Saturday, October 22, 2011

स्वार्थी,जनाधार विहीन ,विचार विहीन और सत्ता के दलाल प्रवृति के लोगो से समाजवादी संघर्ष को खतरा

अरविन्द विद्रोही समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव -सांसद की वर्तमान सरकार की जनविरोधी नीतिओ ,मनमाने-पन के खिलाफ निरंतर पुरे प्रदेश में क्रांति रथ से , साइकिल से यात्रा के कार्यक्रम ने व्यापक जन समर्थन जुटा लिया है और जन संघर्ष व समाजवादी आन्दोलन के युवा कंधो की मजबूती को साबित करने में रात दिन एक कर रहे है |काबिल-ए -तारीफ है समाजवादी आन्दोलन व संघर्ष के नव प्रतीक बन कर उभरे समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव का यह प्रयास | युवा समाजवादी अखिलेश यादव को जन संघर्ष खड़ा करने की इस मुहीम में सर राम मनोहर लोहिया की बातो का पूरा ध्यान भी रखना और उसका अनुपालन भी करना और करवाना चाहिए | डॉ लोहिया के विचारो की रौशनी अखिलेश यादव की अपनी राजनीतिक जीवन की तरक्की-बेहतरी के लिए कारगर ही साबित होगी, इसमें कोई शक सुबहा की लेश मात्र भी गुंजाइश नहीं है | डॉ राम मनोहर लोहिया समाजवादी विचारधारा की वो अखंड ज्योति है जिसकी रौशनी में धरती-पुत्र मुलायम सिंह यादव ने अपनी संघर्ष की राजनीति को परवान चढ़ाया | डॉ राम मनोहर लोहिया ने कहा था -- एक तरफ वे लोग जो कि आन्दोलन के उद्देश्यों के लिए तकलीफ उठाते है ,दूसरी तरफ वे लोग जो आन्दोलन के सफल होने के बाद उसके हुकुमती काम-काज को चलते है | और आप याद रखना कि ये संसार के इतिहास में हमेशा ही हुआ है |लेकिन इतना बुरी तरह से कभी नहीं हुआ जितना की हिंदुस्तान में हुआ है | और मुझे खतरा लगता है कि कही सोशलिस्ट पार्टी कि हुकूमत में भी ऐसा ना हो जाये कि लड़ने वालो का तो एक गिरोह बने और जब हुकूमत का काम चलाने का वक़्त आये तब दूसरा गिरोह आ जाये | डॉ लोहिया कि यह चिंता दुर्भाग्य वश समाजवादी पार्टी के शासन काल में अमर प्रभाव के चलते वाजिब साबित हुई और जिसका खामियाजा भी सपा ने भुगता | बा मुश्किल सत्ता कि दलाली करने वाले गिरोह के मुखिया से सपा को निजात मिला और तब सपा के विचारधारा आधारित नेताओ व कार्यकर्ताओ को एक असीम सुख-आनंद की अनुभूति हुई थी | क्रांति रथ के माध्यम से जन संवाद , जन संपर्क पर निकले अखिलेश यादव को अपने इर्द-गिर्द लगातार बने रहने वाले चापलूस,जनाधार विहीन,फरेबी,दलाल प्रवृति के लोग ना जमने पाए यह विशेष ध्यान देना होगा | ऐसे स्वार्थी तत्वों कि शिनाख्त करके जो अपने अपने विधान सभा में प्रत्याशियो की मदद करने के बजाय उनके आगे पीछे घुमा करते है उनको तत्काल हटा देना चाहिए | नेतृत्व के अगल बगल रहकर चित्र खिचवा के विधान सभा का टिकेट कटवाने -दिलवाने का खेल भी चल रहा है यह ध्यान देना अखिलेश यादव के लिए जरुरी है | लोकतंत्र में किसी को भी विजय श्री मतदाताओ के द्वारा मत दिये जाने के कारण ही होती है | मतदाता संगठन के ,संगठन के नेताओ के विचार ,क्रिया कलाप व संघर्ष के कारण अपना समर्थन व अमूल्य मत देकर प्रत्याशी को विजयी बनाता है | युवा समाजवादी संघर्ष के प्रतीक अखिलेश यादव को अपने साथ सिर्फ विचारवान , संघर्ष शील युवा साथियो को ही रखना चाहिए | क्रांति रथ यात्रा के प्रारंभिक चरण में ही समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ़ कहा था कि विधान सभा के घोषित सभी प्रत्याशी सिर्फ अपने अपने विधान सभा के कार्यक्रमों में ही भागीदारी करे ,चुनाव कार्य में जुटे ,मतदाताओ के बीच बने रहे और चुनाव जीतने के बाद लखनऊ आये | पार्टी नेतृत्व को ध्यान देना चाहिए की क्या उसकी बातो पर तनिक भी ध्यान दिया जा रहा है? वो कौन लोग है जो स्पष्ट निर्देशों के बाद भी धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के प्रेरणा पुंज डॉ राम मनोहर लोहिया और छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र के चित्र व जिक्र तक से परहेज़ कर रहे है | अब समाजवादी पार्टी के संगठन को , नेतृत्व को खुद , अखिलेश यादव को संगठन व पार्टी के घोषित प्रत्याशियो की होने वाली बैठक में उपरोक्त बिन्दुओ को संज्ञान में लेकर कड़े निर्देश जारी करने चाहिए | अंत में एक बात सब से जरुरी हर जगह अपना फोटो साथ में खिचवाने वाले और जगह जगह आलाकामान से निजी रिश्ते होने की बात कहने वाले चन्द एक लोगो को अपने से दूर अखिलेश यादव हटाते है या उनसे गलबहिया करके उन लोगो के द्वारा कही जा रही तमाम बातो को पुख्ता करते है | सभी विपक्षी दलों सहित मिडिया की भी नज़र इस समय अखिलेश यादव व उनके इर्द गिर्द के लोगो पर यह यह बात सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव को नहीं भुलाना चाहिए | अतीत की गलती ना दुहराने से भविष्य सँवरता ही है |

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