Friday, July 8, 2011

उत्तर प्रदेश में संघर्ष की विरासत निभाते अखिलेश यादव


उत्तर प्रदेश में संघर्ष की विरासत निभाते अखिलेश यादव अरविन्द विद्रोही लोकतान्त्रिक मूल्यों की खुले आम अवहेलना करने पर आमादा उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार और केंद्र की कांग्रेस सरकार ने पूंजीवादी शोषक तंत्र के हितार्थ आम जनों को अनवरत धमकियाने और लतियाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है | उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री मायावती के नेतृत्व में बेलगाम नौकरशाही ने राजनीतिक कार्यकर्ताओ और अपनी मांगो पर आन्दोलन कर रहे तमाम संगठनो और लोगो पर पुलिस बालो का बेजा इस्तेमाल कर के मान मर्दन करना जारी रखा है | वही दूसरी तरफ सोनिया गाँधी की कठपुतली केंद्र की मनमोहन सरकार ने राम लीला मैदान में एकत्र सत्याग्रहियो पर रात्रि में बर्बर अत्याचार कर के अपना जन विरोधी पूंजीवादी शोषक चरित्र एक बार पुनः उजागर कर दिया | पुरे देश में विदेश से काला धन वापस लाने के लिए , कृषि भूमि के अधिग्रहण के विरोध में , लोकपाल विधेयक के गठन पर आम जन मानस चर्चा कर रहा है और उद्वेलित भी है | उत्तर प्रदेश में बसपा के शासन काल में लगातार हुई बलात्कार की घटनाओ की , हत्या की घटनाओ का सार्थक प्रतिकार करके दोषीओ को दण्डित करवाने की जगह कांग्रेस- भाजपा के द्वारा जबानी जमा खर्ज करके बसपा और मुख्यमंत्री मायावती को घेरने की खाना-पूरी की गयी है | किसानों की दुखती नस भूमि अधिग्रहण के मनमाने मामलो पर कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी नित नए प्रायोजित नौटंकी समारोहों का आयोजन करके स्वतः स्फूर्ति का अनुभव कर रहे है | आजादी के पश्चात् सर्वाधिक वर्षो तक निर्बाध शासन करने वाली कांग्रेस किसान हित विरोधी ब्रितानिया हुकूमत के द्वारा थोपे गये भूमि अधिग्रहण अधिनियम को ख़त्म नहीं कर सकी और आज केंद्र सरकारों के नाकारेपन का ही दुष्परिणाम है कि आज किसानों को अपनी माँ सरीखी कृषि भूमि के व परिवार के हितार्थ हथियार उठा कर जान लेनी व देनी पड़ रही है | काले धन के सवाल पर सर्वोच्च न्यायलय के द्वारा केंद्र सरकार को फटकार लगाना व निर्देश देने का क्या परिणाम निकलेगा यह भविष्य के गर्त में है | राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने भी शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के विषय में और उसके दुष्परिनामो पर तत्कालीन कांग्रेसी प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु को आगाह किया था | महात्मा गाँधी की सलाह व निर्देश की परवाह ना तो तब जवाहर लाल नेहरु ने की थी और ना अब कांग्रेस की सरकार करती है | समाजवादी विचारक डॉ राम मनोहर लोहिया भ्रस्टाचार निवारण के लिए स्थायी आयोग के गठन की वकालत करते थे | कृषि भूमि के अधिग्रहण के सख्त विरोधी डॉ लोहिया सरकारों के इस कृत्य को भारत की ग्राम्य व्यवस्था पर चोट मानते थे | विकास के अनियंत्रित और अनियोजित दौड़ में अन्न दाता और श्रमिक वर्ग को रौंदने का काम आजाद भारत की सरकारों ने बखूबी किया है | सरकारों के जनविरोधी कृत्यों का पुरजोर प्रतिकार समाजवादियो ने निरंतर किया है | गुलाम भारत में ब्रितानिया हुकूमत के जुल्मो से लड़ने वाले डॉ राम मनोहर लोहिया और लोक नायक जय प्रकाश सरीखे समाजवादियो ने आजाद भारत की जनविरोधी कांग्रेस सरकार को सड़क से लेकर संसद तक कटखरे में खड़ा किया | डॉ लोहिया और मधु लिमये द्वारा संसद में उठाये गये सवालों का समुचित जवाब देने में मंत्री ही नहीं प्रधान मंत्री भी नाकामयाब होते रहे है | इंदिरा गाँधी के तानाशाही - जनविरोधी रवैये के खिलाफ जब जय प्रकाश ने आन्दोलन की बागडोर संभाली तब भारत की तरुनाई ने आम जन के साथ मिल के कांग्रेस की भ्रष्ट व निक्कमी सरकारों को उखाड़ फैंका | निरंकुश व