Tuesday, November 29, 2011

राजनितिक दलों की कार्य प्रणाली से बंधुआ मजदूर बनते कार्यकर्ता -संगठन व लाचार चुनाव आयोग

अरविन्द विद्रोही ----- राजनीतिक दलों के गठन का उद्देश्य अब सिर्फ और सिर्फ एन केन प्रकारेण चुनाव में विजय हासिल करना और सरकार बनाना या सरकार में हिस्सेदारी पा लेना मात्र रह गया है| आजादी के बाद स्थापित लोकतंत्र में जनता के लिए ,जनता के द्वारा ,जनता की सरकार चुने जाने की अवधारणा राजनैतिक दलों के आलाकमानो की तानाशाही और उनके द्वारा अपने -अपने राजनीतिक संगठनो के भीतर लोकतान्त्रिक प्रणाली को नकार के मनोनयन प्रक्रिया स्थापित कर देने से समाप्त सी हो चुकी है |लोकतंत्र की प्राथमिक पाठशाला के रूप में माने जाने वाले छात्र संघ चुनावो पर भी समय-समय पर इन्ही लोकतंत्र विरोधी तत्वों ने निगाहें टेढ़ी की है |आज राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव लड़ने व जीतने के लिए किस किस प्रकार का अमर्यादित आचरण किया जाता है यह भारत के किसी भी नागरिक से छुपा नहीं है लेकिन चुनावो पर नज़र रखने वाले चुनाव आयोग के कर्ता-धर्ताओ को यह अमर्यादित आचरण नज़र नहीं आता है|चुनाव आयोग ने हर एक चुनाव की एक आचार संहिता बनायीं है जिसका खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन राजनीतिक दलों के घोषित प्रत्याशियो के द्वारा किया जाता है और चुनाव आयोग अपनी बेबसी के बयान जारी कर के जनता को भ्रमित करने के खेल में जाने-अनजाने मौन सहभागिता देता है |राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियो के नाम घोषित करते ही सभी प्रत्याशी अपने-अपने विधान सभा में प्रचार कार्य में जुट जाते है |यही से चुनाव आयोग अपनी बेबसी दिखता है कि अभी चुनाव आचार संहिता नहीं लागु हुई है इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते है|चुनाव सुधारो की कड़ी में इस पर अंकुश लगाने की जरुरत है,चुनाव में प्रत्याशी घोषित होते ही चुनाव आयोग को उस प्रत्याशी पर नज़र रखने ,उसके खर्चे का हिसाब लेने का अधिकार होना चाहिए |यह हालात और बिगडती है जब कोई प्रभावी मंत्री या उसका परिजन किसी चुनाव में प्रत्याशी घोषित हो जाता है | राजनीतिक दलों के द्वारा अपने दलों के द्वारा चुनावो में प्रत्याशी घोषित करने की चयन प्रक्रिया ने इस बार उत्तर-प्रदेश में अभी तक हत-प्रभ कर दिया है |राजनीतिक दलों ने जिस प्रकार से अपने विधान सभा के प्रत्याशी चयन किये है ,वह चयन प्रक्रिया निश्चित रूप से अलोकतांत्रिक, तानाशाही व राजतन्त्र के रवैय्या सरीखी है|उत्तर-प्रदेश की सत्ता धारी बहुजन समाज पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री मायावती की तानाशाही की पानी पी पी कर चर्चा करने वाले राजनीतिक दलों के नेता खुद प्रत्याशी चयन में किन कारणों से तानाशाही रवैय्या अपना कर अपनी पीठ ठोंक रहे है यह समझ से परे है |उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया पर अपनी पार्टी के टिकेट वितरण प्रक्रिया पर तमाम सवाल उठाये थे और आज भी उठाते रहते है|बाहुबलियो,अपराधियो,दल्बदलुओ को भारी धन ले कर प्रत्याशी बनाने के आरोप मायावती और बसपा पर हमेशा से विपक्षी दल लगाते रहे है| विधान सभा २०१२के आम चुनाव के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी,कांग्रेस,और पीस पार्टी ने तमाम विधान सभाओ में अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये है| समाजवादी पार्टी जो कि अपने संघर्षो और अपने पुराने कार्यकर्ताओ की मेहनत के बलबूते उत्तर प्रदेश में तेज़ी से बसपा सरकार का विकल्प बनी है, में भी विधान सभा प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया समझ के परे नज़र आ रही है| अपने स्थानीय व पुराने ,संघर्षशील समाजवादी संघर्ष के साथियो के रहने के बावजूद जिन सीटों पर बहुजन समाज पार्टी या अन्य दलों से हालिया शामिल लोगो को टिकेट दे दिया गया,वहा पर समाजवादी पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता हताश व निराश होकर घर बैठ चुका है| पुराने धुर समाजवादियो जिनको विधान सभा का चूनाव् नहीं लड़ना है ,जिन कार्यकर्ताओ को सिर्फ समाजवादी पार्टी की सरकार बनवाने में जुटने की प्रबल इक्छा थी, वो भी बसपा से आये लोगो को प्रत्याशी बनाये जाने वो भी बिना किसी संघर्ष में शामिल हुये ,मायुश है और वार्ता में साफ़ तौर पर कहते है कि इन अवसरवादियो की मदद करने से बेहतर होगा कि हम किसी साफ़ छवि के प्रत्याशी की मदद करे| आज समाजवादी पार्टी के टिकेट वितरण में उपजा असंतोष सामने आ चुका है|प्रत्याशियो के आचरण की समीक्षा की बात ने समाजवादी कार्यकर्ताओ को एक आशा दिखाई है|अगर समाजवादी नेतृत्व अपने पुराने -संघर्ष शील साथियो को अपने साथ जुटा लेता है तो समाजवादियो के लिए उत्तर प्रदेश में राहें आसान हो जाएँगी | चुनाव जीतने के फेर में इस बार समाजवादी पार्टी ने भी सिधांतो को प्रत्याशी चयन में दर किनार किया है जिसका फायदा होने की जगह नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है | कांग्रेस को उत्तर प्रदेश के २०१२ चुनावो से बहुत उम्मीद है|इस चुनाव को राहुल गाँधी के मिशन के रूप में लिया जा रहा है|समाजवादी पार्टी से समाजवादी क्रांति दल होते हुये कांग्रेस में शामिल होकर गोंडा से सांसद निर्वाचित होने वाले बाराबंकी के निवासी और बाराबंकी के विकास पुरुष माने जाने वाले बेनी प्रसाद वर्मा इस समय कांग्रेस के महा मंत्री राहुल गाँधी के प्रिय पात्र बने हुये है|अभी विगत सप्ताह राहुल गाँधी के उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान घटित घटनाओ ने बेनी प्रसाद वर्मा -इस्पात मंत्री के राजनीतिक-व्यक्तिगत आभा-मंडल पर निः संदेह कालिख पोतने का काम किया है | अपने गृह जनपद बाराबंकी में दरियाबाद से कांग्रेस के टिकेट पर चुनाव लड़ चुके ,वर्तमान में भी चुनाव का टिकेट मांग रहे ,तत्कालीन पी सी सी सदस्य शिव शंकर शुक्ल से बेनी प्रसाद वर्मा के द्वारा किया गया दुर्व्यवहार उनके लिए मुसीबत बन चुका है|आपराधिक धाराओ में मुकदमा दर्ज होने के साथ साथ दरियाबाद विधान सभा में जहा से बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे राकेश वर्मा -पूर्व कारागार मंत्री उत्तर प्रदेश को कांग्रेस के टिकेट से चुनाव लडवा रहे है,वहा पर पुराने कांग्रेसी नेताओ-कार्यकर्ताओ के द्वारा प्रति- दिन विरोध बैठक व इस्पात मंत्री का पुतला दहन किया जाना जारी है|बलराम पुर,गोंडा ,बहराइच आदि जगहों पर भी पुराने कांग्रेस्सियो ने इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का जमकर विरोध किया और यहाँ तक विरोध किया कि राहुल गाँधी के सामने ही बेनी प्रसाद वर्मा को जन सभा से मंच त्याग कर हटना पड़ा | पुराने कांग्रेसी नेताओ की उपेक्षा से पनपा असंतोष सामने आ गया |राहुल गाँधी के मिशन २०१२ में पलीता कांग्रेस के ही पुराने नेता-कार्यकर्ता लगा देंगे|कारण असंतोष के स्वर के कारण पर नज़र डालने की जगह पुराने कांग्रेसी नेताओ को कांग्रेस से ही निकल दिया गया है,अब यह नेताओ का असंतोष ना होकर कांग्रेस के और बेनी प्रसाद वर्मा के खिलाफ जन असंतोष में तब्दील हो रहा है| इधर घटित घटनाओ ने पुराने कांग्रेसी नेताओ में एकजुटता और संगठन में हो रही पुराने लोगो की उपेक्षा के खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत का रास्ता दिखाया है| तेज़ी से उभरी पीस पार्टी तो अभी से बहुजन समाज पार्टी का दूसरा प्रतिबिम्ब मानी जा रही है|अल्प समय में लोकप्रिय हुई पीस पार्टी में भी सुरूआत से पार्टी का काम कर रहे लोगो का चुनाव के समय टिकेट काट कर नव आगंतुको को दिया जाना पीस पार्टी के नेताओ के मंसूबो को साफ़ दर्शाता है|अन्य दलों की चर्चा के कोई खास मायने नहीं है ,सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के टिकेट वितरण पर निगाहे है|भारतीय जनता पार्टी में भी जो संकेत मिल रहे है उसके हिसाब से टिकेट वितरण में दलबदलू,अवसरवादियो ,चापलूसों और पारिवारिक लोगो को भरपूर तवज्जो मिलेगी|अयोध्या के श्री राम जन्म भूमि आन्दोलन में शरीक कार्यकर्ताओ-नेताओ की जगह,संगठन के धारणा-प्रदर्शन में लाठी खाने वालो की जगह जब दुसरे दलों से चुनाव लड़ने के लिए आये लोगो को भारतीय जनता पार्टी विधान सभा में प्रत्याशी बनाएगी तो परिणाम क्या आएगा यह बताने की जरुरत नहीं है|खैर अभी भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी नहीं घोषित किये है इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता है|लेकिन संगठन में ,चुनावी संघर्ष में जमीनी कार्यकर्ता ,पुराने कार्यकर्ताओ को जो भी राजनीतिक संगठन ज्यादा से ज्यादा तवज्जो देगा उसको उसका फायदा भी मिलेगा| यह सत्य है की चुनाव में जीतना जरुरी होता है है लेकिन चुनाव जीतने के लिए अपने संगठन के जमीनी कर्ता-धर्ताओ को उपेक्षित करना और उनकी जगह दुसरे दलों से आये लोगो को थोपना गैर जरुरी राजनीतिक अवसरवादिता का परिचायक है,और फिर चुनाव जीतना भी मुश्किल हो जाता है |आज राजनीतक दलों के नेताओ ने संगठन में जिम्मेदारी से लेकर चुनावो में टिकेट वितरण तक की प्रक्रिया में संगठन के बनाये नियमो का खुद ही उल्लंघन करने में कोई कसर नहीं रखी है और अगर कोई कार्यकर्ता-नेता इस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करता है तो उसको पार्टी विरोधी गतिविधिओ में लिप्त बता कर संगठन से बाहर का रास्ता दिखाना एक आसान सी प्रक्रिया बन चुका है|शायद राजनीतिक दलों के आलाकमान ने राजनीतिक कार्य कर्ताओ को बंधुआ मजदूर समझ लिया है और समझे भी क्यूँ ना ? क्या आगामी विधान सभा २०१२ में राजनीतिक कार्यकर्ता इस मसले पर एक जुट हो सकते है कि गैर राजनीतिक चरित्र के ,दल बदलू लोगो और आपराधिक प्रवृत्त के लोगो की जगह राजनीतिक सूझ-बुझ वाले ईमानदार ,जनता के लिए संघर्ष करने वाले प्रत्याशी की मदद करेंगे ,फिर चाहे वो किसी भी राजनीतिक दल का हो या निर्दलिए ही हो| अगर राजनीति कार्यकर्ता इस तरह की कोई पहल करते है तो सामाजिक कार्यकर्ताओ और बुधिजीविओ को भी आगे बढ़ कर इनके संघर्ष में और नव सृजन में साथ देना चाहिए|

