Thursday, February 16, 2012

अंतर्जाल के अनुभव व उपयोगिता -फेसबुक के मित्रो के नज़रिए से---

मेरे प्रश्न कि फेसबुक कि इस दुनिया में आपके अनुभव क्या है ? को मित्रो ने पसंद करते हुये इसके प्रतिउत्तर में अपनी टिप्पणी भी दर्ज करी | मेरे इस पोस्ट को पसंद व टिप्पणी करने वालो में गौतम बुद्ध नगर के जिला प्रचार ,प्रसार प्रमुख एवं विद्यार्थी कार्य प्रमुख - राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अवधेश पाण्डेय ,ग्रेटर नोयडा के यूनाईटेड कालेज ऑफ़ इंजिनियरिंग एंड कालेज के अमित शुक्ल , लखनऊ इंदिरा नगर निवासी अमित तुलसी , बाराबंकी के मोहम्मद फैसल ,बाराबंकी के निवासी और बाबु बनारसी दास कालेज के दन्त चिकित्सा के विद्यार्थी शशांक शेखर मिश्र , लखनऊ से प्रकाशित लोकमत दैनिक पेपर के उप संपादक प्रणय विक्रम सिंह , आगरा के निवासी नरेश कुमार पारस , भिवंडी के निवासी बलवीर चौधरी , कलकत्ता के निवासी और व्यावसायिक प्रबंधन के विद्यार्थी सियाबिहारी शर्मा , बाराबंकी के निवासी सतीश कुमार सिंह , दिल्ली के मनीष कुमार शर्मा , दिल्ली में कार्यरत ताबिश रिज़वी , आज़मगढ़ के निवासी और वर्तमान में बैंगलोर में कार्यरत दरश यादव है |अवधेश पांडे जी ने फेसबुक को काम करने का साधन बताते हुये टिप्पणी की शुरुआत की | किसी दिन अवधेश पांडे की लिखी हुई रचनाओ को भी आप पाठको के सामने प्रस्तुत करूँगा ,वास्तव में अंतर्जाल को काम करने का ,अपनी भावनाओ को प्रचारित करने का माध्यम बनाने वालो में एक नाम पांडे जी का है ही | दरश यादव जी ने फेसबुक को राजनीतिक प्रचार व संपर्क का एक सशक्त-त्वरित माध्यम बताया और उन्होंने उदाहरण दिया कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फेसबुक पे अपनी उपस्थिति से अपने समर्थको के लिए अपनी बात पहुचने में ,मिलने में आने वाली दुश्वारियो को सरल कर दिया है | मनीष कुमार शर्मा जी ने लोगो के पास समय की कमी होने के इन हालात में समाज को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम करार दिया और सतीश कुमार सिंह ने फेसबुक को दूर दराज़ के लोगो को आपस में जोड़ने के लिए धन्यवाद देते हुये अपनी भावना को उजागर किया |ताबिश रिज़वी जी जो की मेरे ५ मित्रो के साझा मित्र है और अभी मेरे फेसबुक की मित्र मंडली में शामिल नहीं है ,ने बहुत ही खूबसूरती से नकारात्मक और सकारात्मक पहलू का जिक्र अपनी टिप्पणी में किया | दिल्ली की निवासी कल्पना शर्मा के अनुसार समाज की तरह ही फेसबुक पर भी उनका अनुभव व्यक्ति दर व्यक्ति अलग रहा है और यहाँ अच्छे लोगो की तादाद उन्हें ज्यादा मिली | तमाम फेसबुक के समूह में अनजानों ने इस बात को पसंद तो किया लेकिन टिप्पणी नहीं की,खैर टिप्पणी आने पर उनकी बातो को आपके सम्मुख रखने की कोशिश करूँगा | आज लखनऊ के वरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता -लेखक राजीव चतुर्वेदी जी ने फेसबुक पे अभिव्यक्ति को लेकर एक सटीक रचना लिखी | अगले अंक में फेसबुक से अपनी पसंदीदा सार्थक रचनाओ और विचारो को लिखूंगा या उत्तर प्रदेश के राजनीति घमासान पर होने वाली फेसबुक पर चर्चाओ पर |

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