यो सक्रिय होता है। क्या जो विकास कार्य अब कराये जा रहे है इनको पहले नही कराया जा सकता था। हर विकास कार्य के लिए धन का आवटन तो किया जाता है। साथ ही साथ कराये गये विकास कार्यो की निरीक्षण रिपोर्ट भी यही अधिकारी ही तो देते है। इस समय समस्याग्रस्त पीड़ित दरिद्रनारायण की सुनने वाला कोई नही है। क्योकि सारे अधिकारी सुबह होते ही विभिन्न स्थानों को कूच कर जाते है। तथा देर रात वापस आ रहे है। चारो ओर सफाई का कार्य जा रहा है। चाहे सरकारी दफतर हो अथवा नगर के मुख्यमार्ग या फिर मलिन बस्ती ही क्यो न हो। जो कार्य इस समय कराये जा रहे है। ये सारे कार्य तो रूटीन में ही कराये जाने चाहिए। एक दिन के लिए इतनी सारी तैयारी की जाये फिर आराम तलबी में मशगूल हो जाने से तो आमजन को राहत नही मिलने वाली है। जन सामान्य से जुडे साधारण से मामलों में भी प्रशासनिक तंत्र की संवेदनहीनता ही दिखती है। चाहे काशीराम आवास योजना हो या फिर महामाया योजना हो सारी योजनाएॅ जिस वर्ग के लिए बनायी गयी है। उस वर्ग को इनका लाभ मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री के पास इतना समय कहा कि हर व्यक्ति के पास पहॅुचकर दुःख-दर्द जान सके। फिर भी वर्तमान प्रदेश की मुखिया जिला-जिला जा कर प्रदेश वासियों की समस्याओ को जानने की जो कोशिश कर रही है। निश्चित रूप से चन्द्र गुप्त मौर्य व अकबर द ग्रेट के द्वारा की गयी जनसेवा की पुनरावृत्ति कर आम आदमी को बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय को कार्य रूप दे रही है। वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग, पेन्शन सहित विवाह अनुदान समय पर लाभार्थी को यदि मिलता रहे, अस्पतालो में रोगियों की सुचारू रूप से इलाज होता रहे, पुलिस कानून व्यवस्था बनाये रखने को सक्रिय रहे, समाज में अपराध व अपराधियों का बोलबाला न हो, विद्यालयों में बच्चो को समय पर शिक्षा व भोजन मिलता रहे, ब्लाको में मात्र राजनीति ही न हो विकास पर भी चर्चा हो, तहसीलो में भाई-भतीजा से ऊपर उठकर जनसामान्य का काम होता रहे, परिवहन विभाग द्वारा यात्रियों की सुख-सुविधा का ध्यान रखा जाये, वन विभाग द्वारा उपलब्ध भूभाग का 33 प्रतिशत पर हरियाली बनायी रखी जाये, वन जन्तुओ का अवैध रूप से शिकार न किया जाये लकडी माफियाओ से संाठ गंाठ कर हरे फल दार पेडों की कटान न कराई जाये, खाद्य रसद विभाग द्वारा सरकार द्वारा सरकारी राशन का वितरण भली प्रकार किया जाता रहे, मुनाफा खोरो, जमाखोरो, मिलावटी व नकली सामान बेचने वाले लोगो के खिलाफ कार्यवाही होती रहे, शिक्षण संस्थाओं में अध्यापक प्रबन्धतन्त्र व प्रधानाचार्य के बीच राजनीति तक ही सीमित न रहे बल्कि शैक्षणिक कलैन्डर के अनुरूप विद्यार्थियों को पढाते रहे, सरकारी विभागो में भ्रष्टाचार व्याप्त न हा,े जिले की औद्योगिक इकाईयां भरपूर उत्पादन करती रहे तो प्रदेश मुखिया को इस प्रकार दौरे क्यो करने पडें। बात बिल्कुल साफ है कि सरकारी पदों पर बैठे जिम्मेदार लोग जहॉ अपने कर्तव्यों के प्रति संवेदनहीन होते है वही सत्तारूढ दल के जनता द्वारा चुने गये नुमाइन्दे भी इन व्यवस्थाओ के प्रति अपनी जवाब देही नही समझते। क्योकि व्यवस्था तो तभी दुरूस्त रहेगी जब देख रेख अपनी ऑखो की जाये। लेकिन विडम्बना है कि एक ओर जहॉ सरकारी अधिकारी शाम होते ही लखनऊ स्थित अपने द्यरो की ओर कूच कर जाते है। वहीं निर्वाचित प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में निवास करने की जगह राजधानी में ही निवास करने को वरीयता देते है। क्योकि क्षेत्र की समस्याओ को झेलने के लिए तो जनता है ही।