Monday, November 28, 2011

सर्दी

सर्दियो की शुरुआत हो चुकी है |सर्दी ने अपना प्रभाव दिखाना प्रारंभ कर दिया है |आज तलाश में निकलना है उन लोगो कि जो जरुरत मंदों के लिए सर्दी में गर्म कपडे,कम्बल वितरित कर सके,साथ ही साथ सामूहिक-सार्वजनिक अलाव जलवाने के लिए प्रशासन से आग्रह भी करवाना है| यह सत्य है कि अभी कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ रही है लेकिन इस बार मन में आया कि अगर शुरुआत में ही जरुरतमंदो को गर्म कपडे व कम्बल आदि मिल जाये तो उनको ज्यादा आराम मिलेगा|साथ ही साथ और लोग भी प्रेरित हो कर अपने अपने स्तर से जरुरत मंदों की मदद को आगे आयेंगे |आप भी अपने पास के जरुरतमंदो की मदद कर सकते है |शुभकामनाओ सहित -अरविन्द विद्रोही

Sunday, November 27, 2011

लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी


लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर ने किया १ दिसम्बर के भारत बंद का समर्थन | धुर समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने कहा कि फुटकर व्यापार में विदेशी पूंजी निवेश गलत है|हमारा खुद का व्यापार ५ करोड़ परिवार का पेट पालता है |वालमार्ट ,करिफोर्स जैसी कंपनी रक्षी प्रवृति की है इनका हर सूरत में विरोध किया जायेगा |

दरियाबाद विधान सभा के कांग्रेसी नेताओ ने जलाया केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद का पुतला




अरविन्द विद्रोही ------------- दरियाबाद विधान सभा के अहमदपुर चौराहे पर पुराने कांग्रेसी नेताओ की बैठक का आयोजन कर केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के द्वारा विगत दिनों की गयी शिव शंकर शुक्ल से अभद्रता व जान से मारने की धमकी ,उनके पुत्र अमित शुक्ल से उनके गुंडों द्वारा की गयी मार पीट की निंदा की गयी| बैठक का आयोजन तेज़ कुमार शुक्ल ने किया |इस बैठक की अध्यक्षता करते हुये जगदम्बा बक्श सिंह ने कहा की कांग्रेस की महामंत्री राहुल गाँधी के मिशन २०१२ को असफल बनाने के सुनियोजित योजना की तहत बेनी प्रसाद वर्मा पुराने कांग्रेसी नेताओ और कार्यकर्ताओ को अपमानित कर रहे है|उन्होंने कहा की बेनी प्रसाद का कोई जनाधार नहीं है,वो कांग्रेस की बदौलत गोंडा से सांसद चुने गये है|उनकी इन्ही हरकतों की वज़ह से गोंडा में भी कांग्रेसी नाराज़ है|बैठक में एक प्रस्ताव पास कर के कांग्रेस आलाकमान सोनिया गाँधी से अनुरोध किया गया कि इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को केंद्रीय मंत्री मंडल से बर्खास्त करके कांग्रेस से भी निकल दिया जाये| कांग्रेस के रहमो करम से सांसद बनने वाले बेनी प्रसाद वर्मा अब अपने पुत्र मोह में पुराने कांग्रेस्सियो को ही दार किनार कर रहे है जो कि संगठन हित में नहीं है|इस बैठक में आनंद शुक्ल,संतोष शुक्ल,ठाकुर धुन्नी सिंह शंकर,मृतुन्जय अवस्थी ,संजय कुमार ,दिन नाथ,मनोज अवस्थी जीतू,दीपू शत्रुघ्न ,रमेश वर्मा,अखिलेश सिंह पूर्व प्रधान सिसौना,ननकू रावत,धर्म राज रावत ,राजकुमार रावत आती कांग्रेस जन शामिल हुये |बैठक के बाद अहमदपुर चौराहे पर ही बेनी प्रसाद वर्मा मुर्दाबाद, बेनी भगाओ दरियाबाद बचाओ,शिव शंकर शुक्ल संघर्ष करो-हम तुम्हारे साथ है के नारे लगाते हुये वरिष्ठ कांग्रेस जनों ने इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का पुतला जलाया और संकल्प लिया कि बेनी प्रसाद वर्मा के नापाक मंसूबो को कतई सफल नहीं होने दिया जायेगा |

Friday, November 25, 2011

केंद्रीय इस्पात मंत्री को मंत्री-मण्डल से हटाये जाने की मांग को लेकर बाराबंकी में आज धरना













अखिल भारतीय चाणक्य परिषद् जिला इकाई -बाराबंकी के तत्वाधान में कल हई बैठक में ब्राह्मणों ने केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा कांग्रेस नेता शिव शंकर शुक्ल को अभद्र शब्दों से अपमानित करने व जान से मारने की धमकी देने की घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुये इसको ब्रह्मण समाज पर हमला करार दिया है|ब्राह्मणों का अपमान बर्दाश्त ना करने की चेतावनी देते हुये चाणक्य पार्षद ने कहा की कांग्रेस को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे |दशहरा बाग़ स्थित डॉ नीलाम्बुज दीक्षित के आवास पर चाणक्य परिषद् के जिला अध्यक्ष गोपाल मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह विचार परिषद् के संरक्षक पंडित ज्ञान प्रकाश ने व्यक्त किये| पंडित ज्ञान प्रकाश मिश्र ने आक्रोश भरे शब्दों में कहा कि इस्पात मंत्री ने जो अलोकतांत्रिक व अहंकारी मानसिकता का परिचय दिया है और एक ब्राहमण व पुराने कांग्रेसी को अपमानित किया है ,उससे यह साबित होता है कि कांग्रेस में ब्राह्मणों का कोई सम्मान नहीं है |आगामी विधान सभा के चुनाव में ब्रह्मण समाज इस अपमान का बदला लेने के लिए कमर कस चुका है |परिषद् के जिला अध्यक्ष गोपाल मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार को दम्भी मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री मंडल से तत्काल हटा देना चाहिए अन्यथा बाराबंकी जनपद कि सभी सीटों पर ब्राहमण समाज कांग्रेस को हराने के लिए एक के गाँव में जाकर जन संपर्क अभियान चलाएगा|बैठक में परिषद् के जिला महामंत्री कन्हैय्या लाल मिश्र,अमरनाथ शुक्ल,देवी शरण मिश्र,अतुल दुबे,बृज किशोर शुक्ल,शिव शंकर तिवारी,देश दीपक मिश्र,संजय त्रिपाठी,दिनेश द्विवेदी ,अतुल मिश्र,डॉ नीलाम्बुज दीक्षित,अरुण अवस्थी,आनंद कुमार तिवारी,अतुल शुक्ल,अरुण शुक्ल,उमानाथ तिवारी,संतोष कुमार मिश्र,नीरज मिश्र,विनीत अवस्थी,श्री दत्त पाण्डेय,ननकाऊ तिवारी ,राजेश अवस्थी,बाबु लाल पाण्डेय,गणेश तिवारी,देव प्रकाश मिश्र,डॉ वी के शुक्ल ,उपेन्द्र द्विवेदी ,आशुतोष मिश्र ,अनिल कुमार बाजपेयी ,रमेश तिवारी, जीतेन्द्र,नरेन्द्र पाण्डेय आदि लोगो कि उपस्थिति में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि सामजिक जातिगत अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा|बैठक के अंत में निर्णय लिया गया कि २५ नवम्बर को जिला मुख्यालय पर केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री मंडल से हटाये जाने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया जाये| आज प्रातः १०बजे से ही कचेहरी जिला मुख्यालय में चाणक्य परिषद के लोगो का आगमन शुरु हो गया| धरना ११.३० से प्रस्तावित होने के बावजूद ब्रह्मण समाज के लोग सुबह से ही जुटने लगे |जिला अधिकारी के माध्यम से प्रधान मंत्री को दिये जाने वाले ज्ञापन में अखिल भारतीय चाणक्य परिषद् जिला इकाई बाराबंकी ने लिखा है कि आपका ध्यान आकर्षित करना है कि जनपद बाराबंकी निवासी कांग्रेस नेता इस्पात मंत्री भारत सरकार बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा समय-समय पर ब्राह्मणों को अपमानित किया जता रहा है|इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा २१ नवम्बर को राहुल गाँधी के बाराबंकी आगमन कि पूर्व संध्या पर कांग्रेस नेता शिव शंकर को सार्वजनिक रूप से अभद्र रूप से गाली देते हुये मारने -पीटने व धमकी देकर कार्यक्रम स्थल से भागना तथा २२नवम्बर को राहुल गाँधी के कार्यक्रम स्थल पर पुनः शिव शंकर शुक्ल के पुत्र अमित शुक्ल की पिटाई किया जाना उनकी ब्राह्मण विरोधी मानसिकता का परिचायक है|शिव शंकर शुक्ल को कांग्रेस से निकले जाने की खबर से ब्राह्मणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है|अंत में चाणक्य परिषद् की बाराबंकी इकाई द्वारा ब्राह्मण समाज आपसे मांग करता है कि ब्राह्मण विरोधी मानसिकता के केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री पद से बर्खास्त कर के उचित कार्यवाही करे अन्यथा इसका खामियाजा कांग्रेस को आगामी विधान सभा चुनावो में भुगतना पड़ेगा |चाणक्य परिषद् के पंडित ज्ञान प्रकाश मिश्र,गोपाल मिश्र,अतुल कुमार दुबे ,सभी पदाधिकारी सहित सैकड़ो ब्राह्मणों का जमावड़ा आज धरना स्थल पर रहा | आज शिव शंकर शुक्ल सहित तमाम कांग्रेसी नेताओ को कांग्रेस से निकले जाने पाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये शिव शंकर शुक्ल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के संविधान का खुलम खुल्ला उल्लंघन किया गया है| ना तो मुझे कारण बताओ नोटिस दिया गया है और ना ही मुझसे किसी तरह की वार्ता की गयी है|शिव शंकर शुक्ला ने कहा कि पार्टी से निकले जाने के सन्दर्भ में मैं आज ही कांग्रेस कि अध्यक्ष सोनिया गाँधी,महामंत्री राहुल गाँधी सहित सभी वरिष्ठ नेताओ को पत्र लिखूंगा | मैं जन्मजात कांग्रेसी हूँ और रहूँगा, समाजवादी पार्टी से आये हुये बेनी प्रसाद वर्मा की कांग्रेस के सहारे अपनी राजनीति चमकाने और अपने बेटे को विधायक बनाने के लिए पुराने कांग्रेस्सियो के खिलाफ उनके द्वारा की जा रही सज़िसो को बेनकाब करता रहूँगा |

जनसंघर्ष के पथ पर बलिदान होने वालो को हार्दिक श्रधांजलि

आम जन का जनसंघर्ष जारी रहेगा,पूंजीवादी -शोषक जनविरोधी सरकार, उसके मंत्रियो और उसके चाकरों के खिलाफ आम जनता हर संभव तरीके से संघर्ष करती ही रहेगी|आम जनता के हित की सरकार व व्यवस्था बनाये बिना यह जन संघर्ष नहीं रुकेगा|कही जूता,कही चप्पल,कही थप्पड़ तो कही गोली-बारूद चलेगा|जय हिंद -इन्कलाब जिंदाबाद |जनसंघर्ष के सभी योद्धाओ को मेरा हार्दिक प्रणाम ,जनसंघर्ष के पथ पर बलिदान होने वालो को हार्दिक श्रधांजलि

Thursday, November 24, 2011

बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री मंडल से बर्खास्त किया जाये

अखिल भारतीय चाणक्य परिषद् इकाई बाराबंकी के तत्वाधान में कल एक दिवसीय धरने का आयोजन दिन में ११.३० बजे जिला मुख्यालय ,जिला अधिकारी कार्यालय के सामने आयोजित किया जायेगा| परिषद् के जिला संरक्षक ज्ञान प्रकाश मिश्र के अनुसार यह धरना केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के ब्राह्माण विरोधी मानसिकता और उनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले वाले शिव शंकर शुक्ल को धमकी देने के विरोध में दिया जा रहा है| कल के धरने के माध्यम से प्रधान मंत्री से मांग की जाएगी कि बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री मंडल से बर्खास्त किया जाये |

Wednesday, November 23, 2011

केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ,उनके पुत्र राकेश वर्मा सहित दस समर्थको के खिलाफ अभियोग दर्ज

पुराने कांग्रेसी शिव शंकर शुक्ल -सदस्य ,पी सी सी उत्तर प्रदेश और उनके पुत्र अमिट शुक्ल के साथ गाली गलौच करना ,उनको धमकाना और जान से मारने की धमकी देना आख़िरकार केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को महंगा पड़ता दिखने लगा है|जैसा की सर्व विदित है कि बीते २१ नवम्बर को रीता बहुगुणा जोशी,राजबब्बर,पी एल पुनिया सहित तमाम कांग्रेसी नेताओ-कार्यकर्ताओ कि मौजूदगी में ही शिव शंकर शुक्ला से बेनी प्रसाद वर्मा ने अभद्रता कि थी और प्रेस वार्ता स्थल से बाहर फिकवाने का असफल प्रयास भी किया था| उसी दिन शिव शंकर शुक्ल ने बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक आर के भारद्वाज से मिलकर अपनी शिकायत बताई और एक शिकायती पत्र भी दिया था| पुलिस अधीक्षक आर के भारद्वाज ने प्रशासनिक सूझ-बुझ का परिचय देते हुये तुरंत चिक्त्सिए परी chan भी करवाया | राहुल गाँधी के २२ के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुये शायद उस समय प्रशासन ने अभियोग पनिकृत नहीं किया था ,आज शिव शंकर शुक्ल दुबारा पुलिस अधीक्षक आर के भारद्वाज से मिले | दरअसल कल २२ को बेनी प्रसाद वर्मा के समर्थको ने राहुल गाँधी की सभा में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए काफी उत्पात किया था|आज शहर कोतवाल संतोष कुमार को अभियोग पंजीकृत करने का निर्देश दिया |कोतवाली पुलिस ने बेनी प्रसाद वर्मा ,उनके पुत्र राकेश वर्मा सहित दस लोगो पर गाली देने व जान से मारने की धमकी देने का अभियोग पंजी कृत कर दिया है |

इन्टरनेट यानि अंतर्जाल पर बने मित्रो के रिश्तो पर मेरा अनुभव -

पड़ोसिओ,पारिवारिक रिश्तो अर्थात तथाकथित वास्तविक दुनिया के रिश्तो से बेहतर भावनाओ की समझ रखने वाले,समझने वाले और समझाने वाले ,हर ख़ुशी-गम आपस में मिल बटने वाले लोग मुझे तो इस तथाकथित आभाशी -काल्पनिक दुनिया में मिले है| अनतर्जाल पर पता नहीं कितने प्रकार के जाल होंगे लेकिन मैं तो अपने अंतर्जाल के इन मित्रो के स्नेह,ममत्व,अपनत्व के जाल में बहुत ही सुकून महसूस करता हूँ | मेरे अपने जीवन के उस मोड़ पर जब करीबी लगभग सभी रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ लिया था ,राजनीतिक-सामाजिक लाभ ले चुके लोगो ने भी किनारा कस लिया था तो उस अकेलेपन के दौर से गुजरने में चन्द रिश्तो की डोर ने मुझे ताकत दिया,जीवन संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर किया| यह चन्द रिश्ते ना होते तो शायद यह जीवन भी ना होता| अकेलेपन की दुनिया से निकलने और स्वार्थी लोगो से एक दुरी बनाये रखने के लिए इन्टरनेट का प्रयोग शुरु किया | आज यह गर्व से कह सकता हूँ की यह इन्टरनेट की ताकत ही है कि तमाम अनजाने लोगो से मेरी जान-पहचान हुई और उनके स्नेह ने मुझे दिनों दिन हौसला ही दिया | आज तमाम पुराने जानने वाले स्वार्थी रिश्तेदारों से मुझे निजात मिल चुका है,अब मेरी स्थिति सभी स्नेही जनों के आशीर्वाद से अच्छी है | उन लोगो से मिलने ,बात करने में मेरी तनिक भी रूचि नहीं रहती जिन्होंने मेरा साथ मेरे बुरे वक़्त में नहीं दिया | आज मैं इन्टरनेट के ही माध्यम से एक बड़े और नए रिश्तो को हशी-ख़ुशी जी रहा हूँ,खून से बड़े स्नेह रखने वाले लोग यहाँ मुझे मिले है|फेसबुक के सभी मित्र आज मुझे अपने परिवार के ही लगते है| मेरा अनुभव तो यही है इस अंतर्जाल के सन्दर्भ में ......

भिखारी कौन- राहुल या उत्तर प्रदेश के लोग?

यह कांग्रेस का महासचिव राहुल गाँधी तो लगातार उत्तर प्रदेश के लोगो को भिखारी ही कहता चला जा रहा है |कल बाराबंकी में इस राहुल गाँधी ने कहा कि जब यह अपनी गाड़ी से बाहर शीशे उतार के भिखारी से पूछता है कि कहा के हो तो वो कहता है कि उत्तर प्रदेश के है| इससे मिलने कौन जाता है और इससे मिल कौन पता है? क्या कोई आम आदमी मिलने जाता है? इससे तो कांग्रेसी ही मिलने जाते है ना? इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद और उनके कारिंदों ने बाराबंकी में पुराने कांग्रेस्सियो की औकात उनको दिखा ही दी है पिछले दो-तीन दिन में|बाकी जो भी लोग उत्तर प्रदेश के कभीभी राहुल से मिले है दिल्ली में उनके बारे में कि वो क्या है वो राहुल ने बता ही दिया कि वो उनकी नज़र में भिखमंगे से ज्यादा नहीं है |थोडा भी स्वाभिमान बचा है तो लात मारो इस भिखारी की पार्टी को, जो उत्तर-प्रदेश के लोगो से मत रूपी भीख मागने निकला है और हमको ही भिखारी बताता है ,स्वाभिमानी राजनीतिक कार्यकर्ताओ को ज़लालत भरी राजनीति को त्याग कर इस दम्भी राहुल गाँधी को इस बार भीख नहीं देना है यह संकल्प कर लीजिये| उत्तर-प्रदेश में इस के बाप के नाना के पूर्वज भाग के ही आश्रय लेने,रोजी-रोटी कमाने आये थे और यह अपने खानदान के और अपनी ननिहाल के बारे में बताएगा ही नहीं कि वो कौन है और कहा है? सालो-साल कांग्रेस में रहे नेताओ की शरेआम बेईज्ज़ती करने वाले इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की संगत राहुल और कांग्रेस को नेस्ता-नाबूत करने में सहायक-निर्णायक ही सिद्ध होगी | अपमानित ,उपेक्षित व बेनी प्रसाद के आतंक व राहुल के वक्तव्यों से नाराज़ भारी पुराना कांग्रेसी दुसरे दलों से आये लोगो को विधान सभा के चुनाव में करेंगे हराने का काम,कांग्रेस में रहकर लड़ेंगे नए-पुराने की जंग,,

पुण्य तिथि पर याद किये गये समाजवादी जन नेता राम सेवक यादव











२२नवम्बर को पुण्य तिथि पर समाजवादी नेता राम सेवक यादव की स्मृति में जनपद में जगह -जगह कार्यक्रम हुये|राम सेवक यादव यादव महाविद्यालय-चंदौली,बाराबंकी में आयोजित श्रधांजली कार्यक्रम में परिसर में स्थापित प्रतिमा पर पुष्पांजलि करने के पश्चात् उपस्थित छात्र-छात्राओ,शिक्षको को संबोधित करते हुये महाविद्यालय के सचिव /प्रबंद्धक एस डी यादव ने कहा कि राम सेवक यादव समाज के एक पुरोधा थे|उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में बाँधने का कार्य किया है| उनका संघर्ष सदैव समता मूलक,समाजवादी समाज बनाने के लिए रहा है|बाराबंकी कि धरती ऐसे सपूत को जन्म देकर गौरवान्वित हुई है |महाविद्यालय के कोष अध्यक्ष ज्ञान सिंह यादव ने कहा कि आज कि दिग्भ्रमित हो रही युवा पीढ़ी को सही दिशा में रचनात्मक संघर्ष के लिए राम सेवक यादव के व्यक्तित्व व कृतित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए| सामाजिक कार्यकर्ता-स्वतंत्र पत्रकार,लेखक अरविन्द विद्रोही ने स्व राम सेवक यादव को भारत भूमि का एक अनमोल रत्न बताते हुये कहा कि स्व राम सेवक यादव जी का जीवन आज भी समाजवादियो के लिए,किसानों के लिए,मेहनत कश तबके के लिए प्रेरणा श्रोत है, बशर्ते लोग उनके बताये रास्ते पर ईमानदारी पूर्वक चले और राम सेवक यादव जैसी सादगी अपने जीवन में भी उतारे|डॉ लोहिया के प्रिय रहे स्व राम सेवक यादव ने ही सबसे पहले युवा मुलायम सिंह यादव कि मेहनत व राजनीतिक छमता को पहचाना था और जिम्मेदारी देकर तराशा भी था|समाजवादी पार्टी के वर्तमान मुखिया मुलायम सिंह यादव स्व राम सेवक यादव जी के प्रिय शिष्यों में एक थे |महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अहसान बेग ने कहा कि स्व राम सेवक यादव ने सदैव जाती धर्म से ऊपर उठ कर कार्य किया |इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ राम फेर ,संत राम यादव,उमेश चन्द्र ,संतोष कुमार यादव,शिव बालक,सतीश चन्द्र सहित समस्त छात्र- छात्राओ ने अपनी श्रधांजलि अर्पित की| उसके पश्चात् शहर स्थित स्व राम सेवक यादव समाधि स्थल पर जाकर महाविद्यालय के सचिव /प्रबंद्धक एस डी यादव ,सामाजिक कार्यकर्ता-स्वतंत्र पत्रकार,लेखक अरविन्द विद्रोही ,महाविद्यालय के कोष अध्यक्ष ज्ञान सिंह यादव,महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ राम फेर ने पुष्प चढ़ाये और उनके पुत्र अमिताभ सिंह यादव से मुलाकात की |

Monday, November 21, 2011

डॉ लोहिया के विचारो और समाजवाद की अलख जगाये धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव


अरविन्द विद्रोही ....... उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा के सैफई गाँव में माता श्रीमती मूर्तिदेवी के कोख से जन्मे मुलायम सिंह यादव के जन्म २२नवम्बर,१९३९ के समय उनके जन्मदाता पिता श्री सुघर सिंह यादव ने भी तनिक कल्पना नहीं की होगी कि उनकी संतान के रूप में जन्मा यह अबोध बालक करोडो-करोड़ गरीबो-मज़लूमो-पीडितो-वंचितों-आम जनों का दुःख हर्ता बनकर युगों युगों तक के लिए कुल का नाम रोशन करेगा | क्या उस वक़्त किसी ने भी तनिक सा सोचा होगा कि एक किसान के घर जन्मा यह बालक मुलायम अपनी वैचारिक-मानसिक दृठता और कुशल संगठन छमता के बलबूते समाजवादी विचारक डॉ राम मनोहर लोहिया का सबसे बड़ा जनाधार वाला अनुयायी व उनके संकल्पों,उनके विचारो को प्रचारित-प्रसारित करने वाला बनेगा? १२अक्तुबर,१९६७ में जुल्म अन्याय के खिलाफ लड़ते-लड़ते डॉ लोहिया हमारे बीच से चले गये ,रह गये सिर्फ उनके विचार-उनके संकल्प और उनके अनुयायी| डॉ राम मनोहर लोहिया के देहावसान के बाद १९६७ से लेकर १९९२ तक समाजवादी आन्दोलन-संगठन का विघटन अफसोसजनक व दुर्भाग्य पूर्ण रहा |४-५ नवम्बर ,१९९२ को बेगम हज़रत महल पार्क-लखनऊ में जब मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के स्थापना सम्मेलन में देश भर के तपे-तपाये समाजवादियो के बीच संकल्प लिया कि अब मैं डॉ लोहिया द्वारा निर्धारित सिधांतो के आधार पर समाजवादी पार्टी का पुनर्गठन करूँगा ,तब से ले कर आज तक धरतीपुत्र की उपाधि से नवाजे गये मुलायम सिंह यादव ने तमाम राजनीतिक दुश्वारिया झेली हैं |डॉ लोहिया के कार्यक्रमों अन्याय के विरुद्ध सिविल नाफ़रमानी,सत्याग्रह,मारेंगे नहीं पर मानेगे नहीं,अहिंसा,लघु उद्योग,कुटीर उद्योग आदि मुद्दों को कर्म के छेत्र में व्यापक जनाधार करके स्थापित करने वाले सिर्फ मुलायम सिंह यादव ही हैं |आज के राजनीतिक दौर में जहा सिर्फ भीड़ ही राजनीतिक ताकत मानी जाती है ,उस दौर में डॉ लोहिया के विचारो-कार्यक्रमों को मजबूती से व्यावहारिक रूप में लागु करते हुये मुलायम सिंह यादव ने भीड़ के पैमाने पर भी खुद को और समाजवादी पार्टी को हमेशा अव्वल साबित करके दिखाया है | ४-५नवम्बर,१९९२ को समाजवादी पार्टी के स्थापना सम्मेलन में तपे-तपाये धुर समाजवादियो का जमावड़ा डॉ लोहिया के विचारो-संकल्पों के प्रचार-प्रसार व समाजवादी मूल्यों की सरकार बनाने को लेकर हुआ था |समाजवादी पार्टी की स्थापना को १९ वर्ष पुरे हो चुके हैं|इन १९ वर्षो में मुलायम सिंह यादव व समाजवादी पार्टी दोनों ने तमाम उतार-चढाव देखे है| तमाम लोग समाजवादी पार्टी से अलग हुये और तमाम जुड़े भी,लेकिन जिन डॉ लोहिया के विचारो को ,समाजवादी सोच व संघर्ष की मशाल को मुलायम सिंह यादव ने अपने मजबूत हाथो में पकड़ लिया था ,उस पकड़ को मुलायम सिंह यादव ने कभी भी तनिक भी ढीला नहीं किया | अपनी-अपनी राजनीतिक विवशता-महत्वाकांछाओं की पूर्ति ना होते देख कई समाजवादी नेताओ ने समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव का साथ छोड़ा|चन्द वैचारिक नेताओ ने बिना जमीनी हकीकत समझे समाजवादी पार्टी को त्याग करके डॉ लोहिया के विचारो के प्रचार -प्रसार व अनुपालन के एक बड़े अवसर को त्यागा| मौका पाकर तमाम अवसरवादी ,मौका परस्त ,शौकिया राजनीति करने वालो ने भी एक काकस बनाकर समाजवादी पार्टी को आघात लगाया|मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी ,समाजवादी आन्दोलन को कमज़ोर करने की कुचेष्टा सफल नहीं हो पाई और ऐसे तत्वों को समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया| डॉ राम मनोहर लोहिया एक महान चिन्तक थे ,अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने का संकल्प उनके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण था|१२ अक्टूबर ,१९६७ को डॉ लोहिया के देहावसान के बाद डॉ लोहिया को एक महापुरुष मानने वाले मुलायम सिंह यादव ने आगे बढ़ कर मृत समाजवादी आन्दोलन में आगे बढ़ कर नयी जान फूंक दी| प्रसिद्ध समाजवादी लेखक स्व लक्ष्मी कान्त वर्मा ने अपनी पुस्तक समाजवादी आन्दोलन- लोहिया के बाद में लिखा है कि दस-बारह वर्ष आशा-निराशा भरे अनुभवों से गुजरने के बाद जब मुलायम सिंह ने १९९२ में डॉ लोहिया का नाम लेकर और उनके समस्त रचनात्मक कार्यक्रमों को स्वीकार करते हुये समाजवादी आन्दोलन को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया तो वह ना तो गाँधी थे और ना ही लोहिया थे| वह मात्र अपने युग के एक जागरूक व्यक्ति के रूप में पहचान बनाने की कोशिश कर रहे थे| मुलायम सिंह वास्तव में एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसने स्वतंत्रता के तीन-चार दशको तक आम आदमी के दुःख-दर्द,अन्याय और उपेक्षा को देखा और भोगा है| वे उस अंतराल की पीढ़ी के के प्रतिनिधि है जो समस्त संवेदनशील बिन्दुओ को अपने में समेट कर समाजवाद सत्ता और सगुण सिद्धांतो को कार्यान्वित करने का सपना देख रही है| जिस तरह गाँधी ने कभी यह दावा नहीं किया कि वह स्वयं कोई शंकराचार्य या मसीहा हैं,ठीक उसी प्रकार मुलायम ने भी कभी यह दावा नहीं किया कि वह दुसरे लोहिया हैं| उन्होंने डॉ लोहिया के साथ-साथ जयप्रकाश और आचार्य नरेन्द्र देव को भी अपना पुरखा स्वीकार किया है और जब इन्होने इनको अपना पुरखा मान लिया है तो यह शंका अपने आप समाप्त हो जाती है कि वह डॉ लोहिया बनना चाहते है या अकेले उन्ही के सिद्धांतो के उत्तराधिकारी हैं| वे स्वतंत्रता के बाद आर्थिक ,सामजिक,सांस्कृतिक और राजनीतिक न्याय के छेत्र में संघर्ष करने वाले चौधरी चरण सिंह के भी उत्तराधिकारी हैं| डॉ भीम राव अम्बेडकर के भी उत्तराधिकारी हैं और खुले दिमाग के एक संघर्ष शील समाजवादी कार्यकर्ता के रूप में लोहिया ,जयप्रकाश,आचार्य नरेन्द्र देव ,मधु लिमये,राज नारायण इन सब के विचारो और राजनीतिक प्रयोगों और प्रयासों के उत्तराधिकारी है| और आज नवम्बर २०११ में भी डॉ लोहिया के विचारो पर समाजवादी पार्टी का गठन करने वाले मुलायम सिंह यादव एक बार फिर से राजनीतिक चुनौतिओ का सामना करने के लिए कमर कस चुके हैं| राजनीतिक विश्लेषकों के इस पूर्वानुमान कि इस बार के उत्तर प्रदेश के विधान सभा के आम चुनावो में सपा की केंद्रीय भूमिका में मुलायम सिंह यादव नहीं रहेंगे ,असत्य साबित हो चुका है| अपने जन्म दिन के मात्र ५दिन पूर्व १६नवम्बर को राम लीला मैदान-एटा में आयोजित जन सभा में उमड़े अथाह जन सैलाब को संबोधित करके नयी चेतना व विश्वास उत्पन्न करने में कामयाबी हासिल करने वाले धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव ने पुनः साबित कर दिखाया है कि ७३ साल की उम्र में भी सपा कार्यकर्ताओ ,जनता व डॉ लोहिया के विचारो के प्रति समर्पण में तनिक भी कमी नहीं आयी है| चाहे उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार के द्वारा आम जनता,किसानों व जन संगठनो पे किये गये अत्याचार की बात हो या चाहे कांग्रेस की केंद्र सरकार के द्वारा राम लीला मैदान में बाबा राम देव और सोती हुई जनता पर ढाए गये जुल्म की बात हो ,मुलायम सिंह यादव ने हर एक जुल्म की ,अत्याचार की पुरजोर खिलाफत की है| डॉ राम मनोहर लोहिया के अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने के सिद्धांत का पालन करते हुये समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में जुल्मी सरकार बदलने की पुरजोर अपील के साथ एक बार पुनः क्रांति रथ यात्रा को उत्तर प्रदेश की सभी विधान सभाओ में भ्रमण हेतु रवाना किया है| उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के कुशल नेतृत्व में निकली रथ यात्रा ७ चरण की यात्रा पूरा कर चुकी है| भारी तादात में जनता की उमड़ती भीड़ ने जहा सपा नेताओ के हौसले बढ़ा दिये है वही दुसरे दल चौकन्ने हो चुके हैं | समाजवादी संघर्ष की विरासत को आगे बढ़ाते हुये मुलायम सिंह यादव के एक सेनानी इलाहाबाद के युवा नेता अभिषेक यादव ने अपने साथियो के साथ मिल कर १४नवम्बर को समाजवादी मूल्यों और छात्र संघ बहाली की हक़ की लड़ाई लड़ने के मार्ग को और अधिक दृढ़ता प्रदान की है| धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के पहले और बाद में भी समाजवादी संघर्ष के ऐसे ही तोहफे देना समाजवादी मूल्यों की सरकार बनाने में निर्णायक सिद्ध होंगे| डॉ लोहिया के अनुयायी मुलायम सिंह यादव ने अपने को हर बार साबित कर दिखाया है| अब तो समाजवादी पार्टी के नेताओ और कार्यकर्ताओ की परीक्षा की घडी है कि वो अपने नेता को जन्मदिन के अवसर पे बसपा की जुल्मी सरकार से निजात दिलाने के संघर्ष के महायज्ञ में कैसा और कितना योगदान रूपी आहुति डालने का निश्चय कर ,उसको पूर्ण कर धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव को जन्मदिन का उपहार देते है|

Thursday, November 17, 2011

मानवता का हन्ता आतंकवादी

जो भी सरकारी कर्मचारी है उनको तनख्वाह कर्त्तव्य पालन के लिए ही मिलती है,और यह तनख्वाह आम जनता के पैसे से ही दी जाती है|पुलिस बल हो या सशस्त्र सुरक्षा बल सभी तनख्वाह के लिए ही नौकरी कर रहे है|नित सफाई करने वाला सफाई कर्मी और खम्बे पर चढ़ कर बिजली के तार जोड़ने वाला लाइन मैन ,सब भारत के लोगो के लिए ही तनख्वाह ले कर काम कर रहे है| लेकिन इनमे से किसी को गलत करने की अनुमति देश भक्ति के नाम पर नहीं देना चाहिए,सब वेतनभोगी है-बिना वेतन कुछ नहीं करेंगे ,ना खम्बे पर चढ़ेंगे -ना सीमा पर दुश्मन से लड़ेंगे|ये सब आम जनता के नौकर है ना की मालिक| बेकसूर आम जनता की हत्या करने वालो को मानवता का हन्ता आतंकवादी ही कहना होगा वो चाहे जो हो,,,

Wednesday, November 16, 2011

जन चेतना अभियान

आज डॉ लोहिया के विचार और समाजवाद की अवधारणा के प्रचार के तहत जन चेतना अभियान के तहत आज बेलहरा-फतेहपुर तहसील ,विधान सभा कुर्सी तक जाने का कार्यक्रम है| राहुल गाँधी के द्वारा उत्तर प्रदेश के मेहनत कश लोगो को भिखमंगा कहे जाने की बात सुदूर ग्रामीण इलाको में रहने वालो को भी बताने के लिए आज निकल रहा हूँ| डॉ लोहिया इन्ही कारणों से नेहरु और कांग्रेस को भारत की दुर्दशा का जिम्मेदार मानते थे |

Tuesday, November 15, 2011

मार-पीट करने वाले गुंडे कांग्रेसी नेताओ के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो

छात्र संघ बहाली की मांग को लेकर कांग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी को ज्ञापन देने गये अभिषेक यादव ,अनिल यादव,आशीष यादव,कार्तिकेय यादव आदि को लातो-मुक्को से मारने वाले कांग्रेसी नेता रूपी अपराधी प्रमोद तिवारी,जीतीं प्रसाद,आर पी एन सिंह ,नसीब पठान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग और राहुल गाँधी के उत्तर प्रदेश के लोगो पर दिये गये बयान के विरोध में बाराबंकी में भी समाजवादी पार्टी छात्र सभा के कार्यकर्ताओ ने जोरदार प्रदर्शन किया| समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश सचिव फरजान उस्मानी के नेतृत्व में रितेश जयसवाल,सैय्यद फैजी,पंकज वर्मा,चमन सिंह,हसनैन कुरैशी ,शशिकांत वर्मा,राहुल यादव,आशीष वर्मा,नीरज वर्मा,गणेश शंकर श्रीवास्तव,रमण सिंह,संदीप कुमार,टिंकू कुमार,सैफ खान लकी ,अदनान हुशेन,मो असद,ज्ञानेंद्र वर्मा,राहुल वर्मा ,विवेक चौधरी,शाने राजा ,मो इसरार भूरे,शोभित शुक्ल सहित दर्ज़नो छात्रों ने शहर के सिविल लाइंस स्थित कांग्रेस कार्यालय के सामने जमकर राहुल गाँधी मुर्दाबाद,कांग्रेस मुर्दाबाद ,छात्र संघ बहाल करो के नारे लगाये| छात्रों का भारी जमावड़ा देखकर पूरा प्रशासनिक अमला वहा आ गया| सी ओ सिटी दीपेन्द्र नाथ चौधरी व कोतवाली प्रभारी एस के सिंह ने कांग्रेस कार्यालय के पास दल बल के साथ पहुच करके छात्र सभा के छात्रों को समझा के वहा पर प्रदर्शन समाप्त करवाया| वहा से चल कर सभी छात्र छाया अम्बेडकर चौराहे पर पहुचे जहा पर राहुल गाँधी के चित्रों में आग लगा कर बाराबंकी के समाजवादी छात्रों ने अपना आक्रोश प्रकट किया| यहाँ आम जनता भी एकत्र हो गयी और जन समुदाय को संबोधित करते हुये सपा नेता फरजान उस्मानी ने कहा कि समाजवादी साथियो को मारने वाले कांग्रेसी नेताओ पर मार पीट करने का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए,हम सभी राहुल गाँधी के बयान की निंदा करते है जिसमे उन्होंने उत्तर प्रदेश के लोगो को भिखारी कहा है |