भ्रष्ट सरकारों के खिलाफ संघर्ष ही समाजवादियो की पूंजी है | समाजवादी संघर्ष की इस विरासत को डॉ लोहिया और जय प्रकाश के देहावसान के पश्चात् सजोने व विस्तार देने का काम मुलायम सिंह यादव ने बखूबी अंजाम दिया | समाजवादी कार्यकर्ताओ ,ग्रामीण जनता , छात्रों - युवाओ पर अपनी मज़बूत पकड़ की बदौलत मुलायम सिंह यादव धरती पुत्र के संबोधन से भी नवाजे गये है | गाँधी - लोहिया - जय प्रकाश के सिधांतो के अनुपालन में तनिक भी विचलित ना होने के कारण , तात्कालिक अन्याय का विरोध करने के कारण , सरकारों के भ्रष्ट रवैये के खिलाफ हल्ला बोलने के कारण मुलायम को जिद्दी भी माना गया | समाजवादी आन्दोलन में भटकाव व कमिया भी आई परन्तु जन संघर्ष की विरासत जो मुलायम सिंह ने अर्जित की उस पर वो निः संदेह खरे ही उतरे है | आज छोटे लोहिया कहे जाने वाले जनेश्वर मिश्र हमारे बीच सशरीर नहीं है | डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारो के आजीवन प्रचारक व समाजवादी आन्दोलन के प्रखर चिन्तक छोटे लोहिया - जनेश्वर मिश्र ने ही सर्व प्रथम अखिलेश यादव से कहा था कि तुमको राजनीति ही करनी है | जब अखिलेश यादव बोर्डिंग में रह कर पढाई कर रहे थे , तब अवकाश में एक बार लखनऊ आने पर मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश कि मुलाकात जनेश्वर मिश्र से करवाई | अखिलेश यादव के द्वारा जनेश्वर मिश्र का चरण स्पर्श करने पर जनेश्वर मिश्र ने आशीर्वाद स्वरुप जोर से पीठ पर हाथ मार कर कहा था कि युवाओ को सार्थक व सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए और पढाई के बाद तुमको भी करनी पड़ेगी | पढाई पूरी करने के बाद अखिलेश यादव जब राजनीति में आये तो तमाम समाजवादी विचारको के सान्निध्य के कारण समाजवादी आन्दोलन के कारण और प्राथमिकतायें क्या हो यह समझने का भरपूर अवसर मिला | कन्नौज की लोकसभा सीट से १९९९ में प्रत्याशी के रूप में अखिलेश यादव का नामांकन करने पहुचे छोटे लोहिया ने पत्रकारों के परिवारवाद के सन्दर्भ मर प्रश्न का जवाब देते हुए कहा था - यह संघर्ष का परिवारवाद है सत्ता का नहीं | छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र के इस प्रत्युतर का मान रखते हुए युवा अखिलेश यादव ने लोख्सभा चुनाव जीतने के पश्चात् क्रांति रथ निकल कर प्रदेश का भ्रमण कर संघर्ष की शुरुआत की | वर्त्तमान युवा पीढ़ी में विरलों को ही धुर - खांटी समाजवादियो का सान्निध्य व मार्गदर्शन रुपी आशीर्वाद मिला है | जनेश्वर मिश्र के शिष्य के रूप में डॉ लोहिया की आर्धिक नीतिओ , किसानों - मजदूरों , युवाओ , महिलाओ , आम जन से जुड़े मुद्दों को सड़क व संसद दोनों जगह उठाने में अखिलेश यादव किसी भी समकालीन युवा संसद से पीछे नहीं है | समाजवादी पार्टी के साधारण कार्यकर्ता , फिर युवा प्रकोष्ठों के प्रभारी तथा वर्त्तमान में उत्तर प्रदेश के संगठन के मुखिया की जिम्मेदारी निभा रहे अखिलेश यादव में समाजवादी आन्दोलन व जन संघर्ष को आगे बढ़ाने का मदद भी है और सोच भी है | अपने सरल स्वभाव के कारण वे आम युवाओ व समाजवादी कार्यकर्ताओ के ह्रदय में जगह बनाने में कामयाब हो रहे है | राजनीति एक दिन की नौटंकी नहीं होती है यह मानने वाले और जिनके लिए राजनीति सामाजिक दायित्वों की पूर्ति का माध्यम हैं , वे आज उत्तर प्रदेश की बसपा और केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अखिलेश यादव के नेतृत्व में जन संघर्ष के लिए गाँव - देहात में अलख जगाने को तत्पर है | पुराने समाजवादियो को एकत्र करना तथा पार्टी के प्रचार अभियान में युवा चेहरों को उतारना यह दो बड़ी संगठानिक चुनौती अखिलेश यादव के सम्मुख है |व्यक्ति आधारित राजनीति की जगह मुद्दों की राजनीति को धार देने में अखिलेश यादव की सफलता समाजवादी आन्दोलन की एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी |