Thursday, October 27, 2011

बधाई विज्ञापनों के जरिये अपना हित साधने , राजनीति चमकाने की और पत्रकारों को लुभाने की कोशिश

हम सभी ने दीप पर्व दीपावली मना लिया | पूंजीपतियो ने जम कर अपनी पूंजी का प्रदर्शन करते हुये जमकर अपने आवास , अपने व्यापारिक प्रतिषठान की सजावट रंग बिरंगे बिजली के झालरों से करवाई | एक एक पूंजीपति परिवार ने सिर्फ आतिशबाजी में ही हजारो रुपये स्वाहा कर दिये| इनकी देखा देखी परिवार के सदश्यो के मन रखने के लिए , परंपरा निर्वाहन के नाम पे मेहनत कशो ने भी अपनी सामर्थ से ज्यादा का धन दीप पर्व को उल्लास पूर्वक मानाने में खर्च किया | व्यापारिक वर्ग ने एक तरफ जहा जम के कमाई कि वही दूसरी तरफ इन्ही व्यापारियो ने अधिकारिओ के घर जा जाकर मिठाई ,आतिशबाजी और मेवा , कपडे आदि उपहार स्वरुप रिश्वत भेट की | यही नहीं तमाम कमाई वाली जगह पर नियुक्त सरकारी कर्मचारी व अधिकारिओ ने भी अपने उच्च अधिकारिओ को भेट देने में कोई कोताही नहीं रखी | दीपावली का असली आनंद तो नौकरशाह , पूंजीपतियो , व्यापारियो ने जम कर उठाया | यही नहीं राजनीतिज्ञों ने भी दीपावली का जमकर उपभोग किया | दीप पर्व के बहाने जन संपर्क किया , बड़ी बड़ी होर्डिंग्स लगवाकर बधाई सन्देश दिया | जिन लोगो ने कभी किसी का भला नहीं किया वो भी बधाई संदेशो और विज्ञापनों के द्वारा बधाई देते नज़र आये | राजनीति में नेपथ्य में पड़े जनाधार विहीन , असामाजिक तत्वों ने भी आने वाले विधान सभा चुनावो को ध्यान में रखते हुये दीप पर्व की बधाई आम जनता को दे डाली | अपने पास अनैतिक तरीके से जमा किये गये धन का प्रयोग अब विभिन्न पर्वो में बधाई संदेशो और समाचार पत्रों में विज्ञापनों को देने में करने में ये तत्त्व तनिक भी गुरेज़ नहीं करेंगे | मीडिया जगत भी ऐसे तत्वों के शोषण का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहता है | सिर्फ चुनावी बेला में बधाई देने वालो के मंसूबो को भांप के आम जनता और मिडिया जगत दोनों भरपूर आर्थिक दोहन करने के इंतज़ार में इन तत्वों का हौसला अफजाई कर रही है |