Wednesday, November 9, 2011

उत्तर प्रदेश की बदहाली और समाजवादियो-सामाजिक कार्यकर्ताओ का दायित्व

अरविन्द विद्रोही उत्तर प्रदेश के हालात दिन प्रतिदिन बाद से बदतर होते जा रहे है | सियासत की चक्की में आम जन की बात दीगर है , प्रशासनिक अधिकारी और विपक्षी दलों के नेता भी पिसते जा रहे है |उत्तर प्रदेश में सत्ता धारी बहुजन समाज पार्टी के हितो के विपरीत बात करने वाले अधिकारी पागल तक करार दिये जा रहे है ,कोई पागल हो या ना हो इतने यंत्रणा के बाद पागल होने की पूरी सम्भावना उत्पन्न हो ही जाती है | तानाशाही व नौकर शाही के दो पाटो के बीच बेचारा लोकतंत्र,मतदाता पिसता ही जा रहा है| लोकतान्त्रिक मूल्यों की स्थापित मान्यताओ की परवाह किये बिना जन आकांझाओ की अवहेलना करते हुये सरकारों का दमन कारी रवैय्या अपने चरमोत्कर्ष पे है|उत्तर प्रदेश की बसपा और केंद्र की कांग्रेस दोनों सरकारों का दमन चक्र आम जन की भावनाओ को दरिंदगी से कुचलता ही जा रहा है | लोकतंत्र में निर्वाचित सरकारों का जन विरोधी यह चरित्र शर्मनाक और लोकतंत्र को ख़त्म करने वाला चरित्र है| जनविरोधी तानाशाही सरकारों के कारण ही आज आम जन का विश्वास लोकतान्त्रिक व्यवस्था से डगमगा रहा है| आज हालात यह है की उत्तर प्रदेश में हर एक वर्ग बहुजन समाज पार्टी की कार गुजारियो से त्रस्त है |बसपा सरकार की गलत नीतिओ के खिलाफ जनता में जो आक्रोश दिखना चाहिए था ,अनवरत जारी सरकारी लूट ,दमन ,शोषण ,मनमानेपन के खिलाफ उबाल आना चाहिए था ,आखिर वो उबाल ,जनता का आक्रोश लगातार सड़क पर दिखाई क्यूँ नहीं दे रहा है? आम जन त्रस्त है ,यह सत्य है लेकिन संघर्ष से वास्ता नहीं रखना चाहती,आखिर क्यूँ? समाजवादी विचारक डॉ राम मनोहर लोहिया ने जनता की मनोदशा पे कहा था---- हिंदुस्तान जैसे देश में साधारण जनता यांकी गरीब आदमी क्रांति को इतना नहीं समझेगा,जितना कि राहत वाली राजनीति को |वह बराबरी को इतना नहीं समझेगा ,जितना कि बख्शीश को |उसको अगर थोडा बहुत पैसा मिलता रहे जीतने कि उसको आकांझा है,तो वह इसे ज्यादा पसंद करेगा,चाहे वह पैसा और समाज में उसका स्थान बहुत निचे दर्जे का हो,लेकिन कुछ मिला तो सही|जहाँ आदमी बहुत भूखा ,बहुत नंगा है ,बहुत दबा और गिरा हुआ है,वहां वह थोड़ी-बहुत छोटी-मोटी राहत की चीजों से प्रसन्न हो जाया करता है और उसको बराबरी की इच्छा कोई ऐसे सपने के जगत की काल्पनिक चीज मालूम होती है कि उसके लिए वह कुछ बहुत चिंता या सोच विचार करने को तैयार नहीं होता| ऐसा देखा गया है ,लेकिन यह खाली तुलनात्मक बात कह रहा हूँ| ऐसा ना समझना कि हमेशा के लिए एक भूखे और बहुत गरीब देश का गरीब आदमी क्रांति के बजाय राहत की राजनीति को,बराबरी के बजाय बख्शीश वाली नीति को पसंद करेगा |अगर ऐसा हो तो संसार में बदलाव कभी आ ही नहीं सकता|समय बीतते-बीतते ठोकर खाते-खाते दूसरी बातें भी दिमाग में आने लगती है| शायद अब वो वक़्त आ गया है हिंदुस्तान की राजनीति में जिसकी तरफ ,जिसके कभी ना कभी आने की बात डॉ लोहिया ने कही थी|आज तमाम संगठन जनता की आवाज़ बन के उभरे है,जनता में विश्वास की उमंग जगी है| भारत स्वाभिमान आन्दोलन की बाबा राम देव की अगुआई में जनजागरण यात्रा, अन्ना हजारे के अनशन,लाल कृष्ण आडवानी की लोकनायक जय प्रकश नारायण की जन्म स्थली से शुरु हुई रथ यात्रा ,युवा समाजवादी अखिलेश यादव की क्रांति यात्रा ने जनता की भावनाओ को उद्वेलित व जागृत करने का अनूठा काम किया है | उत्तर प्रदेश में समाजवादी आन्दोलन के आशा के केंद्र बिंदु बन चुके समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डॉ लोहिया के विचारो के आधार पे मुद्दों की राजनीति की सकारात्मक शुरुआत की है जो उनके प्रति बन रहे जन आकर्षण का प्रमुख कारक है |आज जुल्म के खिलाफ लड़ने व एकजुट होने का समय आ गया है| कांग्रेस भ्रस्टाचार की जननी है इसको राजनीतिक नेपथ्य में करने और उत्तर प्रदेश को बसपा की माया सरकार से निजात दिलाने के किये सभी समाजवादियो और सामाजिक कार्यकर्ताओ को गैर कांग्रेसी गठबंधन बनाने की दिशा में काम करना चाहिए| डॉ लोहिया को मानने वालो,समाज हित में काम करने वालो,सरकारों के तानाशाही तरीको से त्रस्त जनों को देश-प्रदेश की सरकारों को उखाड़ फैकने की मुहिम में जुट जाना होगा और समाजवादी मूल्यों की सरकार बनाने के लिए अपना सर्वस्व लगाना पड़ेगा |

Monday, November 7, 2011

समाजवादी अलख


समाजवाद की अलख जगाने निकले और जन चेतना उत्पन्न करके भ्रष्ट-निरंकुश-जुल्मी बसपा सरकार को उत्तर प्रदेश की सत्ता से उखाड़ फैकने के लिए क्रांति रथ पे निकले समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव पुराने समाजवादियो-सामाजिक कार्यकर्ताओ के लिए एक आशा की किरण बन के उभरे है |अखिलेश यादव की क्रांति रथ यात्रा का ,उनका जगह जगह भव्य स्वागत और बड़ी बड़ी जन सभा आयोजित करने वालो को समाजवादी संघर्ष के नव-पुरोधा अखिलेश यादव की मेहनत से कुछ सबक लेना चाहिए | सिर्फ अखिलेश यादव के गले में माला पहना देने और जिंदाबाद के नारे लगा देने से ,मजमा जमा कर देने से बसपा की सरकार नहीं बदली जा सकती है|समाजवादी पार्टी के जनपद के संगठन कर्ताओ को समाजवादी चरित्र व सोच को अपनाने की जरुरत है | जरुरत है नव-पुरोधा अखिलेश यादव की तरह अपने -अपने विधान सभा में अनवरत समाजवादी अलख जगाने के लिए जनता की सवारी साइकिल पे सवार होकर निकल पड़ने की| डॉ लोहिया के विचारो की धार,धरती पुत्र मुलायम सिंह का आशीर्वाद और अखिलेश यादव के प्रभावी नेतृत्व के साथ जनता के बीच उनकी आवाज बनने की जरुरत है ना कि इलाके के मठाधिशो और सत्ता के दलालों के फेर में पड़ने की|

Tuesday, November 1, 2011

भावी मुख्यमंत्री हो सकते है बेनी प्रसाद वर्मा

समाजवादी अपने विचारो और कर्म से अपनी उपयोगिता साबित ही कर देता है,बाराबंकी के विकास पुरुष-धुर समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा-केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कांग्रेस में अपनी पकड़ बना के यह एक बार पुनः साबित कर ही दिया है | आगामी विधान सभा २०१२ में गाँधी परिवार अपने अलावा सिर्फ समाजवादी नेता बेनी प्रसाद के जनाधार को मानते हुये उनको भर पुर तवज्जो दे रहा है| बेनीप्रसाद वर्मा भी अपने पुराने संपर्को का इस्तेमाल करके कांग्रेस में समाजवादियो को महत्व पूर्ण जिम्मेदारी वा सम्मान दिलाने का भरोसा दिला कर कांग्रेस का कारवां बढ़ाने में रात दिन एक किये है| कुशल राजनीतिज्ञ , एक एक जनाधार वाले नेता को व्यक्तिगत रूप से जानने वाले बेनी प्रसाद युध्य स्तर पे अभी से अपनी राजनीतिक सेना सजाने लगे है |उनके समर्थक उन्हें भावी मुख्य मंत्री मान रहे है | गाँधी परिवार से मिल रही तवज्जो , व्यापक जनाधार और अपनी मेहनत के बूते बेनी प्रसाद वर्मा २०१२ के आम चुनाव के बाद मुख्य मंत्री बन सकते है,यह खबर चर्चा में आने से बाराबंकी में तो एक अलग ही माहौल बनता दिख रहा है| अपने द्वारा कराय गये विकास कार्यो के कारण जन जन में लोकप्रिय बेनी प्रसाद वर्मा के कारण कांग्रेस विरोधी एक बड़ा मतदाताओ का तबका भी कांग्रेस को मत करने का मन बनाने लगा है | मतदाताओ का आपसी चर्चा में कहना है कि बेनी प्रसाद वर्मा बाराबंकी का विकास करने और बाराबंकी में उद्योग धंधे लगवाने में कोई कसर नहीं रखेंगे इसलिए इनके साथ हम सभी को देना चाहिए | समाजवादी विचारधारा का गढ़ बाराबंकी में समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा की बदौलत ही कांग्रेस का सांसद जीता था और आगामी विधान सभा में सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी सीधे लड़ाई में रहेंगे यह अभी से दिखने लगा है| अपने अंतर विरोध और गलत टिकेट वितरण का आरौप झेल रही समाजवादी पार्टी बाराबंकी में मृत प्राय सी हो गयी है |