Tuesday, February 8, 2011

बसन्त पंचमी विद्यार्थी की मनोकामना ईश्वर से प्रार्थना

बसन्त पंचमी पर विद्यार्थी की मनोकामना ईश्वर से प्रार्थना अरविन्द-विद्रोही हे पूज्य गुरुदेवों सादर चरण स्पर्श । हे बृहस्पति गुरु,हे शुक्राचार्य, हे द्रोणाचार्य आदि गुरुओं की परम्परा के वाहक गुरुजन अपनी गौरवमयी परम्परा को याद करें ।यह हमारे समाज का दुर्भाग्य है कि समाज को शिक्षित करके सत्मार्ग पर ले जाने वाले आप समाज के शिक्षक गण अपनी राह से भटक ही नहीं गये हैं वरन पथभ्रष्ट हो गये हैं ।यह वेदना है एक शिष्य की ........पीडा है आपके शिष्य के अंर्तमन की ।जिसका शीश किसी भी गुरुकुल के शिक्षक के सम्मान में झुक जाता था, वो शीश आज शिक्षकों के नित नये अनैतिक कारनामों के उजागर होने से शर्म व ग्लानि से धसां जा रहा है ।हे गुरुदेवों ....अपना पुर्न उत्थान करें ।अपनी ज्ञान उर्जा को शिक्षा जगत में , समाज को शिक्षित करने में लगाने का प्रयास करें ।
आप मॉं शारदे के पुत्र ,आपको यह सांसारिक लोभ लालच भ्रष्टाचार ने कैसे अपने बंधनो में जकड लिया है ।हे गुरुश्रेष्ठ -जागृत हो,मोह-लोभ की बेडियों को तोड दीजिए ।छोड दीजिए-ठेकेदारी का लालच ।मत मोड़िए ,अपनी शैक्षिक छवि को ,ज्ञान पुंज को-लोभ के दरिया में।व्यभिचार के कुंभ में बदलते अपने स्वरूप को तत्काल रोकें-गुरूदेवों ।हम महादेव के सामने सिर पटक चुके हैं कि हे महादेव-हमारे गुरूओं को सत्मार्ग पर लायें ।हम मॉं सरस्वती से विनयावत हो चुके हैं कि हे माते अपने पुत्रों को सहेजें ।हमने अपने छात्र जीवन की उन घटनाओं को याद किया है ,जब हे गुरूश्रेष्ठ-आप हमें सिर्फ असत्य बोल देने पर कक्षा में दण्डित करते थे ।आज आप ही के द्वारा दण्डित ,सत्मार्ग पर आपके ही द्व्रारा चलाये गये विधार्थी आपके सम्मुख चरण वन्दना को प्रस्तुत हैं-हे गुरूवर ,हे परशुराम ,हे वशिष्ठ आदि ऋषियों मुनियों की भॉंति हमें युगों-युगों से शिक्षित कर रहे शिक्षा के पुजारियों ,आप मॉं लक्ष्मी के पुजारी क्यों बन रहें हैं?आप अपना स्वरूप क्यों बिगाड रहें हैं?विद्या ददाति विनयम् आपने हमें पढाया था। आपकी उदारता ,आपका कर्त्तव्यबोघ ,समाज के प्रति आपका अनुराग कब ,कैसे ,क्यों और कहॉं लुप्त हो गया?हम चिंतातुर हैं मुनिवर् ।हम व्याकुल हैं ,आघुनिक भारत के शिक्षा गुरूओं-हम व्यथित हैं। हे जगतजननी मॉं ,आप ही दया करो। आने वाली अपनी औलादों के लिए हमारे गुरूओं की सद्बुध्दि वापस कर दो -मॉं! मॉं , हम अपने लिए नहीं वरन् अपने गुरूओं और अपनी संतानों और समाज के लिए आपसे गुरूओं को सत्मार्ग पर लाने की भिक्षा मॉंगते। हैं।

हे भारतमाता। आप ही समझाओं इन गुरूश्रेष्ठों को। हे दुर्गा मॉं-आपसे तो असुर भी भय खाते थे ,क्या हमारे गुरू आपसे नहीं डरते?हे सनातन धर्म के कोटि2 देवताओं ,हे समस्त धर्मो के श्रध्देयों-हमारी ,विद्यार्थियों की विनती पर भी ध्यान दें ।हमारे शिक्षकों को मॉं सरस्वती का ही पुत्र रहने दें ।हमारे शिक्षकों को भ्रष्टाचार के दलदल से निकालो-कृष्ण ।हे वासुदेव कृष्ण-तुमने तो अधर्म के नाश के लिए चचेरे भाईयों में महाभारत कराकर धर्म की स्थापना की थी। हे मधुसूदन-अपने मामा कंस का वध आपने ही अत्याचार ,आतंक खत्म करने के लिए किया था ।अवतार ले लो हे चक्रधारी ।

हे सर्वशक्तिमान-सम्पूर्ण सृष्टि के रचयिता ।आप जिस भी रूप में हों, आपकी नजर तो सब पर है ।हम आपको नहीं देख पाते ,आपका डाक पता भी नहीं है ,इसलिए हम इस लेख के माध्यम से आप देवगणों से निवेदन करते हैं कि हमें सत्मार्ग दिखाते आ रहे हमारे गुरूओं ने अपना मार्ग बदल दिया है ,इन्हें राह पर लाने का कोई तो जुगाड. करो प्रभु ।हे सृष्टि रचयिता ब्रहमाजी-आपने कहॉं चूक कर दी?हे पालनहार विष्णु जी-आपने पालन में क्या असमानता कर दी?हे महादेव-क्या आपके त्रिनेत्र खोलने का समय आ गया है?नहीं2 महादेव नहीं , हम अपने गुरूदेवों की तरफ से क्षमाप्रार्थी हैं ।आपने तो समस्त दोषियों को अपनी गलती सुधारने का मौका दिया है ,उन्हें सचेत किया है ।फिर हमारे मार्गदर्शकों ,हमारे पूज्यनीयों के साथ यह भेदभाव क्यों?गुरूओं को अवसर दें प्रभु ।उन्हे सत्मार्ग पर लाने के लिए मॉं से बोलिए प्रभु ।अपने कर्मो से स्वयं अपना अपमान करा रहे गुरूवरों को दण्डित करने के बारे में अभी मत सोचें-महादेव ।भ्रष्टाचार के घनघोर बियावान में भटक रहे गुरूजनों को अपने ज्ञानपुंज से सदाचरण की राह पर लाओ मॉं ।।।।।।।।।।।
इसी आाशा और विश्वास के साथ कि हमारी मनोकामना अतिशीघ्र पूरी होगी।

गेट मींटिग करके संधर्ष का एलान

बाराबंकीः- उ0प्र0 वाणिज्य कर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसियेशन के बैनर तले कर्मचारियों ने गेट मींटिग करके संधर्ष का एलान किया।

विदित है कि प्रादेशिक संगठन के आवाहन पर जनपद शाखा के समस्त सदस्यों द्वारा बीती 31 जनवरी 2011 से काले फीते बॉधकर शासन-प्रशासन के विरोध में प्रतिदिन गेट मींटिक करके विरोध किया यह जनजागरण कार्यक्रम 10 फरवरी तक चलेगा तथा 11 फरवरी को फैजाबाद स्थित जोनल अधिकारी के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मांगे पूरी न होने पर 11 फरवरी को कमिश्नर लखनऊ कार्यालय पर धरना दिया जाएगा व अग्रिम आन्दोलन का निर्णय लिया जाएगा।

गेट मींटिग को सम्बोधित करते हुए जिला शाखा के अध्यक्ष आनन्द कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में वैट प्रणाली लागू होने के बाद नये कार्यालयो का गठन व कर्मचारियों के पदो का सृजन किया गया है। किन्तु अभी तक नए व पुराने खाली पदों पर नई नियुक्तियां नहीं की गयी है। जब कि लगातार कर्मचारी रिटयर हो रहे है तथा कार्य का बोझ दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। एक-एक बाबू से दो-दो तीन-तीन काम लिए जा रहे है। ऐसी दशा में कार्य क्षमता धठने के साथ-साथ हमलोगो के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। तथा कर्मचारियों की पदोन्नति 33 प्रतिशत से बढ़ाए गए 50 प्रतिशत पर नहीं किया जा रहा है। जिसका शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। कम्प्यूटर प्रशिक्षण नहीं दिया गया है जिसके कारण कर्मचारियों पर तीन से चार पटलो का कार्य बढ़ गया है।

बसंत पंचमी

आज बसंत पंचमी है और महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी का जन्म दिवस

दिनाँक 8 फरवरी 2011, आज बसंत पंचमी है और महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का आज जन्म दिवस है। हाँलाकि महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के जन्म दिवस की असल तारीख 29 फरवरी है किंतु निराला जी की हिदायत रही कि उनका जन्म दिन बसंत पंचमी को ही मनाया जाए अतः बसंत पंचमी को ही महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म दिवस सैलिब्रेट किया जाता रहा है। निराला ने जिस समय कविता रचना की शुरुआत की उनकी भावभूमि बंगाल रही थी। जैसे जैसे कविता रचना की विधा आगे बढी़, उनकी हिदी ने स्थानीयता का ठाठ पकड़ लिया। महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का व्यक्तित्व भी उनके काव्य की तरह ही महान, विराट और आदर्शमय रहा। निराला जी की इंसान और उसकी जिंदगी में गजब की आस्था रही। अपनी सदी के अंतहीन सवालो को अपनी विराट काव्य यात्रा में रोंधने का अथक प्रयास निराला ने किया। इसीलिए वह कदाचित पुराने नहीं पडते। उन्होने किसी बंधन को अपनी जिंदगी में कभी स्वीकार नहीं किया। वह एक महान कवि होने के साथ ही महामानव रहे। समग्र जीवन चौतरफा यथार्थ से निराला जूझते रहे और उसे काव्यमय स्वप्नशील अभिव्यक्ति प्रदान करते रहे।

Monday, February 7, 2011

उ0प्र0 में समाजवादी पार्टी ही है बसपा के मुकाबिल

उ0प्र0 में समाजवादी पार्टी ही है बसपा के मुकाबिल
अरविन्द विद्रोही

उ0प्र0 में आगामी विधान-सभा चुनावों के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी ने अपने विधान-सभा वार प्रत्याशियों की घोषणा करके प्रत्याशी चयन में पुनःबाजी मार ली है।कांग्रेस व भाजपा दोनो दल अभी भी अपने-अपने संगठन के अन्दरूनी हालात से जूझ रहे हैं।समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अपना बिखरा समाजवादी कुनबा व जनाधार वापस लाने में प्रयासरत् हैं।अभी हाल में ही सम्पन्न हुए पंचायती चुनावों में जिस प्रकार बहुजन समाज पार्टी से अकेले समाजवादी पार्टी लड़ती नजर आई,उससे बहुजन समाज पार्टी की सरकार के काम-काज के तरीकों,उसके कार्यकर्ताओं के रवैये से नाराज मतदाताओं की पहली पसन्द समाजवादी पार्टी बनती जा रही है।समाजवादी पार्टी के जनाधार वापसी की मुहिम को मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में तेजी से लोकप्रिय हो चुकी पीस पार्टी से बहुत बड़ी चुनौती मिल सकती है।मुस्लिम मतों में अपने प्रति विश्वास की मजबूती व जनाधार में वृद्धि के लिए ही मुलायम सिंह यादव ने अपने पुराने साथी समाजवादी नेता आजम खान को पूरी तवज्जों देते हुए घर वापसी कराई है।
उ0प्र0 के आगामी विधान-सभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी फिर से सत्ता में बहुमत से वापस आयेगी कि नही यह अलग विषय है तथा इसका निश्चित पता मतगणना के पश्चात् नतीजों के आने से ही होगा।लेकिन चुनावों के पूर्व की तैयारियों,संगठन की ढं़ाचागत व्यवस्था,प्रत्याशी चयन में,बूथ वार कमेटियों के गठन में यह निर्विवाद सत्य है कि बहुजन समाज पार्टी सभी राजनैतिक दलों से आगे चल रही है।बसपा सरकार की उपलब्धियां बूथ कमेटी के कार्यकर्ताओं की विधान-सभा क्षेत्र वार बैठकें लेकर बसपा के क्षेत्रीय कोआर्डिनेटरों के द्वारा पहुॅंचाना एक सुनिश्चित तयशुदा कार्यक्रम है।इन्ही बैठकों में बूथ कमेटी स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कायम कर,क्षेत्रीय विधायक,सांसद व संगठन की समीक्षा होती है।बहुजन समाज पार्टी का सांगठनिक ढांचा,बूथ कमेटियों,कार्यकर्ताओं,विधायकों,सांसदों,कोआर्डिनेटर्स पर बसपा अध्यक्ष मायवती का एकाधिकार बसपा को एक अनुशासित दल के रूप में बनाये रखे है।कांगेस सिर्फ राहुल के करिश्मे के सहारे आत्ममुग्धता का शिकार है।पुराने समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री बनाने से कांग्रेस को कम से कम दो दर्जन सीटों पर बेनी प्रसाद के व्यक्तित्व व जनाधार के कारण विधान-सभा में विजय मिलना निश्चित है बशर्तें उम्मीदवार चयन में जनाधार वाले बेनी प्रसाद वर्मा की पसन्द को तवज्जों दी जाये।बेनी प्रसाद वर्मा के अतिरिक्त गॉंधी-नेहरू परिवार को छोड़कर कोई भी एैसा नेता कांग्रेस में नही है जो अपने संसदीय क्षेत्र या अपने गृह जनपद की सभी विधान-सभा क्षेत्रों पर प्रत्याशी को मुख्य चुनावी संघर्ष में ला सके।भारतीय जनता पार्टी तो सही मायने में अभी भी उ0प्र0 में कमजोर नेतृत्व का दंश झेल रही है।विनय कटियार,योगी आदित्यनाथ,लल्लू सिंह,वरूण गॉंधी सरीखे उर्जावान नेताओं को प्रदेश की कमान सौंपने से भारतीय जनता पार्टी का मूल आधार वापस आते देर नही लगेगी।परन्तु फिलहाल एैसा कुछ होता दिख नहीं रहा है।उ0प्र0 में भाजपा की नौका चुनावी वैतरणी को प्रत्याशियों,क्षेत्रीय नेताओं व राम भरोसे ही पार करेगी,यही प्रतीत होता है।कल्याण सिंह,चौ0अजित सिंह,डा0अयूब,ओम प्रकाश राजभर,कौशल किशोर,उदित राज आदि नेता अपने-अपने दलों के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार कर नतीजों को प्रभावित करने की भूमिका निभायेंगे।इन नेताओं के दलों का संगठन इनके व्यक्तिगत,जातीय प्रभाव वाले क्षेत्रों में है।
इस समय उ0प्र0 में विधायक बनने की लालसा रखने वालों की पहली पसन्द सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी ही है।ऐन केन प्रकारेण विधायक बनने की चेष्टा में लगे लोग बहुजन समाज पार्टी में दाल न गलने के पश्चात् समाजवादी पार्टी को विकल्प के रूप में मान रहे हैं।बसपा से टिकट न मिलने से,बसपा से निकाले जाने के बाद तमाम लोग समाजवादी पार्टी के नेताओं से मेल-जोल बढ़ाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने की चेष्टा में लगे हैं।जिन लोगों को आपराधिक प्रवृत्ति का होने के कारण,उनके द्वारा अपने आचरण में सुधार न करने की बात कह कर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने दल से निकाला है वो अब मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी का दामन थामने को प्रयासरत् हैं।इसी बात का फायदा उठाने के लिए बसपा अध्यक्ष मायावती ने सपा को गुण्ड़ो-अपराधियों की पार्टी कहा है।समाजवादी पार्टी के निष्ठावान संघर्षशील कार्यकर्ता भी नही चाहते कि जिन लोगों को बसपा ने नाकारा है उनको समाजवादी पार्टी टिकट या संगठन में पद से नवाजे।अब समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के सामने अपने कार्यकर्ताओं,संघर्ष के साथियों के हितों की रक्षा का दायित्व भी है और उ0प्र0 की सत्ता पर काबिज होकर एक समाजवादी लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना का लक्ष्य भी।

शिक्षकों ने12 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौपा।

बाराबंकी:- उ0प्र0 बेसिक शिक्षा प्ररिषद द्वारा संचालित विद्यालयों मे कार्यरत शिक्षकों ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना देकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौपा।

दिये गये ज्ञापन में विगत एक वर्ष से वित्त विभाग से मांग के अनुरूप् धनराशि न मिल पाने का तर्क देकर शिक्षको को तीन-तीन माह तक नियमित वेतन, संशोधित वेतनमानों, महंगाई भत्ते की तीन किस्तों, दो वर्ष के बोनस एवं नवनियुक्त शिक्षकों के कई-कई माह के वेतन अवशेषका भुगतान नहीं किया जा रहा है। जनपदों को आवश्यकतानुसार अनुदान उपलब्ध हुए सभी धनराशियां भुगतान करायी जायें। छठवें वेतन आयोग/वेतन समिति की संस्तुति के आधार पर प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय/सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय को न्यूनतम मूल वेतन रू0 17140/-एवं प्रधानाध्यपक उच्च प्राथमिक विद्यालय को रू0 18150/-स्वीकृत किया जाये। ग्रामीणं, नगर एवं महानगरों में स्वीकृत पदो ंके सापेक्ष रिक्त पदों पर तुरन्त पदोन्नति के आदेश निर्गत किये जायें। 01 अप्रैल 2005 से स्वीकृत नवीन पेंशन योजना के अन्तर्गत आने वाले शिक्षकों को नकद, पेंशन एवं पारिवारिक पंेशन के रूप में देय धनराशि का विवरण स्पष्ट किया जाये। वेतन समिति की संस्तुतियों के अनुरूप शिक्षको को ग्रेड वेतन आहरित सामूहिक बीमा की धनराशि की सेवानिवृत्त की आयु तक आच्छादित किया जाये। शिक्षकों को महंगाई भत्ते की अवशेष धनराशि महीनों विलम्ब से भुगतान की जाती है फलस्वरूप् उन्हें ब्याज की भारी हानि उठानी पड़ती है। शिक्षकों को होने वाली इस क्षति की रोकने हेतु विचार कर निर्णय लिया जाये। प्रदेश के प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी भाषा के शिक्षक उपलब्ध कराये जायें ताकि शैक्षिक स्थिति में अपेक्षित सुधार हो सकें। शिक्षा हित को दृष्टिगत रखते हुए मध्यान्ह भोजन योजना में शिक्षक की भूमिका मात्र छात्रों को भोजन वितरण तक रखी जाये। व्यवस्था सहित अन्य कार्य ग्राम शिक्षा समिति/प्रस्तावित विद्यालय प्रबन्धन समिति को सौंपा जायें। शिक्षको से जिला प्रशासन द्वारा जबरन राशन कार्ड एवं राशन वितरण का सत्यापन, विभिन्न गणनायें एवं निर्वाचन सूचियों के संशोधन एवं सत्यापन आदि कार्य निरन्तर लिए जा रहे है। जिसमें विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। अस्तु शिक्षको से बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में उल्लिखित तीन कार्यो के अतिरिक्त अन्य कार्यो में लगाने पर कड़ाई से प्रतिबन्ध लगाया जाये। उर्दू, सी0पी0एड0 एवं कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षको को मृतक आश्रित शिक्षको के भांति नोशनल वरिष्ठता प्रदान करते हुए पदोन्नति का लाभ दिया जाये। विवाहित शिक्षिकाओं, विकलागों एव पारस्पारिक अर्न्तजिला स्थानान्तरणों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाये। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक का विभेद पैदा कर शासन/प्रशासन के सहयोग से संगठन चलाने की आकांक्षा रखने वाले आधारहीन शिक्षक नेताओं की अनौचित्यपूर्ण मांगो को प्रोत्साहन न दिया जाये।

Thursday, February 3, 2011

।राजा भइया प्रकरण

बाराबंकीः- राजा भइया प्रकरण को लेकर आज समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष मौलाना मैराज के नेतृत्व में राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सदर एस0 डी0 एम0 अनिल कुमार सिंह को सौपा। इस मौके पर धीरेन्द्र वर्मा, इजहार हुसैन, पूर्व विधान परिषद सदस्य अरविन्द कुमार यादव, अनिल यादव, जमाल, बाबू अनसारी मौजूद थे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ब्लाक प्रमुख निन्दूरा निजामुदीन,की कई दर्जन वाहनो से कार्यकर्ताे पहुचे।


बाराबंकीः- एकता के बिना कोई लड़ाई नही जीती जा सकती आपस में रोटी-बेटी का सम्बन्ध सामाज की अगड़ी जातियों की तरह करके ही संगठन को मजबूत बनाया जा सकता है। यह बात राष्ट्रीय निषाद सिंह उत्तर प्रदेश की स्थानीय इकाई के सरंक्षक स्वामी दयाल धुरिया ने कलेक्टेªट में आयोजित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कही इसके बाद विभिन्न मागों से सम्बन्धित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। राज्यपाल को प्रेषित भैया राममुन्डा बनाम अनिरूद्व पठार, महाराष्ट्र मा0 उच्चतम न्यायालय के अर्न्तगते आदेश एवं प्रदेश में खरवार-मंझवार गोंड़ तुराह आदि जो अनुसूचित जाति में पहले से शामिल है। इन्हें परिभाषित कर इनकी उपजातियों कहार कश्यप, गोड़िया, धुरिया, बाथम, निषाद, मल्लाह, बिन्द, केवट, मांझी, चाई, रैकवार आदि को उपरोक्त जातियों की समनामी रूप् में रखकर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत करने की मांग की साथ ही शीलू निषाद बलात्कार में लिप्त दोषियों को धारा 82 आई0पी0सी0 मेदण्डित कर जेल भेजा जाय, तथा फूलन देवी हत्या काण्ड की जांच सी0बी0आई0 द्वारा कराकर न्याय दे। पूर्व में 16 जातियों कश्यप, निषाद, बिन्द, आरक्षण हेतु केन्द्र को द्वारा मांगी गयी रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र पर अनु0 जाति, अनु0 जनजाति सोध संस्थान द्वारा शोध कराकर तथा कैबिनेट स्तर पर पेशकर केन्द्र सरकार भेजी जाय। इस मौके पर रामकिशोर बाथम, दयाराम निषाद, रामखेलावन लोधी, ओमप्रकाश साहित अनेक लोग उपस्थित

गायत्री परिवार

बाराबंकीः- पं0 श्री राम शर्मा आचार्य जन्म शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में स्थानीय गायत्री शक्ति पीठ बाराबंकी में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जायेेगे।

गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता बराती लाल गुप्ता ने बताया कि आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में छः फरवरी दिन रविवार को मंगल कलश शोभा यात्रा कैलाश आश्रम से चलकर शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए निकाली जाएगी। सात फरवरी सोमवार को प्रातः छः बजे से 24 घंटे का अखण्ड जप व सायम काल दीपदान किया जायेगा। आठ फरवरी दिन मंगलवाल को बंसन्त पर्व पर गायत्री महायज्ञ, पूज्य गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्मदिन मनाया जायेगा। सायम काल दीपयज्ञ कार्यकर्ता गोष्ठी एव संकल्प श्रद्धाजलि का आयोजन किया जायेगा। इस मौके पर जनसामान्य से अपने-अपने घरों की छतों पर पांच, ग्यारह व इक्कीस दीपक जलाये जाने की अपील की गई है।

बाराबंकी डिपों

बाराबंकी:- बाराबंकी डिपों के अर्न्तगत फतहेपुर-सूरतगंज मार्ग पर चलने वाली बस से चालक द्वारा एक विकलांग को बस से बाहर ढकेल देने का मामला प्रकाश में आया है। पीडित द्वारा मामले की तहरीर पुलिस को दी जा चुकी है।

विगत एक फरवरी को गुलजारी लाल पुत्र रामटहलू निवासी ग्राम कछुवाहन पुरवा थाना मोम्मदपुर खाला तहसील फतहेपुर बस से बाराबंकी जाने के लिए चढकर विकलांग सीट पर बैठ गया। बस चालक एस0पी0 शर्मा द्वारा उससे पीछे बैठने के लिए कहा गया। विकलांग व्यक्ति द्वारा बार-बार बैठने-उठने में तकलीफ होने की बात कहे जाने से झल्लाए चालक ने उसको गालियां देते हुए धक्का देकर बाहर ढकेल दिया। मामले की जानकारी भुक्तभोगी द्वारा ए0आर0एम0 को मौखिक रूप से दी गई। ए0आर0एम0 द्वारा संतोष जनक उत्तर न मिलने पर भुक्तभोगी ने थाना कोतवाली बाराबंकी में प्रार्थनापत्र देकर बस चालक के खिलाफ कार्यवाही किये जाने कि मांग की है।